रांची: विधानसभा चुनाव से पहले बार बार असम के मुख्यमंत्री और विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा के झारखंड दौरे को प्रदेश कांग्रेस ने बाबूलाल मरांडी की अक्षमता का परिणाम करार दिया है. कांग्रेस ने हिमंता और बाबूलाल मरांडी को कई तरह की बात कही है.
प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय में महासचिव सह मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा इस पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि दरअसल राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी एक अक्षम प्रदेश अध्यक्ष साबित हो रहे हैं. भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को अब उन पर भरोसा नहीं रहा इसलिए बार-बार असम के मुख्यमंत्री को झारखंड आना पड़ रहा है.
'राज्यपाल बनाकर राज्य की राजनीति से बाबूलाल को दूर करने की संभावना'
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ने कहा कि उन्हें भाजपा के अंदरखाने से जो सूचना मिली है, उससे इस बात की संभावना बलवती हो गयी है कि बाबूलाल मरांडी को किसी छोटे प्रांत का राज्यपाल बना दिया जाएगा. कांग्रेस नेता ने कहा कि असम में भाजपा की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है. ऐसे में यह भी संभव है कि हिमंता बिस्वा सरमा अपनी राजनीति झारखंड में शिफ्ट करना चाहते हों और इसलिए वह बार बार झारखंड आ रहे हों ताकि इस राज्य को बेहतर तरीके से वह समझ सकें.
'भाजपा का शीर्ष नेतृत्व हिमंता को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बना दे तो आश्चर्य नहीं'
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के रहते पार्टी लोकसभा चुनाव में सभी पांच अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीटें हार गई. 2019 में 14 में से 12 सीटें जीतने वाली NDA (भाजपा-आजसू) सिंगल डिजिट 09 सीट पर आ गई. प्रदेश भाजपा गुटों में बंटी हुई है, जहां पांच पांच मुख्यमंत्री और एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का गुट है. ऐसे में अगर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बड़ा फैसला लेते हुए भविष्य में हिमंता बिस्वा सरमा को बाबूलाल मरांडी की जगह झारखंड भाजपा का अध्यक्ष बना दे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
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