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कोरबा में 340 रुपए की टीशर्ट का उड़ा रंग, उपभोक्ता फोरम ने दुकानदार पर लगाया तगड़ा जुर्माना ! - उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम

Discoloring T shirt in Korba: कोरबा में 340 रुपए की टी-शर्ट का रंग उड़ने के बाद कस्टमर दुकानदार के पास शिकायत लेकर पहुंचा. हालांकि दुकानदार ने ग्राहक को चलता कर दिया. इसके बाद ग्राहक ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की. शिकायत पर उपभोक्ता फोरम ने हजारों का जुर्माना लगाया.

discoloring T shirt in Korba
कोरबा में 340 रुपए की टीशर्ट का उड़ा रंग
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 9, 2024, 10:55 PM IST

कोरबा: कोरबा में दुकान से बच्चे के लिए खरीदा गया स्कूल यूनिफार्म का टी शर्ट घटिया क्वालिटी का निकला. इस पर कस्टमर ने दुकान जाकर शिकायत की. हालांकि दुकानदार ने ग्राहक को चलता कर दिया. इसके बाद कस्टमर की शिकायत पर कंज्यूमर कोर्ट ने तगड़ा एक्शन लिया.

ये है मामला: दरअसल, नई यूनिफार्म दुकान से घर लाकर भिगोने पर ही उसका रंग उड़ गया, जिससे हैरान कस्टमर ने दूसरे ही दिन दुकानदार के पास जाकर अपनी समस्या बताई. इसके बदले दूसरा यूनिफॉर्म देने का दुकानदार से निवेदन किया, लेकिन दुकानदार उसे घूमता रहा. अंत में दुकानदार ने दूसरा यूनिफॉर्म देने से मना भी कर दिया. इससे नाराज होकर कस्टमर ने मामले की शिकायत उपभोक्ता फोरम में दर्ज कराई. इसके बाद फोरम ने मामले को गंभीरता से लिया और कस्टमर के पक्ष में फैसला दिया. दुकानदार पर हजारों रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

ऐसे शुरू हुआ कस्टमर और दुकानदार के बीच विवाद: जागो ग्राहक जागो का विज्ञापन सभी ने सुना है, लेकिन इसे चरितार्थ कोरबा के एक ग्राहक ने किया है. शहर के पास नर्सिंग गंगा कॉलोनी न्यू पोड़ीबहार निवासी विनय कुमार गौतम के पक्ष में उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाया है. यह मामला दुकानदार की ओर से रंगहीन टी शर्ट बेचने के एवज में कस्टमर को उसके बदले दूसरा टी शर्ट मांगने पर नहीं देने का है. पहली धुलाई के बाद स्कूल यूनिफॉर्म का रंग जब उतर गया, तब यूनिफार्म नहीं होने पर दुकानदार ने 15 दिन बाद आने की बात कही. 15 दिन बाद जब फिर संपर्क किया गया, तब दुकानदार ने यूनिफॉर्म देने से इंकार कर दिया. यह कहते हुए कस्टमर को चलता कर दिया कि वह यूनिफार्म का निर्माता नहीं, केवल बेचने वाला है. यह मामला उपभोक्ता विवाद हर्जाना केंद्र पहुंचा, जहां दोनों पक्षों को सुनने के बाद ग्राहक के पक्ष में फैसला दिया गया है.

340 रुपए में कस्टमर ने खरीदा था टी शर्ट: उपभोक्ता फोरम में मामला जाने पर 340 रुपए की टी शर्ट के एवज में 5 हजार 340 रुपए दुकानदार को देने पड़ गए. इस मामले में कस्टमर और परिवादी विनय कुमार गौतम की ओर से खुराना स्कूल जोन के प्रो. अमरजीत खुराना टीपीनगर के विरुद्ध सेवा में कमी बताया गया. साथ ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 35 के तहत मामला दायर किया गया था, जिसमें विरोधी पक्षकार से बेची गई रंगहीन स्कूल यूनिफार्म जूनियर टी-शर्ट की राशि वापस दिलाने और आर्थिक और मानसिक क्षतिपूर्ति दिलाने का परिवाद प्रस्तुत किया था.

5 माह बाद आया फैसला: इस मामले में परिवादी ने 26 जून 2023 को दुकान से यूनिफॉर्म खरीदा था. इसके बाद इसे रिप्लेस नहीं करने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग, कोरबा के समक्ष 29 सितंबर 2023 को परिवाद प्रस्तुत किया. इस मामले में अंतिम सुनवाई इसी साल के 29 जनवरी को हुई. अंतिम तर्क के बाद 8 फरवरी को उपभोक्ता फोरम ने दुकानदार के खिलाफ आदेश दिया है.

उपभोक्ता फोरम ने ठोका जुर्माना: अंतिम तर्क में ग्राहक की ओर से मंजित अस्थाना और विरोधी पक्षकार की ओर से आरएस अग्रवाल बतौर अधिवक्ता उपस्थित हुए. मामले में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग कोरबा की अध्यक्ष रंजना दत्ता, सदस्य ममता दास व पंकज कुमार देवड़ा के समक्ष अपने अपने तर्क दिए. दोनों पक्षों का बयान और तर्क सुनने के बाद जिला उपभोक्ता फोरम ने परिवादी के पक्ष में फैसना सुनाते हुए मानसिक और आर्थिक क्षतिपूर्ति के एवज में 3000 रुपए, वाद व्यय के रूप में एक हजार रुपए उपभोक्ता विधिक सहायता के खाते में एक हजार रुपए के साथ टी शर्ट की कीमत 340 रुपए 30 दिन के भीतर जमा करने आदेश दिया है. ऐसा नहीं करने पर 6 प्रतिशत ब्याज देने का आदेश भी दिया गया है.

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ये है मामला: दरअसल, नई यूनिफार्म दुकान से घर लाकर भिगोने पर ही उसका रंग उड़ गया, जिससे हैरान कस्टमर ने दूसरे ही दिन दुकानदार के पास जाकर अपनी समस्या बताई. इसके बदले दूसरा यूनिफॉर्म देने का दुकानदार से निवेदन किया, लेकिन दुकानदार उसे घूमता रहा. अंत में दुकानदार ने दूसरा यूनिफॉर्म देने से मना भी कर दिया. इससे नाराज होकर कस्टमर ने मामले की शिकायत उपभोक्ता फोरम में दर्ज कराई. इसके बाद फोरम ने मामले को गंभीरता से लिया और कस्टमर के पक्ष में फैसला दिया. दुकानदार पर हजारों रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

ऐसे शुरू हुआ कस्टमर और दुकानदार के बीच विवाद: जागो ग्राहक जागो का विज्ञापन सभी ने सुना है, लेकिन इसे चरितार्थ कोरबा के एक ग्राहक ने किया है. शहर के पास नर्सिंग गंगा कॉलोनी न्यू पोड़ीबहार निवासी विनय कुमार गौतम के पक्ष में उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाया है. यह मामला दुकानदार की ओर से रंगहीन टी शर्ट बेचने के एवज में कस्टमर को उसके बदले दूसरा टी शर्ट मांगने पर नहीं देने का है. पहली धुलाई के बाद स्कूल यूनिफॉर्म का रंग जब उतर गया, तब यूनिफार्म नहीं होने पर दुकानदार ने 15 दिन बाद आने की बात कही. 15 दिन बाद जब फिर संपर्क किया गया, तब दुकानदार ने यूनिफॉर्म देने से इंकार कर दिया. यह कहते हुए कस्टमर को चलता कर दिया कि वह यूनिफार्म का निर्माता नहीं, केवल बेचने वाला है. यह मामला उपभोक्ता विवाद हर्जाना केंद्र पहुंचा, जहां दोनों पक्षों को सुनने के बाद ग्राहक के पक्ष में फैसला दिया गया है.

340 रुपए में कस्टमर ने खरीदा था टी शर्ट: उपभोक्ता फोरम में मामला जाने पर 340 रुपए की टी शर्ट के एवज में 5 हजार 340 रुपए दुकानदार को देने पड़ गए. इस मामले में कस्टमर और परिवादी विनय कुमार गौतम की ओर से खुराना स्कूल जोन के प्रो. अमरजीत खुराना टीपीनगर के विरुद्ध सेवा में कमी बताया गया. साथ ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 35 के तहत मामला दायर किया गया था, जिसमें विरोधी पक्षकार से बेची गई रंगहीन स्कूल यूनिफार्म जूनियर टी-शर्ट की राशि वापस दिलाने और आर्थिक और मानसिक क्षतिपूर्ति दिलाने का परिवाद प्रस्तुत किया था.

5 माह बाद आया फैसला: इस मामले में परिवादी ने 26 जून 2023 को दुकान से यूनिफॉर्म खरीदा था. इसके बाद इसे रिप्लेस नहीं करने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग, कोरबा के समक्ष 29 सितंबर 2023 को परिवाद प्रस्तुत किया. इस मामले में अंतिम सुनवाई इसी साल के 29 जनवरी को हुई. अंतिम तर्क के बाद 8 फरवरी को उपभोक्ता फोरम ने दुकानदार के खिलाफ आदेश दिया है.

उपभोक्ता फोरम ने ठोका जुर्माना: अंतिम तर्क में ग्राहक की ओर से मंजित अस्थाना और विरोधी पक्षकार की ओर से आरएस अग्रवाल बतौर अधिवक्ता उपस्थित हुए. मामले में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग कोरबा की अध्यक्ष रंजना दत्ता, सदस्य ममता दास व पंकज कुमार देवड़ा के समक्ष अपने अपने तर्क दिए. दोनों पक्षों का बयान और तर्क सुनने के बाद जिला उपभोक्ता फोरम ने परिवादी के पक्ष में फैसना सुनाते हुए मानसिक और आर्थिक क्षतिपूर्ति के एवज में 3000 रुपए, वाद व्यय के रूप में एक हजार रुपए उपभोक्ता विधिक सहायता के खाते में एक हजार रुपए के साथ टी शर्ट की कीमत 340 रुपए 30 दिन के भीतर जमा करने आदेश दिया है. ऐसा नहीं करने पर 6 प्रतिशत ब्याज देने का आदेश भी दिया गया है.

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