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सेवा ही भाव: कोविड के वॉरियर डॉ परिमल को मिला सम्मान, कहा- मानव सेवा ही उद्देश्य - CORONA WARRIOR DR PARIMAL GET HONOR

गिरिडीह के चर्चित चिकित्सक डॉ परिमल को सम्मान मिला है. डॉ परिमल कोरोना वॉरियर रह चुके हैं.

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सम्मान ग्रहण करते डॉ परिमल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 10, 2024, 2:48 PM IST

गिरिडीह: सरकारी सेवा में रहने के बावजूद कई चिकित्सक ऐसे हैं जिनपर निजी प्रेक्टिस करने का आरोप लगता है. कई चिकित्सक निजी प्रैक्टिस करते भी हैं लेकिन कई ऐसे चिकित्सक हैं जो सरकारी सेवा में रहते हुए लोगों का मुफ्त इलाज करते हैं. ऐसे ही चिकित्सकों में एक हैं डॉ परिमल सिन्हा. डॉ परिमल सेंट्रल कोल्फील्ड लिमिटेड में कार्यरत हैं और वर्तमान में ये सीसीएल गिरिडीह एरिया के डिप्टी सीएमओ हैं.

उनके द्वारा कोलकर्मियों का इलाज करने के साथ-साथ बाहरी मरीजों का भी इलाज किया जाता है. बाहरी मरीज से इलाज के दौरान उनके द्वारा किसी प्रकार की फीस नहीं ली जाती है. ग्रामीण क्षेत्र में भी जाकर उनके द्वारा निशुल्क सेवा दी जाती है. उनके घर पर भी कोई मरीज पहुंचता है तो उनका इलाज करते हैं. अब उन्हें एक संस्था द्वारा राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान से नवाजा गया है. दिल्ली में उन्हें सम्मानित किया गया. सम्मान पाने के बाद ये गिरिडीह पहुंचे तो लोगों ने उनका स्वागत किया है.

संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

डॉ परिमल बताते हैं कि वह लगातार ग्रामीण क्षेत्र जाते हैं. स्कूली बच्चों का इलाज करते हैं. सरकारी स्कूलों में फ्री मेडिकल कैंप लगवाकर उन्होंने तीन हजार से अधिक बच्चों का ब्लड ग्रुप जांच करवाया. ब्लड डोनेशन कैंप लगवाया. लोगों की सेवा में जुटे रहे. उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें सीसीएल के सीएमडी के साथ गिरिडीह के जीएम बासब चौधरी समेत कई अधिकारियों का पूरा सहयोग मिलता रहा. उनके घरवाले भी उनका पूरा साथ देते हैं. उन्हें तो अच्छा वेतन मिलता है, ऐसे में कुछ कार्य मानवता के लिए करना जरूरी है.

कोविड वॉरियर रह चुके हैं परिमल

बता दें कि कोरोना काल में भी इनके द्वारा खुलकर मरीजों का इलाज किया गया था. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में भी डॉ परिमल ने सैकड़ों मरीजों का इलाज किया था. कोविड काल में उनके सास ससुर भी संक्रमित हो गए थे, इसके बावजूद उन्होंने लोगों का इलाज करना नहीं छोड़ा था. परिमल कहते हैं कि किसी भी सरकारी-गैर सरकारी संस्था द्वारा सम्मान मिलता है तो इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है.

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ये भी पढ़ें: खूंटी सदर अस्पताल से गायब रहीं डॉ नीलम दास को सरकार ने किया बर्खास्त, कोरोना काल से थीं गायब

गिरिडीह: सरकारी सेवा में रहने के बावजूद कई चिकित्सक ऐसे हैं जिनपर निजी प्रेक्टिस करने का आरोप लगता है. कई चिकित्सक निजी प्रैक्टिस करते भी हैं लेकिन कई ऐसे चिकित्सक हैं जो सरकारी सेवा में रहते हुए लोगों का मुफ्त इलाज करते हैं. ऐसे ही चिकित्सकों में एक हैं डॉ परिमल सिन्हा. डॉ परिमल सेंट्रल कोल्फील्ड लिमिटेड में कार्यरत हैं और वर्तमान में ये सीसीएल गिरिडीह एरिया के डिप्टी सीएमओ हैं.

उनके द्वारा कोलकर्मियों का इलाज करने के साथ-साथ बाहरी मरीजों का भी इलाज किया जाता है. बाहरी मरीज से इलाज के दौरान उनके द्वारा किसी प्रकार की फीस नहीं ली जाती है. ग्रामीण क्षेत्र में भी जाकर उनके द्वारा निशुल्क सेवा दी जाती है. उनके घर पर भी कोई मरीज पहुंचता है तो उनका इलाज करते हैं. अब उन्हें एक संस्था द्वारा राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान से नवाजा गया है. दिल्ली में उन्हें सम्मानित किया गया. सम्मान पाने के बाद ये गिरिडीह पहुंचे तो लोगों ने उनका स्वागत किया है.

संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

डॉ परिमल बताते हैं कि वह लगातार ग्रामीण क्षेत्र जाते हैं. स्कूली बच्चों का इलाज करते हैं. सरकारी स्कूलों में फ्री मेडिकल कैंप लगवाकर उन्होंने तीन हजार से अधिक बच्चों का ब्लड ग्रुप जांच करवाया. ब्लड डोनेशन कैंप लगवाया. लोगों की सेवा में जुटे रहे. उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें सीसीएल के सीएमडी के साथ गिरिडीह के जीएम बासब चौधरी समेत कई अधिकारियों का पूरा सहयोग मिलता रहा. उनके घरवाले भी उनका पूरा साथ देते हैं. उन्हें तो अच्छा वेतन मिलता है, ऐसे में कुछ कार्य मानवता के लिए करना जरूरी है.

कोविड वॉरियर रह चुके हैं परिमल

बता दें कि कोरोना काल में भी इनके द्वारा खुलकर मरीजों का इलाज किया गया था. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में भी डॉ परिमल ने सैकड़ों मरीजों का इलाज किया था. कोविड काल में उनके सास ससुर भी संक्रमित हो गए थे, इसके बावजूद उन्होंने लोगों का इलाज करना नहीं छोड़ा था. परिमल कहते हैं कि किसी भी सरकारी-गैर सरकारी संस्था द्वारा सम्मान मिलता है तो इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है.

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