नई दिल्ली : कांग्रेस ने बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट को लेकर बड़ा बयान दिया है. कांग्रेस के मुताबिक सरकार अपने वादे से पीछे हट गई है. राज्य के राजनीतिक नेतृत्व की ''बातों पर ध्यान देने में विफल रहने'' के बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर में नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
Kya hua tera waada,
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 17, 2024
Woh kasam woh irada!
It appears that NMDC Steel in Bastar will now definitely be privatized before the end of FY25. Aap chronology samajhiye:
On October 3, 2023, the non-biological PM inaugurated the Steel Plant and promised that the Nagarnar Steel Plant is… pic.twitter.com/76l2ueiTJi
कांग्रेस का दावा दो महीने में नगरनार पर लगेगी बोली : कांग्रेस के महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर रिपोर्ट पोस्ट की. जिसमें दावा किया गया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय अगले दो महीनों में छत्तीसगढ़ स्थित एनएमडीसी स्टील (एनएसएल) के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित कर सकता है.
"क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम वो इरादा! ऐसा प्रतीत होता है कि बस्तर में एनएमडीसी स्टील का अब वित्त वर्ष 2025 के अंत से पहले निश्चित रूप से निजीकरण हो जाएगा. जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में कहा कि "आप क्रोनोलॉजी समझिए. 3 अक्टूबर, 2023 को गैर-जैविक पीएम ने स्टील प्लांट का उद्घाटन किया और वादा किया कि नगरनार स्टील प्लांट बस्तर के लोगों की संपत्ति है और उनके पास रहेगा." जयराम रमेश, महासचिव कांग्रेस
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से जुड़ा पोस्ट किया साझा: आगे इसी पोस्ट में कांग्रेस नेता ने कहा कि ''19 अक्टूबर, 2023 को स्वयंभू चाणक्य ने पीएम का वादा दोहराया कि एनएमडीसी के बस्तर स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं किया जाएगा.''रमेश ने अक्टूबर 2023 की एक मीडिया रिपोर्ट भी साझा की जिसमें गृहमंत्री अमित शाह के हवाले से कहा गया था कि राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के स्वामित्व वाले नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्रियों ने भी किया था विरोध : रमेश ने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस बात पर आम सहमति बनी है कि स्टील प्लांट नहीं बेचा जाना चाहिए. जयराम रमेश ने कहा कि बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अप्रैल 2017 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संयंत्र के निजीकरण पर आपत्ति जताई थी.कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कई मौकों पर संयंत्र के निजीकरण पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था और 21 फरवरी को प्रधानमंत्री के साथ नीति आयोग की बैठक में राज्य सरकार को इसके संचालन की जिम्मेदारी लेने की पेशकश भी की थी.
सोर्स- PTI