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कांग्रेस की सोच आज भी इमरजेंसी वाली, साय सरकार ने मीसाबंदियों की सम्मान निधि फिर शुरू की : पूर्व सांसद लखनलाल साहू - Korba News

भाजपा 25 जून को आपातकाल दिवस या काला दिवस के तौर पर मना रही है. कोरबा में पूर्व सांसद लखनलाल साहू ने सन 1975 के आपातकाल को याद करते हुए कांग्रेस पार्ट पर जमकर निशाना साधा और कांग्रेस की सोच को इमरजेंसी वाली बताया. इस दौरान उन्होंने साय सरकार द्वारा मीसाबंदियों की सम्मान निधि फिर शुरू करने की तारीफ की.

FORMER MP LAKHANLAL SAHU PC in Korba
पूर्व सांसद लखनलाल साहू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 26, 2024, 12:43 PM IST

Updated : Jun 26, 2024, 1:57 PM IST

पूर्व सांसद लखनलाल साहू ने कांग्रेस पर साधा निशाना (ETV Bharat)

कोरबा : पूर्व सांसद लखनलाल साहू ने साल 1975 के आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा कि 25 जून हमारे देश के इतिहास में काला दिवस के रूप में याद किया जाता है. कांग्रेस पार्टी और कांग्रेसियों की सोच आज भी इमरजेंसी वाली ही है.

लखनलाल साहू ने कांग्रेस को घेरा: लखनलाल साहू ने यह भी कहा कि कांग्रेसी आज भी देश को तानाशाही सोच से ही चलाना चाहते हैं. आने वाले कल के भविष्य में वे फिर ऐसा न कर सकें, देशवासियों के अधिकारों का दमन और लोकतंत्र को खतरे में न डाल सकें, इसके लिए हम सभी को सहज और सतर्क रहने की जरूरत है.

1977 तक जेल में रहे राष्ट्रवादी लोग: लखनलाल साहू ने कहा कि उस दौर में भारत के नागरिकों के अधिकारों के हनन का प्रयास हुआ. लाखों मीसा बंदियों को 25 जून 1975 से लेकर मार्च 1977 तक जेल में डाल दिया गया. प्रेस की स्वतंत्रता भी छीन ली गई थी.

''तब के दौर में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति का आंदोलन चला. उन्होंने न्यायालय में याचिका भी लगाई, जिसमें चुनाव को शून्य घोषित कर दिया गया. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पद और सत्ता को बचाने के लिए आपातकाल घोषित कर दिया. इस आपातकाल के कारण देश की जनता परेशान हुई.'' - लखनलाल साहू, पूर्व सांसद

साय सरकार में मीसाबंदियों को फिर मिली सम्मान निधि: पूर्व सांसद लखनलाल साहू ने बताया कि आज के दिन 25 जून 2024 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और दिशा निर्देश में भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ के सभी जिले में मीसा बंदियों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया. लोगों को जागरूकता और मौलिक अधिकारों के प्रति सजग करने के लिए प्रयास किए गए.

मीसाबंदियों के खाते में राशि ट्रांसफर: वहीं श्रम, उद्योग और वाणिज्य मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि कोरबा में वर्तमान में एक ही मीसाबंदी रहते हैं. पूर्व CM डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में मीसाबंदियों को मिलने वाली सम्मान निधि को विष्णुदेव सरकार में दोबारा शुरू कर दिया गया है. पूर्व की कांग्रेस सरकार ने इसे बंद कर दिया था. भूपेश सरकार में बंद 5 साल की सम्मान निधि को एकमुश्त मीसाबंदियों के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है.

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पूर्व सांसद लखनलाल साहू ने कांग्रेस पर साधा निशाना (ETV Bharat)

कोरबा : पूर्व सांसद लखनलाल साहू ने साल 1975 के आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा कि 25 जून हमारे देश के इतिहास में काला दिवस के रूप में याद किया जाता है. कांग्रेस पार्टी और कांग्रेसियों की सोच आज भी इमरजेंसी वाली ही है.

लखनलाल साहू ने कांग्रेस को घेरा: लखनलाल साहू ने यह भी कहा कि कांग्रेसी आज भी देश को तानाशाही सोच से ही चलाना चाहते हैं. आने वाले कल के भविष्य में वे फिर ऐसा न कर सकें, देशवासियों के अधिकारों का दमन और लोकतंत्र को खतरे में न डाल सकें, इसके लिए हम सभी को सहज और सतर्क रहने की जरूरत है.

1977 तक जेल में रहे राष्ट्रवादी लोग: लखनलाल साहू ने कहा कि उस दौर में भारत के नागरिकों के अधिकारों के हनन का प्रयास हुआ. लाखों मीसा बंदियों को 25 जून 1975 से लेकर मार्च 1977 तक जेल में डाल दिया गया. प्रेस की स्वतंत्रता भी छीन ली गई थी.

''तब के दौर में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति का आंदोलन चला. उन्होंने न्यायालय में याचिका भी लगाई, जिसमें चुनाव को शून्य घोषित कर दिया गया. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पद और सत्ता को बचाने के लिए आपातकाल घोषित कर दिया. इस आपातकाल के कारण देश की जनता परेशान हुई.'' - लखनलाल साहू, पूर्व सांसद

साय सरकार में मीसाबंदियों को फिर मिली सम्मान निधि: पूर्व सांसद लखनलाल साहू ने बताया कि आज के दिन 25 जून 2024 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और दिशा निर्देश में भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ के सभी जिले में मीसा बंदियों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया. लोगों को जागरूकता और मौलिक अधिकारों के प्रति सजग करने के लिए प्रयास किए गए.

मीसाबंदियों के खाते में राशि ट्रांसफर: वहीं श्रम, उद्योग और वाणिज्य मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि कोरबा में वर्तमान में एक ही मीसाबंदी रहते हैं. पूर्व CM डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में मीसाबंदियों को मिलने वाली सम्मान निधि को विष्णुदेव सरकार में दोबारा शुरू कर दिया गया है. पूर्व की कांग्रेस सरकार ने इसे बंद कर दिया था. भूपेश सरकार में बंद 5 साल की सम्मान निधि को एकमुश्त मीसाबंदियों के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है.

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Last Updated : Jun 26, 2024, 1:57 PM IST
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