कवर्धा: जिले में कांग्रेस पार्षदों ने बुधवार को अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस पार्षद नगरपालिका सीएमओ को जूते-चप्पलों का हार भेंट करने पहुंचे. हालांकि पुलिस ने पार्षदों के हाथों से हार छीन लिया. इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. साथ ही सीएमओ पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस पार्षदों ने किया जमकर प्रदर्शन: नगरपालिका कवर्धा के कांग्रेस पार्षद बुधवार को चप्पल-जूतों का हार लेकर सीएमओ को भेंट करने नगरपालिका पहुंचे. यहां पहले से सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारियों ने पार्षदों के हाथ से जूतों की माला छीन लिया. इसके बाद पार्षदों ने कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की. साथ ही सीएमओ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही. इसके बाद सभी प्रदर्शनकारियों ने सीएमओ के केविन में जाकर अपना ज्ञापन सौंपा.
जानिए क्या है मामला: दरअसल, नगरपालिका कवर्धा में एक-तिहाई कांग्रेस पार्षदों का कब्जा है. अध्यक्ष की कुर्सी पर भी कांग्रेस का कब्जा है, हालांकि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पालिका से भी इनकी सत्ता चली गई. कांग्रेस पार्षदों में आपसी मतभेद के कारण अध्यक्ष ऋषि शर्मा ने अध्यक्ष 12 दिसंबर 2023 को पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस पार्षदों को लगा था कि अध्यक्ष की कुर्सी में बहुमत के हिसाब से कांग्रेस का ही कब्जा रहेगा, लेकिन प्रदेश की भाजपा शासन ने नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 37/2 का उपयोग कर भाजपा पार्षद मनहरण कौशिक को कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया. वहीं, अध्यक्ष बनाए जाने के दूसरे ही दिन पीआईसी का गठन करने बिना सहमति लिए वार्ड क्रमांक 10 के कांग्रेस पार्षद सुशीला धुर्वे को शामिल कराया गया. सुबह जब कांग्रेस पार्षद को आवेदन मिला कि उन्हें सभापति नियुक्त किया गया है, तो पार्षद ने नाराजगी जाहिर की और अपने संगठन में इस बात को रखा. इसके बाद अन्य सदस्यों के साथ नगरपालिका पहुंच कर विरोध प्रदर्शन किया.
सुबह 10 बजे कांग्रेस पार्षद सुशीला धुर्वे को घर में एक लेटर मिला. लेटर में सुशीला धुर्वे को सभापति बनाए जाने कि बात लिखी गई थी.जैसे ही उन्हें लेटर मिला, उन्होंने सभी पार्षदों को बुलाया और बताया कि कांग्रेस पार्षद होने के नाते उनको बदनाम करने के लिए उन्हें भाजपा के अध्यक्ष वाली नगरपालिका में बिना सहमति सभापति बनाया है. इसके बाद सभी पार्षद नगरपालिका पहुंचे और सीएमओ को आवेदन देकर तत्काल पीआईसी सदस्य से सुशीला धुर्वे का नाम हटाने मांग की. -मोहित महेश्वरी, कांग्रेस पार्षद
जानिए क्या है कांग्रेस का आरोप:कांग्रेसियों का आरोप है कि भाजपा सरकार के इशारे में काम करने वाले नगरपालिका सीएमओ नरेश वर्मा ने नगरपालिका में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत होने के बाद भी भाजपा पार्षद को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया. अब बिना सहमति के कांग्रेस पार्षद सुशीला धुर्वे का नाम पीआईसी सदस्य में शामिल कर सभापति बना दिया. कांग्रेस पार्षद पीआईसी सदस्य से नाम हटाने की मांग कर रहे हैं.