मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: लोहरडीह कांड के विरोध में कांग्रेस ने बंद का ऐलान किया. कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सुबह से ही कांग्रेस कार्यकर्ता पूरे छत्तीसगढ़ में सड़कों पर उतरे. एमसीबी में बंद पूरी तरह से फेल साबित हुआ. कांग्रेस के बुलाए बंद में गिने चुने ही कार्यकर्ता शामिल हुए. पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी का यहां भी असर देखने को मिला. कुल मिलाकर कांग्रेस की गुटबाजी के चलते बंद पूरी तरह से एमसीबी में बेअसर रहा.
गुटबाजी के चलते बंद बेअसर: नगर पालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल ने कहा कि ''प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. कवर्धा के लोहारडीह में जिस तरह से युवक की मौत हुई वो अपने आप में कानून व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा करता है''. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था कि बीजेपी की सरकार में पूरी तरह के कानून व्यवस्था का राज चौपट हो चुका है.
कवर्धा घटना की न्यायिक जांच की मांग: जिला कांग्रेस महामंत्री राजकुमार केसरवानी ने कहा कि आठ महीनों की सरकार में 22 लोगों की हत्या हो चुकी है. पुलिस प्रशासन की विफलता के चलते अपराध बढ़ रहे हैं. केसरवानी ने कहा कि जबतक एसपी और टीआई के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होगा तबतक कांग्रेस का आंदोलन जारी रहेगा. कांग्रेस ने कवर्धा घटना की न्यायिक जांच की भी मांग की है.
चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बंद को नहीं दिया समर्थन: बंद के असफल होने का सबसे बड़ा कारण रहा चेंबर ऑफ कॉमर्स. चेंबर ऑफ कॉमर्स ने कांग्रेस के बंद को समर्थन नहीं दिया. बंद को समर्थन नहीं मिलने से दुकानें और प्रतिष्ठान खुले रहे. चेम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश मंत्री पंकज जैन ने बताया कि चेम्बर ने बंद का समर्थन नहीं किया है, क्योंकि उन्हें जानकारी देर से मिली और इसके लिए कार्यकारिणी की मंजूरी जरूरी होती है. चेम्बर ऐसे किसी भी बंद का समर्थन नहीं कर सकता, जिसे प्रदेश कार्यालय ने मंजूरी न दी हो."हम प्रदेश की घटनाओं की निंदा करते हैं, लेकिन बंद का समर्थन हमारे नियमों के मुताबिक नहीं है."