नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में पालतू कुत्तों के बच्चों, बुजुर्गों समेत लोगों पर हमला करने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. आवारा कुत्ते और पालतू कुत्ते द्वारा किए जा रहे लोगों पर हमले को लेकर लगातार गाजियाबाद में विरोध-प्रदर्शन भी देखने को मिलते रहे हैं. जिसको लेकर गाजियाबाद नगर निगम सख्त हो गया है.
नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुज के मुताबिक हाल ही में हुई नगर निगम की सदन की बोर्ड बैठक में पालतू कुत्तों की रजिस्ट्रेशन फीस में इजाफा करने का निर्णय लिया गया है. पहले नगर निगम में पालतू कुत्ते का रजिस्ट्रेशन करने के लिए ₹200 का शुल्क चुकाना पड़ता था जबकि ₹100 रिन्यूअल फीस थी. सदन ने रजिस्ट्रेशन फीस को बढ़ाकर ₹1000 और रिन्यूअल फीस को बढ़ाकर ₹500 किया है. 1 अप्रैल से नए शुल्क लागू होंगे. पालतू कुत्ता पालने वाली जो लोग नगर निगम में अपने डॉग का रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे उन पर निगम द्वारा ₹5000 का जुर्माना लगाया जाएगा.
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नगर निगम के मुताबिक पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है. पालतू कुत्ते का रजिस्ट्रेशन कुत्ते के रेबीज वैक्सीनेशन के बाद किया जाता है. रजिस्ट्रेशन करने के पीछे नगर निगम का मकसद सुनिश्चित करना है कि गाजियाबाद में पल रहे पालतू कुत्ते वैक्सिनेटेड हो. नगर निगम द्वारा बनाए गए नियमों के मुताबिक एक घर में केवल चार पालतू कुत्ते ही रख सकते हैं.
बता दें कि गाजियाबाद में कुत्तों के आतंक के कई खौफनाक मामले सामने आ चुके हैं. सितंबर 2022 में पिटबुल ने 10 साल के बच्चे पर हमला कर जख्मी कर दिया था. बच्चा से हमले से सहम गया था और चेहरे पर तकरीबन डेढ़ सौ टाकें आए थे. गाजियाबाद में औसतन हर महीने पेट डॉग बाइट के डेढ़ हजार मामले सामने आ रहे हैं.
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