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साय सरकार धान खरीदी में रच रही साजिश: मोहन मरकाम - CONSPIRACY IN PADDY PROCUREMENT

धान खरीदी को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासी फिजा में घमासान मचा हुआ है. इस बार मोहन मरकाम ने हमला बोला है.

PADDY PROCUREMENT IN CG
पूर्व मंत्री मोहन मरकाम की प्रेस कॉन्फ्रेंस (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 30, 2024, 3:30 PM IST

Updated : Nov 30, 2024, 6:34 PM IST

कोंडागांव: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हुए 15 दिन बीत गए हैं. कांग्रेस साय सरकार पर धान खरीदी में बदइंतजामी का आरोप लगा रही है. कोंडागांव में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता मोहन मरकाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साय सरकार पर अटैक किया है. उन्होंने राज्य सरकार पर धान खरीदी के दौरान षडयंत्र रचने का आरोप लगाया है. मोहन मरकाम ने कहा है कि सरकार नई नीति और धीमी गति के जरिए धान खरीदी कर संकट पैदा कर रही है.

"धीमी गति से हो रही धान खरीदी" : मोहन मरकाम ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. धान तिहार 14 नवंबर 2024 से शुरू हो चुका है और यह 31 जनवरी 2025 तक चलेगा. पूरे प्रदेश में धीमी गति से धान की खरीदी हो रही है. ऐसे में धान खरीदी का लक्ष्य कैसे हासिल होगा. अगर धान खरीदी की रफ्तार नहीं बढ़ी तो किसान परेशान होंगे.

मोहन मरकाम का साय सरकार से सवाल (ETV BHARAT)

4 नवंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी को पूरा करना है. छुट्टियों को छोड़कर केवल 47 दिन ही उपलब्ध हैं. इसका मतलब है कि सरकार को प्रतिदिन 3.5 लाख मीट्रिक टन धान खरीदना होगा, जो मौजूदा गति से असंभव लगता है.सोसायटियों को रोजाना अधिकतम 752 क्विंटल धान खरीदने की अनुमति है, जिससे किसानों को बाकी धान बेचने के लिए नई तारीख दी जा रही है. सरकार ने 72 घंटे में भुगतान का वादा किया था, लेकिन कई किसानों को अभी तक पैसे नहीं मिले हैं- मोहन मरकाम, पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता

"धान खरीदी में समस्याएं आ रही": मोहन मरकाम ने कहा कि धान खरीदी में कई तरह की समस्याएं आ रही है. पुराने बारदाने की कमी देखने को मिल रही है. ऑनलाइन टोकन सिस्टम में देरी हो रही है. बीज उत्पादक किसानों से धान न खरीदने जैसे मुद्दे हालात को और खराब कर रहे हैं. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का भुगतान 3100 रुपये प्रति क्विंटल की बजाय 2300 रुपये ही दिया जा रहा है.

मेरी मांग है कि सरकार धान खरीदी की नीतियों में सुधार करे, जिससे किसानों की परेशानी कम हो सके.- मोहन मरकाम, पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता

"3217 रुपये प्रति क्विंटल धान का भुगतान मिले": मोहन मरकाम ने सरकार से से मांग की है कि किसानों को 3217 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीदी का भुगतान मिले. धान खरीदी की नीतियों में सुधार हो. सरकार ने धान खरीदी के लिए मिलरों को प्रति क्विंटल 60 रुपये देने का फैसला किया है. यह हमारी सरकार में 120 रुपये प्रति क्विंटल था. इस वजह से मिलर हड़ताल पर हैं. यही वजह है कि समितियों में धान का भंडारण हो रहा है.

खरीदी केंद्रों में धान उठाव की प्रक्रिया धीमी क्यों ? मंत्री केदार कश्यप से जानिए

कवर्धा जिले की 20 राइस मिलों से 4 लाख बारदाना जब्त

धान खरीदी पर सियासी घमासान, दीपक बैज का आरोप, ''खजाना है खाली नहीं हो रही तय खरीदी''

किसान बनकर धान खरीदी केंद्र पहुंचे कलेक्टर साहब, फिर जो हुआ वो भी जान लीजिए

कोंडागांव: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हुए 15 दिन बीत गए हैं. कांग्रेस साय सरकार पर धान खरीदी में बदइंतजामी का आरोप लगा रही है. कोंडागांव में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता मोहन मरकाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साय सरकार पर अटैक किया है. उन्होंने राज्य सरकार पर धान खरीदी के दौरान षडयंत्र रचने का आरोप लगाया है. मोहन मरकाम ने कहा है कि सरकार नई नीति और धीमी गति के जरिए धान खरीदी कर संकट पैदा कर रही है.

"धीमी गति से हो रही धान खरीदी" : मोहन मरकाम ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. धान तिहार 14 नवंबर 2024 से शुरू हो चुका है और यह 31 जनवरी 2025 तक चलेगा. पूरे प्रदेश में धीमी गति से धान की खरीदी हो रही है. ऐसे में धान खरीदी का लक्ष्य कैसे हासिल होगा. अगर धान खरीदी की रफ्तार नहीं बढ़ी तो किसान परेशान होंगे.

मोहन मरकाम का साय सरकार से सवाल (ETV BHARAT)

4 नवंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी को पूरा करना है. छुट्टियों को छोड़कर केवल 47 दिन ही उपलब्ध हैं. इसका मतलब है कि सरकार को प्रतिदिन 3.5 लाख मीट्रिक टन धान खरीदना होगा, जो मौजूदा गति से असंभव लगता है.सोसायटियों को रोजाना अधिकतम 752 क्विंटल धान खरीदने की अनुमति है, जिससे किसानों को बाकी धान बेचने के लिए नई तारीख दी जा रही है. सरकार ने 72 घंटे में भुगतान का वादा किया था, लेकिन कई किसानों को अभी तक पैसे नहीं मिले हैं- मोहन मरकाम, पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता

"धान खरीदी में समस्याएं आ रही": मोहन मरकाम ने कहा कि धान खरीदी में कई तरह की समस्याएं आ रही है. पुराने बारदाने की कमी देखने को मिल रही है. ऑनलाइन टोकन सिस्टम में देरी हो रही है. बीज उत्पादक किसानों से धान न खरीदने जैसे मुद्दे हालात को और खराब कर रहे हैं. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का भुगतान 3100 रुपये प्रति क्विंटल की बजाय 2300 रुपये ही दिया जा रहा है.

मेरी मांग है कि सरकार धान खरीदी की नीतियों में सुधार करे, जिससे किसानों की परेशानी कम हो सके.- मोहन मरकाम, पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता

"3217 रुपये प्रति क्विंटल धान का भुगतान मिले": मोहन मरकाम ने सरकार से से मांग की है कि किसानों को 3217 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीदी का भुगतान मिले. धान खरीदी की नीतियों में सुधार हो. सरकार ने धान खरीदी के लिए मिलरों को प्रति क्विंटल 60 रुपये देने का फैसला किया है. यह हमारी सरकार में 120 रुपये प्रति क्विंटल था. इस वजह से मिलर हड़ताल पर हैं. यही वजह है कि समितियों में धान का भंडारण हो रहा है.

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Last Updated : Nov 30, 2024, 6:34 PM IST
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