लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस की तरफ से सीतापुर लोकसभा सीट के लिए पहले घोषित प्रत्याशी की जगह पर पूर्व विधायक राकेश राठौर को नया प्रत्याशी घोषित किया है. इससे पहले पार्टी ने इस सीट से पूर्व मंत्री और 2019 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ चुके ब्राह्मण नेता नकुल दुबे को प्रत्याशी बनाया था. वहीं, पार्टी ने मथुरा लोकसभा सीट के लिए मुकेश धनगर को अपना प्रत्याशी बनाया है. मथुरा सीट से पहले बॉक्सर विजेंद्र सिंह का नाम चल रहा था. लेकिन उन्होंने बुधवार को ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर लिया था. मथुरा लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में मतदान है, जिसके लिए नामांकन की प्रक्रिया 4 अप्रैल को समाप्त हो रही है. कांग्रेस पार्टी मथुरा सीट पर नामांकन के लिए पहले ही फॉर्म ए व बी वहां भेज चुकी है.
सीतापुर सीट से पार्टी ने नकुल दुबे को बदलकर सबको चौंकाया
कांग्रेस पार्टी ने सीतापुर लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री नकुल दुबे को अपना प्रत्याशी बनाया था. उन्होंने वहां पर प्रचार भी करना शुरू कर दिया था. टिकट मिलने के करीब एक सप्ताह बाद पार्टी ने उनके स्थान पर राकेश राठौर को नया प्रत्याशी बनाया है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि सीतापुर लोकसभा के जातीय समीकरण को देखते हुए पार्टी ने वहां पर सवर्ण प्रत्याशी के स्थान पर ओबीसी वर्ग के कैंडिडेट को उतार कर चुनाव को रोचक बनाने की कोशिश की है. 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा बसपा और आरएलडी के गठबंधन के बाद भी बीजेपी कैंडिडेट राजेश वर्मा ने बसपा सरकार में मंत्री रहे नकुल दुबे को एक लाख से अधिक वोटों से हरा दिया था. राजेश वर्मा को 2019 में 5014528 से अधिक वोट प्राप्त हुए थे, जब कोई नकुल दुबे को 4 लाख 13695 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस की प्रत्याशी कैसर जहां को 96 हजार वोट ही मिल पाए थे. इस सीट पर करीब 27 फ़ीसदी दलित वोटर है, इसके साथ यहां पर कुर्मी वोटर की संख्या करीब 12 फ़ीसदी है. वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग की तादाद भी 28 फ़ीसदी के आसपास है. ऐसे में गांव में रहने वाले दलित पिछड़े वोटर किसी भी उम्मीदवार को जीत दिलाने की भूमिका निभाते हैं. इसी को देखते हुए पार्टी ने 2017 भारतीय जनता पार्टी से विधायक रहे राजेश राठौर को प्रत्याशी बनाया है, जो 2023 में कांग्रेस में शामिल हुए थे.
हेमा मालिनी के सामने मुकेश धनगर को बनाया प्रत्याशी
पश्चिम उत्तर प्रदेश के जाट बदल सीटों में शामिल मथुरा लोकसभा सीट पर पार्टी ने मुकेश धनगर को अपना प्रत्याशी बनाया है. इस लोकसभा सीट पर लगातार तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में जुटी हेमा मालिनी को कड़ी चुनौती देने के लिए पार्टी ने एससी कैटेगरी के उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने बुधवार को मथुरा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बदल दिया है. इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने सुरेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है. इससे पहले पार्टी ने यहां कमलकांत उपमन्यु को टिकट दिया था. कांग्रेस पार्टी की तरफ से इस लोकसभा सीट पर जाट उम्मीदवार देने का चर्चा चल रहा था. इस सीट पर पूर्व ओलंपियन और बॉक्सर विजेंदर सिंह का नाम काफी आगे था. लेकिन नामांकन से ठीक 1 दिन पहले विजेंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा ज्वाइन कर लिया था. मथुरा लोकसभा सीट पर सबसे निर्णायक वोट जाट मतदाताओं का है, जिनकी संख्या करीब साढे तीन लाख से अधिक है. वहीं, दूसरे नंबर पर ब्राह्मण मतदाता है, जिनकी संख्या करीब 3 लाख है. ठाकुर मतदाताओं की संख्या भी करीब 3 लाख है. जबकि जाटव करीब डेढ़ लाख, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी डेढ़ लाख के आसपास है. मथुरा लोकसभा सीट पर वैश्य मतदाता करीब 1 लाख, यादव मतदाताओं की संख्या 70000 है. अन्य जातियों के करीब 100000 वोटर यहां पर है.
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