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इमरजेंसी पर काला दिवस कार्यक्रम में बोले सीएम योगी, संविधान और लोकतंत्र को कांग्रेस और उसके सहयोगियों से आज भी खतरा - CM YOGI ADITYANATH

इमरजेंसी 50वें वर्ष में भारतीय जनता पार्टी की ओर से जगह-जगह काला दिवस मनाया गया. इसी कड़ी में गोरखपुर में भाजपा की जिला व महानगर इकाई की तरफ से आयोजित काला दिवस, विषयक संगोष्ठी और लोकतंत्र रक्षक सेनानी सम्मान कार्यक्रम में सीएम योगी ने कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों पर जमकर बरसे.

गोरखपुर में कार्यक्रम को संबोधित करते सीएम योगी.
गोरखपुर में कार्यक्रम को संबोधित करते सीएम योगी. (Photo Credit; Cm yogi Twtter)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 25, 2024, 7:14 PM IST


गोरखपुर: कांग्रेस की आस्था कभी भी भारत के संविधान और लोकतंत्र में नहीं रही है. जब भी मौका मिला, संविधान का गला घोंटने और लोकतंत्र को कुचलने का कार्य किया है. संविधान और लोकतंत्र की ही दुहाई देकर जनता को झूठी बातों से गुमराह किया. वास्तविकता यही है कि आज भी संविधान और लोकतंत्र को खतरा कांग्रेस और इंडी गठबंधन में शामिल उसके सहयोगी दलों से है. यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में लोगों को संबोधित करते हुए कही.

28 लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को किया सम्मानित
योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में मंगलवार को देश में 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल (इमरजेंसी) के पचासवें वर्ष में भाजपा की जिला व महानगर इकाई की तरफ से आयोजित काला दिवस, विषयक संगोष्ठी और लोकतंत्र रक्षक सेनानी सम्मान कार्यक्रम में सीएम ने 28 लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को सम्मानित किया. इसके बाद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 वर्ष पहले आज ही के दिन मध्य रात्रि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने भारतीय संसदीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय लिखा था. देश के संविधान का गला घोंटकर, आपातकाल लागू कर कांग्रेस ने लोकतंत्र को तहस-नहस करने की कुचेष्टा की थी.

कांग्रेस पार्टी में भले ही चेहरा बदला हो लेकिन चरित्र आपातकाल वाला ही है
योगी ने कहा, इमरजेंसी लगाकर कांग्रेस ने नागरिकों के मौलिक अधिकार छीन लिए थे. न्यायालयों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया था. जिन लोगों ने इस तानाशाही रवैये के विरोध किया, उन्हें जेल में डालकर अमानवीय यातनाएं दी गईं. कांग्रेस के इस कृत्य से संविधान कराह उठा था, लोकतंत्र तड़प गया था.यह लोकतंत्र को कुचलने की पराकाष्ठा थी. आपातकाल में कांग्रेस का बर्बर चेहरा हम सभी को देखने को मिला था. संविधान की मूल आत्मा कही जाने वाली प्रस्तावना में संशोधन करके उसकी आत्मा को नष्ट करने का प्रयास किया था. उस समय आवाज उठाने पर अटल बिहारी वाजपेयी, जय प्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, लाल कृष्ण आडवाणी समेत विपक्ष के सभी नेताओं और लोकतंत्र समर्थकों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था. आज भी कांग्रेस पार्टी में भले ही चेहरा बदला हो लेकिन सत्ता से बाहर होकर भी उसका मूल चरित्र वही है जो आपातकाल के समय था.

जब भी अवसर मिला, कांग्रेस ने घोंटा संविधान और लोकतंत्र का गला
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस को जब भी अवसर मिला उसने लोकतंत्र और संविधान का गला घोंटने से परहेज नहीं किया. स्वतंत्र भारत में जो संविधान एकता और एकात्मकता के लिए अंगीकार किया गया था, उसमें कुछ दिनों बाद ही जबरन धारा 370 लाकर कांग्रेस ने कश्मीर में आतंकवाद की नींव रख दी. 1950 से लेकर 2014 तक कांग्रेस की सरकारों ने स्वार्थ पूर्ति के लिए 75 से अधिक संशोधन किए. कांग्रेस ने धारा 356 का इस्तेमाल कर 90 बार से अधिक राज्य सरकारों को बर्खास्त किया. वर्तमान व भावी पीढ़ी को कांग्रेस के कुकृत्य से अवगत कराने की जरूरत है ताकि फिर किसी पीढ़ी को आपातकाल की तरह अपनी जवानी होम न करनी पड़े.

कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों ने चुनाव में जनता को किया गुमराह
सीएम योगी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने संविधान बदलने और आरक्षण समाप्त करने का झूठ गढ़कर, फर्जी बॉन्ड का वादा कर जनता को गुमराह किया. हकीकत तो यह है कि जब भी मौका मिला कांग्रेस ने एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास किया. जबकि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में तुष्टिकरण के नाम पर एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण लागू नहीं होने दिया. कांग्रेस के लोग आज संविधान और लोकतंत्र की दुहाई देते हैं, लेकिन भारत के बाहर जाकर भारत के लोकतंत्र को कटघरे में खड़ा करते हैं. भारत के निर्वाचन आयोग, ईवीएम पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं. ये लोग भारत के बाहर जाकर भारत को और उसके लोकतंत्र को कोसते हैं.

कांग्रेस के सहयोगी दलों के पूर्वजों को आज खून के आंसू पीने को मजबूर होते होंगे
सीएम योगी ने कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन में शामिल उसके सहयोगी दलों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि 1975 में देश के लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए जिन दलों के संस्थापकों, नेताओं ने आंदोलन किए, जेल की यातनाओं को सहा था. लोकतंत्र के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया था. दुखद है कि उनकी वर्तमान पीढ़ी उसी कांग्रेस की गोद में बैठकर देश को फिर से कांग्रेस की तानाशाही, लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी नीतियों की ओर धकेलने का कुत्सित प्रयास कर रही है. कांग्रेस के सहयोगी दलों के पूर्वज आज कहीं से अपनी पार्टी के वर्तमान नेताओं को कांग्रेस के साथ देखते होंगे तो वे खून के आंसू पीने को मजबूर होते होंगे.

इसे भी पढ़ें-इमरजेंसी के 49 साल; सीएम योगी का कांग्रेस पर तंज, बोले- लोकतंत्र की दुहाई देने वाले विदेश जाकर इसे कोसते हैं


गोरखपुर: कांग्रेस की आस्था कभी भी भारत के संविधान और लोकतंत्र में नहीं रही है. जब भी मौका मिला, संविधान का गला घोंटने और लोकतंत्र को कुचलने का कार्य किया है. संविधान और लोकतंत्र की ही दुहाई देकर जनता को झूठी बातों से गुमराह किया. वास्तविकता यही है कि आज भी संविधान और लोकतंत्र को खतरा कांग्रेस और इंडी गठबंधन में शामिल उसके सहयोगी दलों से है. यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में लोगों को संबोधित करते हुए कही.

28 लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को किया सम्मानित
योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में मंगलवार को देश में 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल (इमरजेंसी) के पचासवें वर्ष में भाजपा की जिला व महानगर इकाई की तरफ से आयोजित काला दिवस, विषयक संगोष्ठी और लोकतंत्र रक्षक सेनानी सम्मान कार्यक्रम में सीएम ने 28 लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को सम्मानित किया. इसके बाद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 वर्ष पहले आज ही के दिन मध्य रात्रि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने भारतीय संसदीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय लिखा था. देश के संविधान का गला घोंटकर, आपातकाल लागू कर कांग्रेस ने लोकतंत्र को तहस-नहस करने की कुचेष्टा की थी.

कांग्रेस पार्टी में भले ही चेहरा बदला हो लेकिन चरित्र आपातकाल वाला ही है
योगी ने कहा, इमरजेंसी लगाकर कांग्रेस ने नागरिकों के मौलिक अधिकार छीन लिए थे. न्यायालयों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया था. जिन लोगों ने इस तानाशाही रवैये के विरोध किया, उन्हें जेल में डालकर अमानवीय यातनाएं दी गईं. कांग्रेस के इस कृत्य से संविधान कराह उठा था, लोकतंत्र तड़प गया था.यह लोकतंत्र को कुचलने की पराकाष्ठा थी. आपातकाल में कांग्रेस का बर्बर चेहरा हम सभी को देखने को मिला था. संविधान की मूल आत्मा कही जाने वाली प्रस्तावना में संशोधन करके उसकी आत्मा को नष्ट करने का प्रयास किया था. उस समय आवाज उठाने पर अटल बिहारी वाजपेयी, जय प्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, लाल कृष्ण आडवाणी समेत विपक्ष के सभी नेताओं और लोकतंत्र समर्थकों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था. आज भी कांग्रेस पार्टी में भले ही चेहरा बदला हो लेकिन सत्ता से बाहर होकर भी उसका मूल चरित्र वही है जो आपातकाल के समय था.

जब भी अवसर मिला, कांग्रेस ने घोंटा संविधान और लोकतंत्र का गला
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस को जब भी अवसर मिला उसने लोकतंत्र और संविधान का गला घोंटने से परहेज नहीं किया. स्वतंत्र भारत में जो संविधान एकता और एकात्मकता के लिए अंगीकार किया गया था, उसमें कुछ दिनों बाद ही जबरन धारा 370 लाकर कांग्रेस ने कश्मीर में आतंकवाद की नींव रख दी. 1950 से लेकर 2014 तक कांग्रेस की सरकारों ने स्वार्थ पूर्ति के लिए 75 से अधिक संशोधन किए. कांग्रेस ने धारा 356 का इस्तेमाल कर 90 बार से अधिक राज्य सरकारों को बर्खास्त किया. वर्तमान व भावी पीढ़ी को कांग्रेस के कुकृत्य से अवगत कराने की जरूरत है ताकि फिर किसी पीढ़ी को आपातकाल की तरह अपनी जवानी होम न करनी पड़े.

कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों ने चुनाव में जनता को किया गुमराह
सीएम योगी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने संविधान बदलने और आरक्षण समाप्त करने का झूठ गढ़कर, फर्जी बॉन्ड का वादा कर जनता को गुमराह किया. हकीकत तो यह है कि जब भी मौका मिला कांग्रेस ने एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास किया. जबकि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में तुष्टिकरण के नाम पर एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण लागू नहीं होने दिया. कांग्रेस के लोग आज संविधान और लोकतंत्र की दुहाई देते हैं, लेकिन भारत के बाहर जाकर भारत के लोकतंत्र को कटघरे में खड़ा करते हैं. भारत के निर्वाचन आयोग, ईवीएम पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं. ये लोग भारत के बाहर जाकर भारत को और उसके लोकतंत्र को कोसते हैं.

कांग्रेस के सहयोगी दलों के पूर्वजों को आज खून के आंसू पीने को मजबूर होते होंगे
सीएम योगी ने कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन में शामिल उसके सहयोगी दलों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि 1975 में देश के लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए जिन दलों के संस्थापकों, नेताओं ने आंदोलन किए, जेल की यातनाओं को सहा था. लोकतंत्र के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया था. दुखद है कि उनकी वर्तमान पीढ़ी उसी कांग्रेस की गोद में बैठकर देश को फिर से कांग्रेस की तानाशाही, लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी नीतियों की ओर धकेलने का कुत्सित प्रयास कर रही है. कांग्रेस के सहयोगी दलों के पूर्वज आज कहीं से अपनी पार्टी के वर्तमान नेताओं को कांग्रेस के साथ देखते होंगे तो वे खून के आंसू पीने को मजबूर होते होंगे.

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