रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने लगातार झारखंड दौरे पर आ रहे असम के सीएम और बीजेपी के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा पर हमला बोलते हुए तांत्रिक बाबा बताया है.
रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बंधु तिर्की ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मैं इसीलिए उनको तांत्रिक कह रहा हूं क्योंकि 3 साल पहले हेमंत सरकार को अस्थिर करने के समय हमको भी उन्होंने फोन किया था. हमको तांत्रिक बाबा ने फोन करके गंगा में हाथ धोने की बात कह रहा था मैंने उनको डांटा था. पत्रकारों से बंधु तिर्की ने कहा कि असम सीएम से आप लोग पूछिएगा कि बंधु तिर्की को जानते हैं. झारखंड के बारे में उनको अभी समझना होगा झारखंड का लोग असम और दूसरे राज्य की तरह नहीं है आपको हिम्मत है तो यहां जो आदिवासियों का जमीन को जो लूट लिया गया है उसको वापस करने की बात आप कहें लेकिन ये कभी भी यहां के बारे में, यहां के लोगों के बारे में ऐसी बात नहीं कर सकते. वे एचईसी के बारे में बात करते ही नहीं है सिर्फ और सिर्फ अभी बड़ी-बड़ी बात बोल रहे हैं.
कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने आगे कहा कि जिस तरह से झारखंड की जनता के बीच सांम्प्रदायिक भावना को भड़काकर, घुसपैठ बोलकर, जहरीली बातों को बोलकर झारखंड का जो ताना-बाना है उसे बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. इतना अगर हिमंता बिस्वा सरमा को यहां के लिए चिंता है तो आज एचईसी फैक्ट्री बंद हो गया है उसका एकांउट फ्रीज हो गया है उसके हक के बारे में एक शब्द भी वे नहीं बोलते. झारखंड के लोग हर साल कितने पलायन कर जाते हैं उसके बारे में कम से कम बोलते, रोजगार के बारे में बोलते तो कुछ समझ में आता लेकिन उनके बारे में उसके पास में कोई शब्द नहीं है क्योंकि केंद्र में उनकी सरकार है.
बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासियों की जो जमीन लूट गयी है उस जमीन को वापस कराने की बात भी तो हिमंता बिस्वा सरमा को करनी चाहिए. मगर आदिवासी जमीन की बात सुनकर उनको सांप सूंघ जाता है. सरना कोड के बारे में उनके मुंह से बात नहीं निकलता है, आदिवासियों का नाम लेकर दम भरना, 150 साल से चाय बगान में टी ट्रायब के रूप में रह रहे हैं जिनको एमओबीसी के रूप में जाना जाता है आज तक उसके बारे में किसी तरह की बात नहीं करना, उन्हें जनजाति का दर्जा दिया जाना चाहिए था. हमेशा घुसपैठिए बोलकर जिस तरह से माहौल बनाया जा रहा है वह उचित नहीं है. मैं असम के मुख्यमंत्री से सवाल करना चाहता हूं कि आप आसाम से कितने घुसपैठिया को आज तक बाहर किया उसका आंकड़ा पूरे देश के बीच में सार्वजनिक करना चाहिए. कितने घुसपैठिए को आपने बाहर किया पहले यह आंकड़ा आपको बताना चाहिए तब यहां के बारे में बात करना चाहिए.
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