रायपुर: संविधान दिवस के मौके पर पूरे छत्तीसगढ़ में जगह जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. रायपुर के मेडिकल कॉलेज में हुए कार्यक्रम में सीएम विष्णु देव साय शामिल हुए. संविधान दिवस पर पदयात्रा का भी आयोजन किया गया. कैबिनेट के मंत्री और स्कूली बच्चों ने इस पदयात्रा में भाग लिया. खुद सीएम तिरंगा झंडा लहराते हुए पदयात्रा के आगे आगे चले. संविधान दिवस पर निकाली गई पदयात्रा मेडिकल कॉलेज से शुरु होकर अंबेडकर चौक पर जाकर खत्म हुई.
संविधान दिवस पर पदयात्रा: पदयात्रा के जरिए लोगों को संविधान और संविधान दिवस के महत्व को बताया गया. लोगों को संविधान की अहमियत और उसकी ताकत के बारे में बताया गया. आयोजन के शुरुआत में एक वीडियो डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई. वीडियो डॉक्यूमेंट्री के जरिए ये बताया गया कि कैसे संविधान लिखा गया. सीएम ने कहा कि ''हमारा संविधान भारत की सदियों पुरानी संस्कृति, इतिहास और परंपराओं का आइना है'' विष्णु देव साय ने कहा कि संविधान हमारे संघर्ष, अनुभव और उपलब्धियों का फल है.
हमारे संविधान निर्माताओं ने जहां पर मौलिक अधिकारों की बात लिखी है, वहां भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी की तस्वीर है. यह तस्वीर तब की है जब भगवान श्रीराम लंका विजय के बाद अयोध्या लौट रहे थे. हमें इस बात को समझना होगा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने इस तस्वीर के माध्यम से हमें क्या संदेश दिया है. संविधान में ऐसे कई चित्र और संकेत हैं, जिनके माध्यम से संविधान निर्माताओं ने बताने की कोशिश की है कि भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों के साथ लोकतंत्र को आगे बढ़ाना है. :विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री
संविधान की विशेषता पर चर्चा: सीएम ने कहा कि हमारा संविधान विशेषताओं से भरा पड़ा है. हमारे संविधान की खासियत है कि जरुरत पड़ने पर इस में संसोधन भी किया जा सकता है. सीएम ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने देश के ऊपर अपनी इच्छाओं को लादा नहीं बल्कि भावी पीढ़ी के लिए कई गुंजाइशों को छोड़ा भी है. जिसका मकसद है मुश्किल परिस्थितियों में जरुरत के मुताबिक संसोधन भी किया जाए.