देहरादून: बीते दिनों कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री लक्ष्मी राणा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. राणा पूर्व में रुद्रप्रयाग जिला पंचायत अध्यक्ष भी रही हैं. उन्हें पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का करीबी माना जाता है. लक्ष्मी राणा के इस्तीफा के बाद हरक सिंह रावत का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि लक्ष्मी राणा दुखी थी, क्योंकि उन पर राजनीतिक से प्रेरित होकर कार्रवाई की जा रही थी. लेकिन कांग्रेस का कोई भी व्यक्ति उनके साथ खड़ा नहीं हुआ. इसके साथ ही हरक सिंह ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो रेंज में अवैध पेड़ कटान और अवैध निर्माण मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर खुद को निर्दोष बताया है.
पार्टी ने नहीं दिया लक्ष्मी राणा का साथ: कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने कांग्रेस नेता लक्ष्मी राणा के इस्तीफा देने पर पार्टी पर सवाल खड़े किए हैं. हरक सिंह रावत ने कहा है कि लंबे समय से कांग्रेस के लिए समर्पित रही एक अकेली महिला के साथ कांग्रेस कहीं भी खड़ी नहीं दिखाई दी. चाहे वह महिला कांग्रेस हो या फिर युवा कांग्रेस. हरक सिंह रावत ने आगे कहा कि पार्टी के नेताओं ने भी इस बाबत एक भी बयान नहीं दिया. उन्होंने कहा है कि ईडी की छापेमारी के दौरान हालांकि मेरे घर पर कांग्रेस के विधायक पहुंचे थे, लेकिन जब इसी मामले में लक्ष्मी राणा से ईडी ने पूछताछ की तो उनको ढांढस बंधाने तक कोई भी नेता नहीं गया. उन्होंने कहा है कि कम से कम पार्टी को उनके साथ खड़ा होना चाहिए था.
इस्तीफे को ठहराया जायज: उन्होंने लक्ष्मी राणा के इस्तीफे को जायज ठहराया है. उन्होंने कहा है कि जब मैंने लक्ष्मी राणा से बात की तो वह बहुत दुखी थी. आगे हरक सिंह रावत ने कहा है कि जिस परिवार के लिए व्यक्ति समर्पित रहा हो यदि पार्टी उसके लिए खड़ी नहीं होती है तो दुख तो होता ही है. बता दें कि हरक सिंह रावत के करीबियों पर ईडी और सीबीआई जांच कर रही है. ऐसे में पिछले दिनों लक्ष्मी राणा को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था. इसके बाद लक्ष्मी राणा ने इस्तीफा देते हुए यह आरोप लगाया था कि उनके साथ कांग्रेस पार्टी का कोई भी व्यक्ति खड़ा नहीं रहा.
हरक सिंह के करीबियों पर छापेमारी की गाज: बता दें कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पाखरो सफारी प्रकरण पर हो रही जांच के बीच एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) लगातार कार्रवाई कर रही है. वहीं ईडी जांच के दायरे में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत समेत उनके परिवार के सदस्य और कई करीबी भी हैं. बीते दिनों कांग्रेस नेता लक्ष्मी राणा के घर पर भी ईडी की टीम ने छापेमारी की थी. साथ ही ईडी की टीम ने उनसे मामले में पूछताछ भी की थी. लेकिन इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस ने उनका साथ नहीं दिया, जिससे खफा होकर लक्ष्मी राणा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.जबकि लक्ष्मी राणा को हरक सिंह रावत का करीबी माना जाता है.
जानिए कौन है लक्ष्मी राणा: कांग्रेस नेता लक्ष्मी राणा उत्तराखंड कांग्रेस में कई बड़े पदों पर रह चुकी हैं. रुद्रप्रयाग से आने वाली लक्ष्मी राणा ने कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री पद से हाल ही में इस्तीफा दिया है. वह रुद्रप्रयाग में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं. कांग्रेस नेता लक्ष्मी राणा हरक सिंह रावत के करीबी मानी जाती हैं. वहीं हरक सिंह रावत पर चल रही ईडी और सीबीआई जांच के चलते ईडी और सीबीआई द्वारा हरक सिंह रावत के करीबियों से पूछताछ कर रही है. वहीं लक्ष्मी राणा सहित हरक सिंह रावत के तमाम जानने वालों और करीबियों से लगातार पूछताछ हो रही है. ऐसे में बीते दिनों लक्ष्मी राणा से भी पूछताछ हुई. हालांकि हरक सिंह रावत से मिलने कांग्रेस के कई नेता पहुंचे, लेकिन लक्ष्मी राणा से मिलने कांग्रेस का कोई नेता नहीं पहुंचा. बताया जा रहा है कि जिससे वह आहत थी.
हरक सिंह रावत ने मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र: पूर्व में कई बार मंत्री रहे उत्तराखंड के कद्दावर नेता हरक सिंह रावत पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट में पेड़ कटान और अवैध निर्माण को लेकर चल रही जांच चल रही है, जिसके बाद हरक सिंह रावत ने भी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा है कि उनके खिलाफ जिस तरह से बिना उनके पक्ष जानें मीडिया के माध्यम से उन्हें दोषी करार दे दिया जा रहा है, उसे वह काफी आहत हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि उनका पक्ष जानने के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचे. साथ ही उन्होंने कहा है कि, 'उनके द्वारा पेड़ तो छोड़िए एक टहनी तक भी काटने में वह दोषी साबित नहीं हो पाएंगे.'
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि जिस तरह से चुनाव का वक्त नजदीक है और तमाम जांच एजेंसियां, मीडिया और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के चलते वह मानसिक रूप से परेशान हैं. साथ ही उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है. ऐसे में वह बेहद आहत हैं और उनका पक्ष भी न्यायालय में रखा जाए.
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