अलवर. कांट्रेक्चुअल कंप्यूटर एम्पलाई व संविदा प्लेसमेंट संघर्ष समिति ने राजस्थान सरकार के खिलाफ शहर के शहीद स्मारक पर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. इसमें सरकार के सभी विभागों में ठेके पर नियुक्ति कर्मचारी शामिल हुए. उन्होंने वाहन चालकों, दुकानदारों और राहगीरों से भीख मांग कर पैसे इकट्ठा किया. कर्मचारी महासंघ के संरक्षक ने कहा कि यह पैसा अलवर जिला कलेक्टर को सौंपा जाएगा और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तक भिजवाया जाएगा, ताकि उन्हें ठेका प्रथा बंद करने की याद आए.
कर्मचारी महासंघ के संरक्षक खेमचंद सोमवंशी ने बताया कि पिछले कई वर्षों से मांगे मनवाने के लिए समिति की ओर से कई ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन इस ओर किसी सरकार का ध्यान नहीं गया. इसी कड़ी में अलवर शहर के शहीद स्मारक पर कर्मचारियों द्वारा अनूठा प्रदर्शन किया गया. इसमें शहर के सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों ने सड़क पर भीख मांग कर राशि इकट्ठा की. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सरकार ने भीख मांगने पर मजबूर कर दिया है.
पढ़ें: लंबे समय से कार्यरत संविदा कर्मी को नियमित नहीं करने पर मांगा जवाब
183 रुपए जुटे भीख में: इस भीख में 183 रुपए जुटाए गए. इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एवं राशि जिला कलेक्टर को सौंपी गई. समिति के प्रदेश सचिव यश जोशी ने कहा कि सरकार के खजाने में पैसा खत्म हो गया है. यह पैसा राजस्व को भरने के लिए इकट्ठा किया गया. इसमें शहर से भीख मांग कर पैसा इकट्ठा किया गया. हमारा यह कदम उठाने के पीछे यह कारण रहा कि सरकार को शर्म आए और वह आरएलएसडीसी बोर्ड का गठन करके जल्द ही ठेका प्रथा बंद करें. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने पिछले विधानसभा सत्र में 1 अक्टूबर 2023 को सरकारी विभागों में ठेका पर कर्मचारी लेने की प्रथा को समाप्त कर आरएलएसडीसी द्वारा लेने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन इस बीच चुनाव आ गए और यह प्रस्ताव कागजों में ही रह गया.
संविदाकर्मियों को बजट से थी आस: महासंघ के संरक्षक खेमचंद सोमवंशी ने कहा कि संविदा कर्मियों का लगातार शोषण किया जा रहा है. सरकारी विभागों के अधिकतर कार्य संविदा कर्मियों द्वारा ही किया जा रहे हैं. राजस्थान के बजट से भी संविदा कर्मियों को बड़ी आस थी, लेकिन संविदा कर्मियों या ठेका कर्मचारियों पर बजट में कोई ध्यान नहीं दिया गया. सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह कदम उठाया गया है. यदि मांगे नहीं मानी गई तो 25 जुलाई को जयपुर में जगह चिन्हित कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.