पटना: बिहार में स्मार्ट मीटर लोगों के जी का जंजाल बन गया है. बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर सियासत होने लगी है. सभी राजनीतिक पार्टियां इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है. राजद, वाम मोर्चा आंदोलन शुरू कर दी है. वहीं कांग्रेस भी पीछे नहीं रहना चाहती. जबकि पीके भी 3-एस फार्मूले को लेकर स्मार्ट मीटर पर हमलावर हैं. इन सब के बीच उपभोक्ता बिजली बिल के बीच पिस रहे हैं. सरकार भी उपभोक्ताओं के समस्या का समाधान नहीं निकाल पा रही है.
प्रीपेड स्मार्ट मीटर परेशानी का सबब: स्मार्ट मीटर को लेकर बिहार का सियासी पारा सातवें आसमान पर है. राजनीतिक दलों ने स्मार्ट मीटर को चुनावी मुद्दा बना लिया है और अब आंदोलन भी शुरू हो चुका है. बिहार में पोस्टपेड स्मार्ट मीटर की जगह प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं. प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद से लोगों की परेशानी बढ़ चुकी है. अतिरिक्त बिजली बिल से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं.
स्मार्ट मीटर का विरोध: प्रीपेड स्मार्ट मीटर को लेकर कई तरह के कंफ्यूजन हैं. लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उन्हें कितना बिजली बिल हर रोज देना पड़ रहा है और उपभोक्ताओं के ऊपर क्यों बोझ बढ़ गया है. स्मार्ट मीटर का विरोध आम लोग भी कर रहे हैं. बिहार के कई इलाकों में लोग प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध कर रहे हैं. कंपनियों को स्मार्ट मीटर लगाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
नहीं लगाना चाहते स्मार्ट मीटर: पटना के अनीसाबाद इलाके में लोगों ने स्मार्ट मीटर लगाने से मना कर दिया है. ग्रामीण इलाकों में तो कंपनियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है और लोग किसी भी सूरत में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाना नहीं चाहते. वहीं पटना जिले के भदौरा गांव की रहने वाली महिला मीना देवी के पास स्मार्टफोन नहीं होने की वजह से अंधेरे में रहना पड़ता है. क्योंकि वो स्मार्ट मीटर को चार्ज नहीं करा पा रहीं.
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राजनीतिक दलों ने स्मार्ट मीटर को बनाया मुद्दा: लोगों की नाराजगी का फायदा राजनीतिक दल भी उठा रहे हैं. पहले वाम दल उसके बाद राष्ट्रीय जनता दल और फिर अब कांग्रेस ने भी स्मार्ट मीटर के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है. प्रशांत किशोर ने भी स्मार्ट मीटर को मुद्दा बनाने का फैसला किया है. सरकार का आप है कि विपक्ष प्रीपेड स्मार्ट मीटर के मसले पर भ्रम की स्थिति पैदा कर राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है.
"पिछले 2 साल से स्मार्ट मीटर के मुद्दे पर आंदोलन कर रहा हूं. स्मार्ट मीटर ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. बिजली बिल बहुत ज्यादा आ रहा है, गरीब लोगों के लिए बिजली बिल चुकाना मुश्किल साबित हो रहा है. बगैर कोई सूचना के बिजली काट दी जाती है. लोगों को बिजली के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाना चाहती है." - अनीश अंकुर सिविल सोसाइटी
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ग्रामीण इलाके का चार्ज: अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं और 50 यूनिट से कम बिजली खपत करते हैं तो आपको एक यूनिट पर ₹2.45 पैसे देने होंगे. ₹2.85 पैसे सब्सिडी पर यूनिट दिए जाते हैं इस तरीके से कुल मिलाकर 7.42 पैसे पर यूनिट बिजली बिल तय होता है.
शहरी इलाके का चार्ज: आप अगर 100 यूनिट से कम बिजली खर्च करते हैं तो आपको ₹4.12 पैसे प्रति यूनिट चुकाने होंगे जिसमे कि 3.30 पैसे सरकार सब्सिडी देगी कुल ₹7.42 पैसे आपके लिए बिजली बिल तय होगी.
बिजली बिल बाउंस चार्ज: अगर आप 100 यूनिट को पार कर जाते हैं.अगर 100 यूनिट से ऊपर आप बिजली बिल खपत करते हैं तो आपके प्रति यूनिट ₹8.95 पैसा विभाग चार्ज करेगी जिसमें की ₹3.43 पैसे सब्सिडी होंगे उपभोक्ताओं को 5.52 पैसे देने होंगे.
फिक्स्ड चार्ज: बात करें शहरी इलाके में फिक्स्ड चार्ज की तो ₹80 प्रतिमा प्रति किलो वाट चार्ज होता है. इस हिसाब से कुल मिलाकर रोज आपके अकाउंट से ₹2.67 पैसे कटेंगे. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में ₹40 फिक्स्ड चार्ज आपको हर महीने देने होंगे. फिक्स्ड चार्ज में जुर्माना वसूलने का भी प्रावधान है अगर आपने 1 किलो वाट का कनेक्शन ले रखा है और 2 किलोवाट का उपयोग कर लिया तो आपको 1 किलोवाट पर फिक्स चार्ज ₹80 लगेगा लेकिन 1 किलोवाट एक्सेस उपयोग करने पर दुगना जुर्माना किया जाएगा अर्थात 160 रुपए आपका बिल में जुटेगा कुल मिलाकर आपके बिल में 240 रुपए का इजाफा होगा.
अतिरिक्त चार्ज: बिजली विभाग अतिरिक्त चार्ज वसूल करती है. इसके लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी 6% उपभोक्ताओं से वसूला जाता है इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी आपके कुल बिल का 6% होता है. अगर आपका महीने का बिजली बिल बिना सब्सिडी के ₹3000 है तो आपको ₹180 इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी देने होंगे.
"स्मार्ट मीटर से लोगों को परेशानी हो रही है और अधिक बिजली बिल चुकाना पड़ रहा है. प्रीपेड स्मार्ट मीटर तेजी से घूमती है जिसके चलते अधिक यूनिट बिजली उठता है. उपभोक्ताओं को अधिक पैसा देना पड़ता है. हम चाहेंगे कि पोस्टपेड स्मार्ट मीटर जो पहले लगाया गया था. वहीं लगाया जाए प्रीपेड स्मार्ट मीटर पूंजीपतियों के लाभ के लिए लगाया जा रहा है."-डीपी यादव, महामंत्री, बि0हार स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई यूनियन
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