अररिया: विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा को लेकर मूर्तिकार उनकी प्रतिमा बनाने में जुटे हुए हैं. अररिया में शहर के अलग-अलग जगहों पर गांव से आकर दर्जनों मूर्तिकारों ने पड़ाव डाल रखा है. प्लास्टिक के सेड के नीचे खूबसूरत मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है. वो मिट्टी और धान के पुआल से मूर्तियों को रूप दे रहे हैं. इस बार 14 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन मां शारदे की पूजा अर्चना की जाएगी. कलाकार अररिया प्रखंड के पटेंगना गांव से दर्जनों की संख्या में अररिया आते हैं.
मूर्ति बनाने का है पुश्तैनी कारोबार: कलाकार शहर के विभिन जगहों पर अपना तंबू डालते हैं. इन्हीं तंबुओं के नीचे मां सरस्वती की प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है. कुछ जगहों पर मूर्ति को अंतिम रूप दिया जा रहा है. शहर में तंबू लगाकर मूर्ति निर्माण कर रहे राजीव पंडित ने बताया कि ये उनका पुश्तैनी कारोबार है. उनके दादा भी मूर्ति बनाने का कार्य करते थे. वो भी सरस्वती पूजा के समय अररिया और फारबिसगंज आया करते थे.
शुरू हुई मूर्तियों की बुकिंग: अभी भी सिर्फ पटेंगना गांव से तीन दर्जन के करीब मूर्तिकार अररिया शहर आये हैं, जो शहर के विभिन जगहों पर मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं. वहीं दूसरे कलाकार संतोष पंडित ने बताया कि सरस्वती पूजा नजदीक आ गई है इसलिए मूर्ति की बुकिंग भी शुरू हो गई है. उन्होंने बताया कि उनके साथ लक्ष्मण पंडित, राकेश पंडित, नारायण पंडित आये हैं, सभी प्रतिमा निर्माण कार्य में लगे हुए हैं.
"दो माह पूर्व ही हमलोग गांव से शहर आते हैं. इस बार मिट्टी महंगी होने के कारण प्रतिमा की कीमत थोड़ी बढ़ गई है. 5 सौ से लेकर 5 हजार तक कि प्रतिमा हमारे पास उपलब्ध है. सरस्वती माता की प्रतिमा को विभिन प्रकार से बनाया गया है. कोई प्रतिमा कमल पर तो कोई हंस, कोई ड्रैगन पर स्थापित हैं, उमीद है कि इस बार बिक्री अच्छी होगी."- संतोष पंडित, मूर्ति कलाकार
पढ़ें-Saraswati Puja 2023: दिव्यांग बहन के सहयोग से भाई बना रहा मां सरस्वती की अद्भुत प्रतिमा