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बढ़े वेतन भत्ते लेने से गणेश गोदियाल का इंकार, नियामक आयोग बनाने की मांग, गिनाई पहाड़ की पीड़ा - Ganesh Godiyal on salary allowance

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 26, 2024, 3:12 PM IST

Updated : Aug 26, 2024, 3:25 PM IST

Congress leader Ganesh Godiyal, Ganesh Godiyal on MLA salary allowances, Increase in MLA salary and allowances पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने विधायकों के वेतन भत्तों की बढ़ोत्तरी से जुड़े विधेयक का विरोध किया है. साथ ही उन्होंने इसे लेने से भी इंकार कर दिया है. गणेश गोदियाल ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी. साथ ही उन्होंने इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष को भी पत्र लिखा है.

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बढ़े वेतन भत्तों लेने से गणेश गोदियाल का इंकार (ETV Bharat)

श्रीनगर/देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र में विधायकों के वेतन भत्तों की बढ़ोत्तरी से जुड़ा विधेयक पास किया गया. इस विधेयक के पास होने के बाद उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों को अब प्रतिमाह वेतन-भत्ते के रूप में लगभग चार लाख रुपए मिलेंगे. बढ़ती महंगाई को देखते हुए तदर्थ समिति ने विधायकों के वेतन-भत्तों के साथ ही उनके वैयक्तिक सहायक के वेतन में वृद्धि की संस्तुति की थी. अभी तक विधायकों को वेतन भत्ते के रूप में प्रतिमाह लगभग 2.90 लाख रुपए मिलते हैं. अब इस मामले में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की प्रतिक्रिया सामने आई है. गणेश गोदियाल ने बढ़े हुए वेतन भत्ते के साथ ही अन्य सुविधाएं लेने से इंकार कर दिया है.

गणेश गोदियाल ने सुविधाएं लेने से किया इंकार: कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बढ़े भत्ते और अन्य सुविधाएं नहीं देने की मांग की है. गणेश गोदियाल ने कहा विधायकों , पूर्व विधायकों के वेतन भत्ते और अन्य सुविधाएं बढ़ाये जाने को लेकर नियामक आयोग बनाया जाये. गणेश गोदियाल ने कहा एक तरफ प्रदेश भर में अल्प वेतन भोगी भारी परेशानियों के साथ गुजारा कर रहे हैं. दूसरी तरफ सरकार विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन भत्तों में इजाफा कर रही है. इसलिए उन्होंने पूर्व विधायकों के बढ़ाये गए वेतन भत्तों का विरोध करते हुए यह सुविधा लेने से इनकार किया है.

नियामक आयोग बनाने की मांग: गणेश गोदियाल ने कहा सार्वजनिक जीवन में काम कर रहे लोगों को अधिक संसाधनों की जरूरत है, लेकिन उसके लिए देश, काल और परिस्थिति देखनी चाहिए. राज्य में आपदा की विभाषिका है. विधायकों,पूर्व विधायकों का वेतन,भत्ते व अन्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए एक नियामक आयोग बनना चाहिए. आजकल ये संदेश जाता है कि विधानसभा सदन के सदस्य अपनी मर्जी से अपनी पेंशन, वेतन व भत्ते बढ़ा देते हैं. मात्र तीन दिन के गैरसैंण सत्र का यही संदेश गया है. उन्होंने कहा पूर्व विधायक के नाते वे बढ़े भत्ते व अन्य सुविधाएं नहीं लेंगे. वे इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं.

गिनाई पहाड़ की पीड़ा, सत्र पर उठाये सवाल: उन्होंने कहा उत्तराखंड विधानसभा का सत्र गैरसैंण में संपन्न हो गया है. गैरसैंण में आहुत हुए 3 दिन के सत्र की विवेचना करना आवश्यक है. उन्होंने कहा भले ही सत्र कहीं पर भी आहुत हो लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक इस बात की शिकायत करते हैं कि उन्हें अपनी विधानसभा क्षेत्र की दिक्कतों को उठाने का मौका नहीं मिलता है. उन्होंने कहा धारचूला, मुनस्यारी, चमोली, रुद्रप्रयाग जैसी जगहों पर आपदाएं आई हुई हैं. आपदाओं के बाद की स्थितियों पर स्थानीय विधायक सदन में चर्चा करना चाह रहे थे, लेकिन उन विधायकों को अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया. गणेश गोदियाल ने कम से कम 15 दिनों तक सत्र चलाये जाने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा सरकार ने गैरसैंण में तीन दिन का सत्र आयोजित कराकर मात्र औपचारिकता निभाई है.

पढ़ें- उत्तराखंड में विधायकों की बल्ले-बल्ले, वेतन भत्तों में हुई बढ़ोत्तरी, विधेयक हुआ पास, जानिए अब कितनी मिलेगी सैलरी - Uttarakhand Vidhan Sabha SESSION

श्रीनगर/देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र में विधायकों के वेतन भत्तों की बढ़ोत्तरी से जुड़ा विधेयक पास किया गया. इस विधेयक के पास होने के बाद उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों को अब प्रतिमाह वेतन-भत्ते के रूप में लगभग चार लाख रुपए मिलेंगे. बढ़ती महंगाई को देखते हुए तदर्थ समिति ने विधायकों के वेतन-भत्तों के साथ ही उनके वैयक्तिक सहायक के वेतन में वृद्धि की संस्तुति की थी. अभी तक विधायकों को वेतन भत्ते के रूप में प्रतिमाह लगभग 2.90 लाख रुपए मिलते हैं. अब इस मामले में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की प्रतिक्रिया सामने आई है. गणेश गोदियाल ने बढ़े हुए वेतन भत्ते के साथ ही अन्य सुविधाएं लेने से इंकार कर दिया है.

गणेश गोदियाल ने सुविधाएं लेने से किया इंकार: कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बढ़े भत्ते और अन्य सुविधाएं नहीं देने की मांग की है. गणेश गोदियाल ने कहा विधायकों , पूर्व विधायकों के वेतन भत्ते और अन्य सुविधाएं बढ़ाये जाने को लेकर नियामक आयोग बनाया जाये. गणेश गोदियाल ने कहा एक तरफ प्रदेश भर में अल्प वेतन भोगी भारी परेशानियों के साथ गुजारा कर रहे हैं. दूसरी तरफ सरकार विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन भत्तों में इजाफा कर रही है. इसलिए उन्होंने पूर्व विधायकों के बढ़ाये गए वेतन भत्तों का विरोध करते हुए यह सुविधा लेने से इनकार किया है.

नियामक आयोग बनाने की मांग: गणेश गोदियाल ने कहा सार्वजनिक जीवन में काम कर रहे लोगों को अधिक संसाधनों की जरूरत है, लेकिन उसके लिए देश, काल और परिस्थिति देखनी चाहिए. राज्य में आपदा की विभाषिका है. विधायकों,पूर्व विधायकों का वेतन,भत्ते व अन्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए एक नियामक आयोग बनना चाहिए. आजकल ये संदेश जाता है कि विधानसभा सदन के सदस्य अपनी मर्जी से अपनी पेंशन, वेतन व भत्ते बढ़ा देते हैं. मात्र तीन दिन के गैरसैंण सत्र का यही संदेश गया है. उन्होंने कहा पूर्व विधायक के नाते वे बढ़े भत्ते व अन्य सुविधाएं नहीं लेंगे. वे इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं.

गिनाई पहाड़ की पीड़ा, सत्र पर उठाये सवाल: उन्होंने कहा उत्तराखंड विधानसभा का सत्र गैरसैंण में संपन्न हो गया है. गैरसैंण में आहुत हुए 3 दिन के सत्र की विवेचना करना आवश्यक है. उन्होंने कहा भले ही सत्र कहीं पर भी आहुत हो लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक इस बात की शिकायत करते हैं कि उन्हें अपनी विधानसभा क्षेत्र की दिक्कतों को उठाने का मौका नहीं मिलता है. उन्होंने कहा धारचूला, मुनस्यारी, चमोली, रुद्रप्रयाग जैसी जगहों पर आपदाएं आई हुई हैं. आपदाओं के बाद की स्थितियों पर स्थानीय विधायक सदन में चर्चा करना चाह रहे थे, लेकिन उन विधायकों को अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया. गणेश गोदियाल ने कम से कम 15 दिनों तक सत्र चलाये जाने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा सरकार ने गैरसैंण में तीन दिन का सत्र आयोजित कराकर मात्र औपचारिकता निभाई है.

पढ़ें- उत्तराखंड में विधायकों की बल्ले-बल्ले, वेतन भत्तों में हुई बढ़ोत्तरी, विधेयक हुआ पास, जानिए अब कितनी मिलेगी सैलरी - Uttarakhand Vidhan Sabha SESSION

Last Updated : Aug 26, 2024, 3:25 PM IST
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