बारां : कांग्रेस कार्यकर्ता के आत्महत्या के मामले में मृतक की मां की रिपोर्ट पर नगर परिषद के पूर्व सभापति, डीएसपी और बारां कोतवाली थानाधिकारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने और मजबूर करने का मुकदमा दर्ज किया गया है. मृतक ने नोट में नगर परिषद के पूर्व सभापति और पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे. इस मामले में परिजन मंगलवार को घटना के बाद से शव लेकर धरने पर बैठे थे. वहीं, बुधवार को प्रशासन के साथ सहमति बनने के बाद परिजन शव उठाने पर राजी हो गए.
मृतक की मां की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारियों पर भी आरोप लगाए थे, ऐसे में उनके खिलाफ भी यह मुकदमा है. इसका अनुसंधान आईजी ऑफिस कोटा में तैनात अपराध एवं सतर्कता एडिशनल एसपी बेनी प्रसाद मीणा कर रहे हैं- राजेश चौधरी, एडिशनल, एसपी बारां.
कोतवाली थाना पुलिस ने इस मामले में मृतक की मां सुमन गौड़ की रिपोर्ट पर नगर परिषद के पूर्व सभापति कमल राठौड़, तेजस सुमन, बारां के डीएसपी ओमेंद्र सिंह शेखावत, कोतवाली थाने के एसएचओ रामविलास मीणा, कांस्टेबल हरिप्रकाश, अमरचंद, कृष्ण मुरारी, डीएसपी के रीडर तिमन सिंह चौधरी और अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया, पूर्व विधायक पानाचंद मेघवाल, करण सिंह राठौड़, मीनाक्षी चन्द्रावत सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने मोर्चरी के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया था.
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कांग्रेस नेता और परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसे पुलिस झूठा फंसा रही थी. साथ ही आरोप लगाया कि जबरन अपराध स्वीकार करने का दबाव भी बनाया जा रहा था. वहीं, मृतक की मां ने यह भी आरोप लगाया है कि 2 अप्रैल 2024 को जब उसे गिरफ्तार किया गया था, तब कोतवाली में उसकी पिटाई की गई थी. उन्होंने राजनीतिक द्वेषता के चलते पुलिस के द्वारा यह कार्रवाई करने के आरोप लगाए हैं.