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ओलम्पिक खेलों में राजस्थान की स्थिति को लेकर इस पूर्व ओलम्पियन ने कही बड़ी बात, बोले- सुधार की बहुत जरूरत - Olympic Games 2024

खेलों के महाकुंभ यानि पेरिस ओलम्पिक की शुरुआत शुक्रवार यानि 26 जुलाई से होने जा रही है. पेरिस ओलंप‍िक में भारत से 117 ख‍िलाड़‍ियों का दल गया है. इन खिलाड़ियों से सभी को पदक की उम्मीद है. इस मामले में राजस्थान के पूर्व ओलंम्पियन गोपाल सैनी से विशेष बातचीत की गई. पढ़िए पूरी बातचीत...

Olympic Games 2024
पूर्व ओलम्पियन गोपाल सैनी (PHOTO ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 25, 2024, 5:10 PM IST

पूर्व ओलम्पियन गोपाल सैनी. (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: शुक्रवार से पेरिस में होने वाले खेलों के महाकुंभ ओलं​म्पिक गेम्स में राजस्थान से मात्र दो खिलाड़ी ही भाग ले रहे हैं. खेलों में राजस्थान की स्थिति को लेकर पूर्व ओ​लंम्पियन गोपाल सैनी ने कहा कि राजस्थान में अभी बहुत सुधार की जरूरत है.उन्होंने कहा कि समय के अनुरूप देश में खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाओं में खासा सुधार हुआ है, लेकिन अभी इस मामले में काफी कुछ किया जाना है.

44 साल पहले मास्को ओलंपिक में भाग लेने वाले जयपुर के ओलंपियन गोपाल सैनी बताते हैं कि इस बार के ओलंपिक में भारत को बड़ी संख्या में पदकों की उम्मीद है और पिछले कई दशकों में ओलंपिक खेल में काफी बदलाव भी आए हैं. उनका कहना था कि तब और अब के ओलंपिक खेलों तथा खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाओं में काफी बदलाव आया है. साथ ही खिलाड़ियों के लिए प्रतिस्पर्द्धा भी काफी कड़ी हो गई है.

पढ़ें: भारत को मिला भविष्य का पावरलिफ्टर, 6 साल की उम्र में उठा लेता है 80 किलो वजन

ओलम्पिक खेलों का महाकुंभ: पूर्व ओलंपियन गोपाल सैनी का मानना है कि ओलंपिक खेल खिलाड़ियों के लिए एक बहुत बड़ा मंच है. साथ ही ओलंपिक में जाना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. सैनी का यह भी कहना था कि ओलंपिक खेलों का महाकुंभ है और इसमें भाग लेना कुंभ स्नान के बराबर है. इनका कहना है कि पिछले कुछ सालों में देश में खेलों का स्तर काफी बढ़ गया है. पिछले ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचा था. पहलवानी और बैडमिंटन जैसे खेलों में भी इस बार पदक की उम्मीद बढ़ रही है. गोपाल सैनी का कहना है कि मोदी सरकार के पिछले दस साल के कार्यकाल में खेलों की स्थिति में काफी सुधार आया है. प्रधानमंत्री खुद खिलाड़ियों से बात कर उनका मनोबल मजबूत करते हैं. इससे खेल पर सकारात्मक असर पड़ता है.

ओलम्पिक बदल गया: गोपाल सैनी वह एथलीट हैं जो मास्को ओलंपिक में भी नंगे पांव दौड़े थे. वर्ष 1981 की टोक्यो एशियाई चैंपियनशिप में 5000 मीटर का स्वर्ण और 3000 मीटर स्टीपलचेज का रजत भी उन्होंने नंगे पैरों से जीता था. गोपाल सैनी का कहना था कि पिछले कई दशकों में ओलंपिक काफी बदल गया है और इसका वर्णन करना ही काफी मुश्किल है. आज खिलाड़ियों को सभी तरह की सुविधाएं मिल रही हैं. खिलाड़ियों के पास सभी तरह के इक्विपमेंट्स मौजूद हैं और विदेशों में भी अब ट्रेनिंग दी जा रही है, लेकिन हमारे समय यह सब सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी. उस समय इंटरनेशनल एथलीट ट्रैक तक नहीं थे. डाइट के लिए भी खर्चा काफी कम किया जाता था, लेकिन अब भारत सरकार खिलाड़ियों को हर वह सुविधा उपलब्ध करा रही है, जिसकी उन्हें आवश्यकता है.

यह भी पढ़ें: भारतीय महिला तीरंदाजी टीम ने पहले दिन बिखेरा जलवा, सीधे क्वार्टरफाइनल में पहुंचा भारत

प्रदेश के खेलों में सुधार की जरूरत: इस बार के ओलंपिक खेलों में राजस्थान से सिर्फ दो खिलाड़ी ही भाग ले रहे हैं. इस पर पूर्व ओलंपियन गोपाल सैनी ने कहा कि अभी भी प्रदेश में खेलों के स्तर को सुधारने की जरूरत है. हरियाणा हमसे बहुत छोटा राज्य है, लेकिन सबसे अधिक खिलाड़ी हरियाणा से ओलंपिक पहुंच रहे हैं. राजस्थान में इंफ्रास्ट्रक्चर और कोच की कमी काफी खल रही है, जो कोच रिटायर हो चुके हैं उनके स्थान पर नए कोच नहीं है. ऐसे में खिलाड़ियों को खेलों से जुड़ी बारीकियां पता ही नहीं चल पाती.

पूर्व ओलम्पियन गोपाल सैनी. (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: शुक्रवार से पेरिस में होने वाले खेलों के महाकुंभ ओलं​म्पिक गेम्स में राजस्थान से मात्र दो खिलाड़ी ही भाग ले रहे हैं. खेलों में राजस्थान की स्थिति को लेकर पूर्व ओ​लंम्पियन गोपाल सैनी ने कहा कि राजस्थान में अभी बहुत सुधार की जरूरत है.उन्होंने कहा कि समय के अनुरूप देश में खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाओं में खासा सुधार हुआ है, लेकिन अभी इस मामले में काफी कुछ किया जाना है.

44 साल पहले मास्को ओलंपिक में भाग लेने वाले जयपुर के ओलंपियन गोपाल सैनी बताते हैं कि इस बार के ओलंपिक में भारत को बड़ी संख्या में पदकों की उम्मीद है और पिछले कई दशकों में ओलंपिक खेल में काफी बदलाव भी आए हैं. उनका कहना था कि तब और अब के ओलंपिक खेलों तथा खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाओं में काफी बदलाव आया है. साथ ही खिलाड़ियों के लिए प्रतिस्पर्द्धा भी काफी कड़ी हो गई है.

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ओलम्पिक खेलों का महाकुंभ: पूर्व ओलंपियन गोपाल सैनी का मानना है कि ओलंपिक खेल खिलाड़ियों के लिए एक बहुत बड़ा मंच है. साथ ही ओलंपिक में जाना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. सैनी का यह भी कहना था कि ओलंपिक खेलों का महाकुंभ है और इसमें भाग लेना कुंभ स्नान के बराबर है. इनका कहना है कि पिछले कुछ सालों में देश में खेलों का स्तर काफी बढ़ गया है. पिछले ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचा था. पहलवानी और बैडमिंटन जैसे खेलों में भी इस बार पदक की उम्मीद बढ़ रही है. गोपाल सैनी का कहना है कि मोदी सरकार के पिछले दस साल के कार्यकाल में खेलों की स्थिति में काफी सुधार आया है. प्रधानमंत्री खुद खिलाड़ियों से बात कर उनका मनोबल मजबूत करते हैं. इससे खेल पर सकारात्मक असर पड़ता है.

ओलम्पिक बदल गया: गोपाल सैनी वह एथलीट हैं जो मास्को ओलंपिक में भी नंगे पांव दौड़े थे. वर्ष 1981 की टोक्यो एशियाई चैंपियनशिप में 5000 मीटर का स्वर्ण और 3000 मीटर स्टीपलचेज का रजत भी उन्होंने नंगे पैरों से जीता था. गोपाल सैनी का कहना था कि पिछले कई दशकों में ओलंपिक काफी बदल गया है और इसका वर्णन करना ही काफी मुश्किल है. आज खिलाड़ियों को सभी तरह की सुविधाएं मिल रही हैं. खिलाड़ियों के पास सभी तरह के इक्विपमेंट्स मौजूद हैं और विदेशों में भी अब ट्रेनिंग दी जा रही है, लेकिन हमारे समय यह सब सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी. उस समय इंटरनेशनल एथलीट ट्रैक तक नहीं थे. डाइट के लिए भी खर्चा काफी कम किया जाता था, लेकिन अब भारत सरकार खिलाड़ियों को हर वह सुविधा उपलब्ध करा रही है, जिसकी उन्हें आवश्यकता है.

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प्रदेश के खेलों में सुधार की जरूरत: इस बार के ओलंपिक खेलों में राजस्थान से सिर्फ दो खिलाड़ी ही भाग ले रहे हैं. इस पर पूर्व ओलंपियन गोपाल सैनी ने कहा कि अभी भी प्रदेश में खेलों के स्तर को सुधारने की जरूरत है. हरियाणा हमसे बहुत छोटा राज्य है, लेकिन सबसे अधिक खिलाड़ी हरियाणा से ओलंपिक पहुंच रहे हैं. राजस्थान में इंफ्रास्ट्रक्चर और कोच की कमी काफी खल रही है, जो कोच रिटायर हो चुके हैं उनके स्थान पर नए कोच नहीं है. ऐसे में खिलाड़ियों को खेलों से जुड़ी बारीकियां पता ही नहीं चल पाती.

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