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UCC समिति का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर हरदा ने सरकार पर साधा निशाना, कहा-'बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना'

Uttarakhand UCC उत्तराखंड में यूसीसी को लेकर सियासत तेज है. जहां एक ओर धामी सरकार समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए गंभीर दिख रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस धामी सरकार पर तंज कस रही है.वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने इसको लेकर तंज भी कसा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 27, 2024, 2:27 PM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सरकार पर साधा निशाना

देहरादून: समान नागरिक संहिता को लेकर गठित की गई विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल शासन ने 15 दिन और बढ़ा दिया है. इस पर कांग्रेस पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि चुनाव से पहले सरकार इस ड्राफ्ट को नहीं लाना चाहती है. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि पूरे देश का नागरिक कानून सिर्फ केंद्र सरकार बना सकती है. हरीश रावत ने सीएम धामी पर इस मसले को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह उसी तरह है जैसे 'बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना'.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि यह सिर्फ झुनझुना मात्र है. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का इंतजार कर रही है कि चुनाव से पहले यूसीसी ना लाना पड़ जाए. उन्होंने कहा कि यह कॉमन सिविल कोड तब नहीं रह जाता है जब उत्तर प्रदेश के लिए समान नागरिक संहिता अलग लागू होगा और उत्तराखंड के लिए अलग लागू होगा. उन्होंने कहा कि पूरे देश का एक ही नागरिक कानून होना चाहिए और पूरे देश का नागरिक कानून केवल केंद्र सरकार बना सकती है. फिर या उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी यह कह दें कि समान नागरिक संख्या लागू करना केंद्र सरकार के वश की बात नहीं है.
पढ़ें-अयोध्या रामलला के दर्शन करने 2 फरवरी को नहीं जाएगी धामी कैबिनेट, UCC कमेटी का कार्यकाल 15 दिन बढ़ा

तब जाकर पुष्कर सिंह धामी को पहल करनी चाहिए. हरीश रावत ने सीएम धामी पर इस मसले को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह उसी तरह है जैसे 'बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना'. उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किए जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने 5 फरवरी को विधानसभा सत्र आहूत किया है. वहीं उससे पहले 26 जनवरी को यूसीसी की समिति का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही सरकार ने कार्यकाल को अगले 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सरकार पर साधा निशाना

देहरादून: समान नागरिक संहिता को लेकर गठित की गई विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल शासन ने 15 दिन और बढ़ा दिया है. इस पर कांग्रेस पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि चुनाव से पहले सरकार इस ड्राफ्ट को नहीं लाना चाहती है. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि पूरे देश का नागरिक कानून सिर्फ केंद्र सरकार बना सकती है. हरीश रावत ने सीएम धामी पर इस मसले को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह उसी तरह है जैसे 'बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना'.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि यह सिर्फ झुनझुना मात्र है. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का इंतजार कर रही है कि चुनाव से पहले यूसीसी ना लाना पड़ जाए. उन्होंने कहा कि यह कॉमन सिविल कोड तब नहीं रह जाता है जब उत्तर प्रदेश के लिए समान नागरिक संहिता अलग लागू होगा और उत्तराखंड के लिए अलग लागू होगा. उन्होंने कहा कि पूरे देश का एक ही नागरिक कानून होना चाहिए और पूरे देश का नागरिक कानून केवल केंद्र सरकार बना सकती है. फिर या उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी यह कह दें कि समान नागरिक संख्या लागू करना केंद्र सरकार के वश की बात नहीं है.
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तब जाकर पुष्कर सिंह धामी को पहल करनी चाहिए. हरीश रावत ने सीएम धामी पर इस मसले को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह उसी तरह है जैसे 'बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना'. उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किए जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने 5 फरवरी को विधानसभा सत्र आहूत किया है. वहीं उससे पहले 26 जनवरी को यूसीसी की समिति का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही सरकार ने कार्यकाल को अगले 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया है.

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