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बस्तर में डेड बॉडी को दफन होने के लिए करना पड़ा पांच दिनों का इंतजार, कैसे मिला न्याय - Controversy over conversion

बस्तर में धर्मांतरण पर विरोध कोई नई बात नहीं है. पर ऐसा पहली बार हुआ है जब धर्मांतरण किए शख्स की डेड बॉडी पांच दिनों बाद दफन हो सकी. गांव का एक पक्ष गांव में लाश को दफन करने के खिलाफ था. परिवार के लोग थक हारकर कोर्ट की शरण में गए. हाई कोर्ट के आदेश पर आखिरकार पांडो को न्याय मिला और शव को दफन किया जा सका.

Chhattisgarh High Court
बस्तर में फिर उठा धर्मांतरण का विवाद (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 2, 2024, 5:09 PM IST

Updated : Jul 2, 2024, 6:43 PM IST

बस्तर: दशकों से बस्तर में धर्मांतरण का मुद्दा गरम रहा है. धर्मांतरण के पक्ष और विपक्ष में सालों से वाद विवाद चलता आ रहा है. सबसे ज्यादा मुश्किल तब आती है जब धर्मांतरित शक्स की मौत के बाद एक पक्ष उसे गांव में दफनाने नहीं देता. लंबे वक्त से चला आ रहा ये विवाद आज भी जारी है. ताजा मामला बस्तर के परपा थाना इलाके का है. साठ साल की महिला पांडों की बीमारी के चलते मौत हो गई. मौत के बाद परिजन उसे दफनाने के लिए पहुंचे. गांव के दूसरे पक्ष ने शव को दफन करने नहीं दिया.

धर्मांतरण के चलते शव को दफन करने नहीं दिया: पांडो का शव जब दूसरे पक्ष के लोगों ने दफन नहीं करने दिया तब परिजन कोर्ट पहुंचे. बिलासपुर हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत सुनवाई की. कोर्ट के आदेश पर बाद में शव का ईसाई धर्म अनुसार अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रही. कोर्ट के आदेश पर तोकापाल तहसीलदार और दो थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही.

बस्तर में फिर उठा धर्मांतरण का विवाद (ETV Bharat)

''हम लोग शव को वहां दफनाना चाहते थे जहां हमारे पूर्वजों को दफनाया गया है. गांव वालों के एक पक्ष का कहना था कि यहां की जमीन पर दफनाने तभी दिया जाएगा जब वो हिंदू धर्म में शामिल हो जाएगा. शव दफन करने नहीं दिया गया जिससे हम लोग दुखी रहे. जब कोई उपाए नहीं मिला तब हम हाई कोर्ट पहुंचे. कोर्ट के आदेश पर शव को निजी जमीन पर दफनाने की इजाजत मिली. पूरी प्रक्रिया में पांच दिन लग गए. शव को तबतक हम लोगों ने डिमरापाल के मर्च्यूरी में रखवा दिया था. शव का जब अंतिम संस्कार किया जा रहा था तब पुलिस भी तैनात रही.'' - रामलाल कश्यप, मृतक के परिजन

कब होगा विवादों का अंत: सालों से बस्तर में धर्मांतरण के खिलाफ विवाद होता रहा है. प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होती है इस तरह के विवादों को समय रहते हल करना. विधानसभा चुनाव के दौरान भी बस्तर में चल रहे धर्मांतरण के मुद्दे पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा था. बीजेपी ने सरकार में आने से पहले धर्मांतरण पर कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार भी ठहराया था.

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धर्मांतरण के चलते शव को दफन करने नहीं दिया: पांडो का शव जब दूसरे पक्ष के लोगों ने दफन नहीं करने दिया तब परिजन कोर्ट पहुंचे. बिलासपुर हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत सुनवाई की. कोर्ट के आदेश पर बाद में शव का ईसाई धर्म अनुसार अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रही. कोर्ट के आदेश पर तोकापाल तहसीलदार और दो थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही.

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''हम लोग शव को वहां दफनाना चाहते थे जहां हमारे पूर्वजों को दफनाया गया है. गांव वालों के एक पक्ष का कहना था कि यहां की जमीन पर दफनाने तभी दिया जाएगा जब वो हिंदू धर्म में शामिल हो जाएगा. शव दफन करने नहीं दिया गया जिससे हम लोग दुखी रहे. जब कोई उपाए नहीं मिला तब हम हाई कोर्ट पहुंचे. कोर्ट के आदेश पर शव को निजी जमीन पर दफनाने की इजाजत मिली. पूरी प्रक्रिया में पांच दिन लग गए. शव को तबतक हम लोगों ने डिमरापाल के मर्च्यूरी में रखवा दिया था. शव का जब अंतिम संस्कार किया जा रहा था तब पुलिस भी तैनात रही.'' - रामलाल कश्यप, मृतक के परिजन

कब होगा विवादों का अंत: सालों से बस्तर में धर्मांतरण के खिलाफ विवाद होता रहा है. प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होती है इस तरह के विवादों को समय रहते हल करना. विधानसभा चुनाव के दौरान भी बस्तर में चल रहे धर्मांतरण के मुद्दे पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा था. बीजेपी ने सरकार में आने से पहले धर्मांतरण पर कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार भी ठहराया था.

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Last Updated : Jul 2, 2024, 6:43 PM IST
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