लक्सर: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र एवं हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े वीरेंद्र रावत ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार लक्सर क्षेत्र वासियों को फिर से बाढ़ में डुबोना चाहती है. मानसूनी की बरसात शुरू हो गई है, लेकिन गंगा और सोलानी नदियों के टूटे तटबंधों की एक वर्ष बाद भी मरम्मत नहीं हो सकी है. उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.
हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव लड़े वीरेंद्र रावत पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ लक्सर तहसील मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन देकर टूटे तटबधों की मरम्मत की मांग की. उन्होंने भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लक्सर की जनता ने भाजपा को डटकर वोट किया है. अब भाजपा सरकार जनता को पुरस्कार देने के लिए फिर से उन्हें बाढ़ के पानी में डूबे हुए देखना चाहती है.
वीरेंद्र रावत ने कहा कि गंगा और सोलानी नदियों के तटबंध पूरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ने पर क्षेत्र के लोगों को फिर से बाढ़ का कहर झेलना पड़ेगा, लेकिन सरकार को इस सबसे कोई लेना देना नहीं है. गत वर्ष आई बाढ़ ने लक्सर क्षेत्र में जमकर तबाही मचाई थी. राज्य के मुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों द्वारा मौके पर पहुंचकर स्थिति को अपनी आंखों से देखा गया था. आपदा पीड़ितों के तीन माह का बिजली बिल माफ किये जाने समेत तमाम बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गई थी. लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि इनमें से आज तक एक भी घोषणा पूरी नहीं हो पाई है. इससे भाजपा का किसान व मजदूर विरोधी चेहरा उजागर हो जाता है.
इसके बाद वीरेंद्र रावत लक्सर टायर फैक्ट्री के बाहर चल रहे श्रमिकों के धरना स्थल पर पहुंचे. पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे श्रमिकों से मिले. श्रमिकों को अपना पूर्ण समर्थन दिया. वीरेंद्र रावत ने कहा कि हम श्रमिकों के साथ हैं. दरअसल लक्सर में टायर फैक्ट्री से कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का मामला लगातार गरमाया हुआ है. सोमवार से श्रमिकों ने लक्सर में फैक्ट्री गेट के बाहर आमरण अनशन शुरू किया है. आंदोलन के संयोजक भारतीय किसान यूनियन (पटेल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी कीरत सिंह ने 16 जुलाई को ट्रैक्टरों के साथ चक्का जाम करने की चेतावनी दी है.
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