पटना : मुजफरपुर की खुशी अपहरण केस में सीबीआई और एसएसपी मुजफ्फरपुर के विरुद्ध पटना हाईकोर्ट में अवमानना वाद दायर किया गया है. खुशी का अपहरण फरवरी 2021 में हुआ था, जिसका अनुसंधान बिहार पुलिस कर रही थी. लेकिन अनुसंधान ठीक ढंग से नहीं होने के कारण अपहरण कांड की जांच पटना हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर 2022 को सीबीआई को सौंपा था. कोर्ट ने CBI को आदेश दिया था कि प्राथमिकता के आधार पर इस केस का अनुसंधान करें.
CBI और SSP मुजफ्फरपर के विरुद्ध अवमानना याचिका : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओमप्रकाश ने बताया कि सीबीआई 15 महीना के बाद भी कोई ठोस नतीजा पर नहीं आई. वहीं दूसरी तरफ कोर्ट ने एसएसपी मुज़फ़्फ़रपुर को भी आदेश दिया था कि इस कांड में जितने भी अनुसंधानकर्ता एवं निरीक्षी पदाधिकारी रहे हैं सबको चिन्हित करें और उचित कारवाई करें. लेकिन एसएसपी ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया.
क्या है मामला? : इसी कारण अनुपालन करवाने के लिए अधिवक्ता ओम प्रकाश कुमार ने हाइकोर्ट में अवमानना वाद दायर किया. गौरतलब है कि मुज़फ्फरपुर जिला के ब्रम्हपुरा थाना क्षेत्र के परमरिया टोला के राजन साह के 6 वर्षीय पुत्री खुशी का अपहरण उसके घर के सामने से ही 16 फरवरी 2021 कर लिया गया था. इसके संबंध में ब्रहमपुरा थाना में अपहरण कांड दर्ज करवाया गया था.
मुजफ्फरपुर खुशी अपहरण केस : खुशी को ढूंढने के लिए खुशी के पिता राजन साह ने अथक प्रयास किया था, लेकिन नहीं मिली तो पुलिस प्रशासन का भी दरवाजा खटखटाया. जांच ठीक ढंग से न होने पर कोई फायदा नहीं हुआ, जिसके बाद खुशी के पिता ने पटना हाईकोर्ट में जांच के लिए याचिका दायर किया था.
24 महीने बाद भी नहीं मिली खुशी : हाईकोर्ट में मुजफरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा कई प्रतिशपथ पत्र दायर किया गया, जिसमें कोर्ट को आश्वासन दिया जा रहा था कि जल्द ही पुलिस अपहृत खुशी को खोज लेगी लेकिन तब तक अपहरण का लगभग 24 माह बीत चुका था. अब तक खुशी नहीं बरामद की जा सकी है.
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