रांची: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक हलचल तेज होने लगी है. सबसे बड़ी खलबली केंद्र में मोदी सरकार को हैट्रिक बनाने से रोकने के लिए बने इंडिया महागठबंधन के भीतर है. सीट बंटवारे के मुद्दे पर हो रही देरी के चलते टीएमसी और आप के ऐलान के बाद अब बिहार में मजबूत घटक दल जेडीयू भी इंडिया महागठबंधन से बाहर होने जा रही है.
इंडिया गठबंधन को हो सकता है नुकसान: बिहार के ताजा राजनीतिक हालात को देखकर साफ है कि सबसे बड़ा नुकसान I.N.D.I.A महागठबंधन को उठाना पड़ेगा. जाहिर तौर पर टीएमसी, आप और जेडीयू के महागठबंधन से बाहर होने का साइड इफेक्ट झारखंड में भी देखने को मिलेगा. झारखंड की सत्ता पर काबिज झामुमो, कांग्रेस और राजद ने लोकसभा चुनाव को लेकर अब तक कोई ठोस रणनीति नहीं बनायी है. झामुमो ने हाल ही में कांग्रेस को समय रहते सीट बंटवारे पर फैसला लेने का अल्टीमेटम दिया है. इस अल्टीमेटम को दस दिन बीत चुके हैं. अब कहा जा रहा है कि फरवरी के पहले हफ्ते तक सीट फाइनल हो जाएगी.
झामुमो ने जताई चिंता: झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने मौजूदा राजनीतिक हालात पर चिंता जताते हुए इंडिया महागठबंधन के घटक दलों से विचार करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि उन्हें उन कारणों पर विचार करना चाहिए जिनकी वजह से यह स्थिति पैदा हो रही है. इन सबके बीच कांग्रेस अभी भी अपने गठबंधन सहयोगियों के बयानों पर प्रतिक्रिया देने से बच रही है. कांग्रेस सीधे तौर पर समय आने तक इंतजार करने की बात कहकर कोई भी बयान देने से बच रही है.
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