कोटा. कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष अमीन पठान राजकार्य में बाधा डालने व धमकी देने के मामले में गिरफ्तार होने के बाद न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. मंगलवार को उनकी जमानत के लिए जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रार्थना पत्र उनके एडवोकेट हरीश शर्मा ने दाखिल किया था. हालांकि, न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी है. इसके चलते अमीन पठान को अभी भी जेल में ही रहना पड़ेगा.
उनके एडवोकेट हरीश शर्मा का कहना है कि अमीन पठान के आपराधिक रिकॉर्ड और गंभीर अपराध करने का हवाला सरकारी एडवोकेट ने दिया था. अब वह इस मामले को लेकर हाई कोर्ट का रुख अख्तियार करेंगे और वहीं से राहत मिलने की उम्मीद है.
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आपको बता दें कि 16 मार्च के दिन वन विभाग, राजस्व विभाग पुलिस और नगर विकास न्यास की टीम संयुक्त रूप से डीजीपीएस सर्वे के लिए अनंतपुरा इलाके में गई थी. इस टीम में शामिल वन विभाग की लाडपुरा रेंजर संजय नगर ने अमीन पठान, उनकी पत्नी रजिया पठान सहित अन्य पर टीम के साथ मारपीट और गाली-गलौज करने का आरोप लगाया था. इस संबंध में अनंतपुरा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. जिसके बाद उन्हें 17 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया और अवकाशकालीन न्यायालय में पेश किया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. इसके बाद से ही अमीन पठान जेल में है.
18 मुकदमे हैं दर्ज, 5 मुकदमे सरकार ने लिए वापस : ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के पूर्व सदर अमीन पठान पर हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट, राजकार्य में बाधा और अन्य धाराओं में 18 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें राजनीतिक विरोध-प्रदर्शन के दौरान दर्ज मुकदमे भी शामिल हैं. एडवोकेट हरीश शर्मा का कहना है कि उन पर दर्ज सभी मामले डिस्पोजल हो गए हैं. इनमें अधिकांश में उन्हें बरी किया गया है, जबकि पांच मुकदमे राज्य सरकार ने वापस लिए हैं.