देहरादूनः उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव और उत्तराखंड में विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को लगे करारे झटके के बाद भाजपा बैकफुट जबकि कांग्रेस फ्रंटफुट पर खेल रही है. इसका फायदा कांग्रेस को तब ज्यादा मिला, जब यूपी में भाजपा नेताओं के बीच सरकार और संगठन को कम-ज्यादा तवज्जो देने की खबरों ने बल दिया. इससे भाजपा को घेरने का कांग्रेस को मुद्दा मिल गया. लिहाजा, मौजूद समय में कांग्रेस पूरे कॉन्फिडेंस के साथ भाजपा को जमकर घेर रही है.
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में चल रही खेमेबाजी पर तंज कसा है. हरीश रावत ने कहा कि, उत्तराखंड अभी आपदा जैसे संवेदनशील समय से गुजर रहा है और भाजपा के नेता इस वक्त अपनी कुर्सी बचाने के लिए दिल्ली दौरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी भाजपा को उत्तर प्रदेश में एक हल्का सा झटका लगा है और भाजपा का अनुशासन तिनके-तिनके की तरह बिखर गया है.
धाम बनाने ने धामी और मंत्री निकले शंकराचार्य से आगे: वहीं, दिल्ली केदारनाथ मंदिर विवाद के बाद उठे मुंबई में बदरीनाथ मंदिर के मसले पर हरीश रावत ने कहा कि, 'वह बदरीनाथ मंदिर में हाथ जोड़ने गए थे, ना कि वहां पर धाम की स्थापना करने. देश में तमाम धामों की स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी. लेकिन अब सीएम धामी सोच रहे हैं कि वह भी किसी धाम की स्थापना कर दें'.
हरीश रावत ने कहा कि भाजपा में कई 'पहलवान' हैं जो कि धाम बनाने में लगे हैं. एक सतपाल महाराज हैं, जो जहां जाते हैं, वहां धाम बना देते हैं. दूसरे पहलवान गणेश जोशी हैं जो कई धाम बना रहे हैं, जिसमें से एक तो सैन्य धाम भी है. हरीश रावत ने कहा कि धामों के क्या महत्व होते हैं और उनके क्या कुछ पौराणिक मान्यताएं होती हैं? इससे भाजपा को कुछ लेना-देना नहीं है. इसीलिए ये इस तरह के काम कर रहे हैं.
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