नई दिल्ली: दिल्ली के वजीराबाद स्थित दिल्ली पुलिस के ट्रेनिंग स्कूल में बने मालखाने में लगी आग के मामले में सोनिया विहार थाने की पुलिस ने अनजान शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. दरअसल उस वक्त मालखाने में ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल ने अंदेशा जताया की आग लगी नहीं, बल्कि गाड़ियों को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी अनजान व्यक्ति ने आग लगाई है. आग लगने की सूचना हेड कॉन्स्टेबल ऊधम सिंह ने पीसीआर कॉल करके दी थी.
यहां पर अलग अलग जिलों के कई थानों की गाड़ियों को रखा गया है, जिनमें आउटर डिस्ट्रिक्ट और साउथ डिस्ट्रिक्ट की गाड़ियां प्रमुख रूप से मौजूद हैं. आग लगने की घटना में करीब 275 गाड़ियां चपेट में आई थी. इसमें 50 कारों के साथ 225 टू व्हीलर भी जलकर खाक हो गए. इसमें बाहरी जिला के पश्चिम विहार ईस्ट थाने की 108 गाड़ियां जली, जिसमें करीब 43 फोर वीलर और 65 टू वीलर शामिल है. वहीं राज पार्क थाने की 87 गाड़ियां जलकर खाक हुई, जिनमें 7 फोर वीलर और करीब 80 टू वीलर जले. इसके बाद रानी बाग थाने के भी 80 टू व्हीलर वाहन चपेट में आ गए.
फिलहाल मालखाने में लगी आग के मामले की गहनता से जांच की जा रही है, जिसके बाद जली हुए गाड़ियों की डिटेल तैयार की जा रही है. जो गाड़ियां जली हैं, वह किस किस केस में बंद थी, इसकी डिटेल्ड रिपोर्ट थानों को बाद में सौंपी जाएगी. गौरतलब है की कॉन्स्टेबल मंजीत आउटर जिले के डिस्ट्रिक्ट लाइन में तैनात हैं. उन्होंने लोकल पुलिस को बताया था कि 28 जनवरी की रात को उसकी ड्यूटी पुलिस ट्रेनिंग स्कूल वजीराबाद स्थित आउटर जिले के मालखाने में लगी थी. रात करीब 12:15 बजे के आसपास उसने राज पार्क थाने के मालखाने से धुआं निकलते हुए देखा.
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इसके बाद साथ वाले मालखाने, जहां साउथ जिले की गाड़ियां रखी हुई थी, उसमें तैनात हेड कॉन्स्टेबल ऊधम सिंह ने तुरंत पीसीआर कॉल करके आग लगने की सूचना कंट्रोल रूम को दी. राज पार्क थाने के मालखाने से शुरू हुई आग, धीरे-धीरे रानी बाग और पश्चिम विहार ईस्ट थाने के मालखाने में भी फैल गई. इसके बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत बाद आग पर काबू बाया.
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