ETV Bharat / state

'रिजर्व शट डाउन में रखे गए आधा दर्जन पावर हाउस', उपभोक्ता परिषद ने ग्रामीण इलाकों में कटौती पर उठाए सवाल - UPPCL - UPPCL

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा (UPPCL) का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कल से लेकर आज तक छह उत्पादन इकाई को रिजर्व शटडाउन में रखा गया है. जो बेहद ही गंभीर मामला है.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 7:58 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक महीना पहले तक रिकॉर्ड बिजली उत्पादन को लेकर कीर्तिमान का गुणगान ऊर्जा मंत्री से लेकर विभाग के अधिकारी करते नहीं थक रहे थे, लेकिन जब रोस्टर प्रणाली फिर से लागू की तो इसकी जानकारी देने से भी कतरा रहे हैं. आलम ये है कि भीषण गर्मी अभी जारी है और ग्रामीण इलाकों की बिजली में छह घंटे की कमी कर दी गई है. अब इन इलाकों को 24 घंटे के बजाए सिर्फ 18 घंटे बिजली आपूर्ति के आदेश हो गए हैं. इतना ही नहीं ग्रामीण इलाकों में रोस्टर प्रणाली लागू होने से अब ज्यादा उत्पादन न हो जाए इसलिए कई उत्पादन इकाइयां ही बंद कर दी गईं. ऐसे में उपभोक्ता परिषद की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में जनहित याचिका दाखिल कर दी गई है, जिस पर सुनवाई होनी है और आयोग इस पर फैसला लेगा.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि उत्तर प्रदेश की ग्रामीण जनता को 18 घंटे बिजली बमुश्किल मिल पा रही है क्योंकि बडे़ पैमाने पर ब्रेक डाउन है. अभियंता अपनी ट्रांसफर पोस्टिंग में लगे हैं. अब पावर कॉरपोरेशन ने एक अजब ही कदम उठाया है. ग्रामीण इलाकों को 24 घंटे बिजली देने के बजाय अपने कई पावर हाउस बंद कर दिए हैं. उत्तर प्रदेश में रोस्टर व्यवस्था लागू होने के पीछे बिजली की कमी होना बिल्कुल भी नहीं है. असल वजह है कि पावर काॅरपोरेशन ने तीन और चार जुलाई के बीच में अपने छह पावर हाउस बंद कर दिए. रिजर्व शटडाउन दे दिया. उत्तर प्रदेश में टांडा यूनिट एक, यूनिट दो, यूनिट तीन और यूनिट चार, सभी इकाई 110 मेगावाट की हैं. इसी प्रकार से हरदुआगंज यूनिट सात और यूनिट आठ जो 250 मेगावाट की हैं. सभी को आठ जुलाई तक रिजर्व शटडाउन में रखा गया है जो अपने आप में अब तक का सबसे बड़ा चौंकाने वाला मामला है. सरकार राज्यों में बिजली की उत्पादन इकाई इसलिए लगाती है क्योंकि उसे राज्य की जनता को बिजली देना होता है यहां उत्तर प्रदेश में बिजली बिजली उत्पादन इकाई को बंद इसलिए किया गया है क्योंकि उन्हें ग्रामीण इलाकों को 24 घंटे बिजली नहीं देना है.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कल से लेकर आज तक छह उत्पादन इकाई को रिजर्व शटडाउन में रखा गया है. जो बेहद ही गंभीर मामला है. ग्रामीण क्षेत्र में जनता बिजली संकट से जूझ रही है. इतने गंभीर मामले पर उत्तर प्रदेश सरकार चुप है जो अपने आप में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय है. अभी एक महीना पहले रोज पावर कॉरपोरेशन और ऊर्जा मंत्री की तरफ से नए-नए रिकॉर्ड पर बताने की कोशिश की जा रही थी कि उत्तर प्रदेश में बिजली पूरी तरह विकास का पहला मापदंड बन गया है, लेकिन महज कुछ दिनों में ही सबकी कलई खुल गई. आज वह दिन आ गया कि उत्तर प्रदेश की जनता के लिए लगाया गया पावर हाउस प्रदेश की जनता के लिए ही काम नहीं आ रहा है. प्रदेश की जनता पसीना बहा रही है. कहने को गांव में 18 घंटे बिजली का रोस्टर लागू है, लेकिन इस समय गांव में 10 घंटे भी बिजली नहीं आ रही है.

यह भी पढ़ें : बिजली से संबंधित शिकायतों का अधिकारी ले संज्ञान, समय पर हो समस्या का समाधान: अवधेश वर्मा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक महीना पहले तक रिकॉर्ड बिजली उत्पादन को लेकर कीर्तिमान का गुणगान ऊर्जा मंत्री से लेकर विभाग के अधिकारी करते नहीं थक रहे थे, लेकिन जब रोस्टर प्रणाली फिर से लागू की तो इसकी जानकारी देने से भी कतरा रहे हैं. आलम ये है कि भीषण गर्मी अभी जारी है और ग्रामीण इलाकों की बिजली में छह घंटे की कमी कर दी गई है. अब इन इलाकों को 24 घंटे के बजाए सिर्फ 18 घंटे बिजली आपूर्ति के आदेश हो गए हैं. इतना ही नहीं ग्रामीण इलाकों में रोस्टर प्रणाली लागू होने से अब ज्यादा उत्पादन न हो जाए इसलिए कई उत्पादन इकाइयां ही बंद कर दी गईं. ऐसे में उपभोक्ता परिषद की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में जनहित याचिका दाखिल कर दी गई है, जिस पर सुनवाई होनी है और आयोग इस पर फैसला लेगा.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि उत्तर प्रदेश की ग्रामीण जनता को 18 घंटे बिजली बमुश्किल मिल पा रही है क्योंकि बडे़ पैमाने पर ब्रेक डाउन है. अभियंता अपनी ट्रांसफर पोस्टिंग में लगे हैं. अब पावर कॉरपोरेशन ने एक अजब ही कदम उठाया है. ग्रामीण इलाकों को 24 घंटे बिजली देने के बजाय अपने कई पावर हाउस बंद कर दिए हैं. उत्तर प्रदेश में रोस्टर व्यवस्था लागू होने के पीछे बिजली की कमी होना बिल्कुल भी नहीं है. असल वजह है कि पावर काॅरपोरेशन ने तीन और चार जुलाई के बीच में अपने छह पावर हाउस बंद कर दिए. रिजर्व शटडाउन दे दिया. उत्तर प्रदेश में टांडा यूनिट एक, यूनिट दो, यूनिट तीन और यूनिट चार, सभी इकाई 110 मेगावाट की हैं. इसी प्रकार से हरदुआगंज यूनिट सात और यूनिट आठ जो 250 मेगावाट की हैं. सभी को आठ जुलाई तक रिजर्व शटडाउन में रखा गया है जो अपने आप में अब तक का सबसे बड़ा चौंकाने वाला मामला है. सरकार राज्यों में बिजली की उत्पादन इकाई इसलिए लगाती है क्योंकि उसे राज्य की जनता को बिजली देना होता है यहां उत्तर प्रदेश में बिजली बिजली उत्पादन इकाई को बंद इसलिए किया गया है क्योंकि उन्हें ग्रामीण इलाकों को 24 घंटे बिजली नहीं देना है.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कल से लेकर आज तक छह उत्पादन इकाई को रिजर्व शटडाउन में रखा गया है. जो बेहद ही गंभीर मामला है. ग्रामीण क्षेत्र में जनता बिजली संकट से जूझ रही है. इतने गंभीर मामले पर उत्तर प्रदेश सरकार चुप है जो अपने आप में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय है. अभी एक महीना पहले रोज पावर कॉरपोरेशन और ऊर्जा मंत्री की तरफ से नए-नए रिकॉर्ड पर बताने की कोशिश की जा रही थी कि उत्तर प्रदेश में बिजली पूरी तरह विकास का पहला मापदंड बन गया है, लेकिन महज कुछ दिनों में ही सबकी कलई खुल गई. आज वह दिन आ गया कि उत्तर प्रदेश की जनता के लिए लगाया गया पावर हाउस प्रदेश की जनता के लिए ही काम नहीं आ रहा है. प्रदेश की जनता पसीना बहा रही है. कहने को गांव में 18 घंटे बिजली का रोस्टर लागू है, लेकिन इस समय गांव में 10 घंटे भी बिजली नहीं आ रही है.

यह भी पढ़ें : बिजली से संबंधित शिकायतों का अधिकारी ले संज्ञान, समय पर हो समस्या का समाधान: अवधेश वर्मा

यह भी पढ़ें : सीएम के निर्देश को बीत गए दो महीने से ज्यादा का समय, अब तक नहीं लागू हो सकी ओटीएस योजना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.