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कोटा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह: राज्यपाल ने कहा-कृषि में एआई और ड्रोन जैसे नवाचारों का बढ़े प्रयोग - Governor urges to use AI and drone

कोटा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय में कृषि की काफी चुनौतियां हैं, लेकिन एआई और ड्रोन जैसे नवीनतम प्रयोग से यह आगे भी बढ़ रही है. इनका और प्रयोग करना चाहिए.

governor speech in convocation of Agri uni
कोटा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 25, 2024, 9:24 PM IST

कोटा. एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कोटा का सातवां दीक्षांत समारोह मंगलवार को विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित हुआ. इसमें शिरकत करने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र पहुंचे. समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय में कृषि की काफी चुनौतियां हैं, लेकिन नवीनतम प्रयोग से यह आगे भी बढ़ रही है. कृषि के क्षेत्र में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बड़ा है और ड्रोन जैसी तकनीक से खेती के तरीकों में बदलाव हुआ है.

उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से किसान फसलों के मैनेजमेंट में काफी मदद ले रहा है. जिसमें बीमारियों व फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों की पहचान, वेदर इनफॉरमेशन ओर मार्केट में बेचने के समय क्या भाव चल रहा है. दूसरी तरफ ड्रोन का उपयोग करते हुए कीटनाशक उर्वरक का छिड़काव भी किया जा रहा है. ऐसे में इन दोनों नवाचार को बढ़ावा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोटा संभाग में एग्री-टूरिज्म के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. एग्री-टूरिज्म कृषि के क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देगी.

पढ़ें: कोटा कृषि विश्वविद्यालय ने ईजाद की फसलों की 4 नई किस्में, दीक्षांत समारोह में होगा लोकार्पण - Agricultural University Kota

दीक्षांत अतिथि के रूप में उपस्थित हुए आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक और रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के वाइस चांसलर डॉ पंजाब सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत कृषि को ध्यान में रखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा साइंस, रोबोटिक और नैनो टेक्नोलॉजी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता है. स्टूडेंट में एक्सपेरिमेंट लर्निंग से कौशल विकास व इफेक्टिव टीचिंग के लिए मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना होगा. उन्होंने कहा कि खेती में रसायन का प्रयोग मानव के स्वास्थ्य पर हो रहा है. इसे बचाने के लिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करना होगा. इसके लिए इंटीग्रेटेड क्रॉप मैनेजमेंट और क्रॉप रिड्यूस मैनेजमेंट की पद्धतियां हमारे किसानों को समझनी होगी.

पढ़ें: राजस्थान विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह: गोल्ड मेडल लेने में छात्राओं ने मारी बाजी, राज्यपाल ने संविधान पार्क का किया लोकार्पण - convocation of Rajasthan University

यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर अभय कुमार व्यास ने संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने खरीफ और रबी की फसलों में उन्नत किस्म का 14807 क्विंटल गुणवत्ता का बीज उत्पादित किया है. यह लगातार बढ़ रहा है, संभाग में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में महर्षि पाराशर कृषि शोधपीठ स्थापित की गई है. दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की विकसित चना व उड़द की चार नई किस्मों का लोकार्पण किया. कॉमन इंक्युबेशन सेंटर, बीज संवर्धन व प्रसंस्करण इकाई खानपुर व अकलेरा, वातानुकूलित निराद्रीकृत बीज गोदाम का लोकार्पण किया.

पढ़ें: एमडीएस यूनिवर्सिटी का 11 दीक्षांत समारोह: राज्यपाल ने सौंपे मेडल, कहा-रोजगार परक हो शिक्षा - MDS University convocation

इस दौरान कलराज मिश्र, दीक्षांत अतिथि पंजाब सिंह और प्रो. एके व्यास ने विकसित तकनीकी व विश्वविद्यालय की तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. दीक्षान्त समारोह में विधायक लाडपुरा कल्पना देवी और कोटा के सभी यूनिवर्सिटी के कुलपति मौजूद रहे.

अश्विनी कुलाधिपति और श्वेता कुलपति पदक: कार्यक्रम के दौरान समारोह में 310 अभ्यर्थियों को उपाधियां दी गई. इनमें 33 फीसदी छात्राएं हैं. वहीं चांसलर और वाइस चांसलर गोल्ड मेडल भी छात्राओं को ही मिला. जिनमें एग्रीकल्चर कॉलेज उम्मेंदगंज कोटा की एमएससी एग्रीकल्चर जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग की स्टूडेंट अश्विनी मेहता को चांसलर गोल्ड मेडल 2023 का अवार्ड दिया गया. इसी के साथ वाइस चांसलर्स गोल्ड मेडल अवार्ड हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री कॉलेज झालावाड़ की बीएससी ऑनर्स हॉर्टिकल्चर की स्टूडेंट श्वेता चुघ को मिला.

6 छात्राएं और 4 छात्रों को मिले गोल्ड: बैचलर्स की पढ़ाई में गोल्ड मेडल हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री कॉलेज झालावाड़ में बीएससी ऑनर्स हॉर्टिकल्चर की स्टूडेंट श्वेता चुघ, बीएससी ऑनर्स फॉरेस्ट्री के स्टूडेंट संजय सैनी और एग्रीकल्चर कॉलेज उम्मेदगंज के बीएससी ऑनर्स एग्रीकल्चर के युक्तेश औदिच्य को मिला. जबकि पोस्ट ग्रेजुएट गोल्ड मेडल अवार्ड एग्रीकल्चर कॉलेज उम्मेंदगंज कोटा की एमएससी एग्रीकल्चर जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग की स्टूडेंट अश्विनी मेहता, एमएससी एग्रीकल्चर सॉइल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री की बरखा कुमारी वर्मा, एमएससी एग्रीकल्चर हॉर्टिकल्चर के स्टूडेंट संपत्ति यादव, एमएससी एग्रीकल्चर प्लांट पैथोलॉजी के मनराज धाकड़ और हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री कॉलेज झालावाड़ के एमएससी हॉर्टिकल्चर फ्रूट साइंस के स्टूडेंट विश्वदीप बालियान को मिले है.

इन 5 स्टूडेंट को पीएचडी अवार्ड: दीक्षांत समारोह में 10 गोल्ड मेडल दिए गए. इनमें से 6 छात्राएं और 4 छात्र हैं. जबकि पांच स्टूडेंट्स को पीएचडी की उपाधि दी गई. जिनमें हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री कॉलेज झालावाड़ के विक्रम कुमार यादव को फ्रूट साइंस, भूपेंद्र सिंह को सिल्विकल्चर ऑफ एग्रोफोरेस्ट्री, एग्रीकल्चर कॉलेज उम्मेदगंज कि निकिता कुमारी को प्लांट पैथोलॉजी गजेंद्र नगर को एग्रोनॉमी और रवि साहू को प्लांट पैथोलॉजी में शोध करने पर पीएचडी की उपाधि मिली.

कोटा. एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कोटा का सातवां दीक्षांत समारोह मंगलवार को विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित हुआ. इसमें शिरकत करने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र पहुंचे. समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय में कृषि की काफी चुनौतियां हैं, लेकिन नवीनतम प्रयोग से यह आगे भी बढ़ रही है. कृषि के क्षेत्र में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बड़ा है और ड्रोन जैसी तकनीक से खेती के तरीकों में बदलाव हुआ है.

उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से किसान फसलों के मैनेजमेंट में काफी मदद ले रहा है. जिसमें बीमारियों व फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों की पहचान, वेदर इनफॉरमेशन ओर मार्केट में बेचने के समय क्या भाव चल रहा है. दूसरी तरफ ड्रोन का उपयोग करते हुए कीटनाशक उर्वरक का छिड़काव भी किया जा रहा है. ऐसे में इन दोनों नवाचार को बढ़ावा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोटा संभाग में एग्री-टूरिज्म के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. एग्री-टूरिज्म कृषि के क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देगी.

पढ़ें: कोटा कृषि विश्वविद्यालय ने ईजाद की फसलों की 4 नई किस्में, दीक्षांत समारोह में होगा लोकार्पण - Agricultural University Kota

दीक्षांत अतिथि के रूप में उपस्थित हुए आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक और रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के वाइस चांसलर डॉ पंजाब सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत कृषि को ध्यान में रखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा साइंस, रोबोटिक और नैनो टेक्नोलॉजी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता है. स्टूडेंट में एक्सपेरिमेंट लर्निंग से कौशल विकास व इफेक्टिव टीचिंग के लिए मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना होगा. उन्होंने कहा कि खेती में रसायन का प्रयोग मानव के स्वास्थ्य पर हो रहा है. इसे बचाने के लिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करना होगा. इसके लिए इंटीग्रेटेड क्रॉप मैनेजमेंट और क्रॉप रिड्यूस मैनेजमेंट की पद्धतियां हमारे किसानों को समझनी होगी.

पढ़ें: राजस्थान विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह: गोल्ड मेडल लेने में छात्राओं ने मारी बाजी, राज्यपाल ने संविधान पार्क का किया लोकार्पण - convocation of Rajasthan University

यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर अभय कुमार व्यास ने संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने खरीफ और रबी की फसलों में उन्नत किस्म का 14807 क्विंटल गुणवत्ता का बीज उत्पादित किया है. यह लगातार बढ़ रहा है, संभाग में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में महर्षि पाराशर कृषि शोधपीठ स्थापित की गई है. दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की विकसित चना व उड़द की चार नई किस्मों का लोकार्पण किया. कॉमन इंक्युबेशन सेंटर, बीज संवर्धन व प्रसंस्करण इकाई खानपुर व अकलेरा, वातानुकूलित निराद्रीकृत बीज गोदाम का लोकार्पण किया.

पढ़ें: एमडीएस यूनिवर्सिटी का 11 दीक्षांत समारोह: राज्यपाल ने सौंपे मेडल, कहा-रोजगार परक हो शिक्षा - MDS University convocation

इस दौरान कलराज मिश्र, दीक्षांत अतिथि पंजाब सिंह और प्रो. एके व्यास ने विकसित तकनीकी व विश्वविद्यालय की तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. दीक्षान्त समारोह में विधायक लाडपुरा कल्पना देवी और कोटा के सभी यूनिवर्सिटी के कुलपति मौजूद रहे.

अश्विनी कुलाधिपति और श्वेता कुलपति पदक: कार्यक्रम के दौरान समारोह में 310 अभ्यर्थियों को उपाधियां दी गई. इनमें 33 फीसदी छात्राएं हैं. वहीं चांसलर और वाइस चांसलर गोल्ड मेडल भी छात्राओं को ही मिला. जिनमें एग्रीकल्चर कॉलेज उम्मेंदगंज कोटा की एमएससी एग्रीकल्चर जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग की स्टूडेंट अश्विनी मेहता को चांसलर गोल्ड मेडल 2023 का अवार्ड दिया गया. इसी के साथ वाइस चांसलर्स गोल्ड मेडल अवार्ड हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री कॉलेज झालावाड़ की बीएससी ऑनर्स हॉर्टिकल्चर की स्टूडेंट श्वेता चुघ को मिला.

6 छात्राएं और 4 छात्रों को मिले गोल्ड: बैचलर्स की पढ़ाई में गोल्ड मेडल हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री कॉलेज झालावाड़ में बीएससी ऑनर्स हॉर्टिकल्चर की स्टूडेंट श्वेता चुघ, बीएससी ऑनर्स फॉरेस्ट्री के स्टूडेंट संजय सैनी और एग्रीकल्चर कॉलेज उम्मेदगंज के बीएससी ऑनर्स एग्रीकल्चर के युक्तेश औदिच्य को मिला. जबकि पोस्ट ग्रेजुएट गोल्ड मेडल अवार्ड एग्रीकल्चर कॉलेज उम्मेंदगंज कोटा की एमएससी एग्रीकल्चर जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग की स्टूडेंट अश्विनी मेहता, एमएससी एग्रीकल्चर सॉइल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री की बरखा कुमारी वर्मा, एमएससी एग्रीकल्चर हॉर्टिकल्चर के स्टूडेंट संपत्ति यादव, एमएससी एग्रीकल्चर प्लांट पैथोलॉजी के मनराज धाकड़ और हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री कॉलेज झालावाड़ के एमएससी हॉर्टिकल्चर फ्रूट साइंस के स्टूडेंट विश्वदीप बालियान को मिले है.

इन 5 स्टूडेंट को पीएचडी अवार्ड: दीक्षांत समारोह में 10 गोल्ड मेडल दिए गए. इनमें से 6 छात्राएं और 4 छात्र हैं. जबकि पांच स्टूडेंट्स को पीएचडी की उपाधि दी गई. जिनमें हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री कॉलेज झालावाड़ के विक्रम कुमार यादव को फ्रूट साइंस, भूपेंद्र सिंह को सिल्विकल्चर ऑफ एग्रोफोरेस्ट्री, एग्रीकल्चर कॉलेज उम्मेदगंज कि निकिता कुमारी को प्लांट पैथोलॉजी गजेंद्र नगर को एग्रोनॉमी और रवि साहू को प्लांट पैथोलॉजी में शोध करने पर पीएचडी की उपाधि मिली.

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