खूंटीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खूंटी दौरा होने वाला है. सोमवार को रांची से होते हुए भारत जोड़ो न्याय यात्रा का काफिला खूंटी में प्रवेश करेगा. इसको लेकर कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता और उनके समर्थक एकजुटता बढ़ाने लगे हैं और खूंटी में राहुल गांधी के आगमन की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं. राहुल की इस यात्रा को कांग्रेस पार्टी सियासी नजरिए से भी देख रही है. उनका दावा है कि राहुल गांधी की न्याय यात्रा से उन्हें खूंटी लोकसभा सीट जीतने में मदद मिलेगी.
खूंटी लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं कार्यकर्ता कई खेमों में बंटा हुआ है. जिसका कारण लोकसभा चुनाव परिणामों से समझा जा सकता है. लेकिन भाजपा का गढ़ माने जाने वाले खूंटी लोकसभा क्षेत्र में राहुल गांधी का दौरा होने वाला है. इससे खूंटी के कांग्रेस नेता ये दावा कर रहे हैं कि राहुल गांधी की यात्रा से उन्हें मजबूती मिलेगी और भाजपा द्वारा दशकों से बनाए गये किले को ध्वस्त किया जाएगा. पार्टी की जिला ईकाई यह भी दावा करती है कि इस बार खूंटी लोकसभा सीट कांग्रेस पूर्ण बहुमत से जीतेगा. वहीं भाजपा इसे बुरी तरह हार का सिग्नल दे रही है.
झारखंड के खूंटी लोकसभा सीट पर 1989 से 2019 में सिर्फ एक बार कांग्रेस को जीत मिली. इसके बाद बीजेपी के कड़िया मुंडा और फिर अर्जुन मुंडा के नाम ये सीट रही. कांग्रेस पार्टी को सिर्फ 2004 लोकसभा चुनाव में सुशीला केरकेट्टा ने कांग्रेस को जीत दिलाई थी. इसके पहले और बाद में कांग्रेस ने काफी प्रयास किया उन्हें सफलता नहीं मिली. इस बार कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी के खूंटी दौरे से उन्हें लोकसभा चुनाव में सफलता हाथ लगेगी.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष रवि मिश्रा का दावा है कि पहले की तुलना हाल के पांच वर्षों से वो मेहनत कर रहे हैं और इसी बीच राहुल गांधी खूंटी आ रहे हैं. राहुल गांधी के खूंटी भ्रमण मात्र से ही यहां के कार्यकर्ताओं समेत वोटरों में कांग्रेस के प्रति रुझान बढ़ेगा और उन्हें जीत मिलेगी जबकि भाजपा ने कांग्रेस के उन सभी दावों को गलत करार दिया है. भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर गुप्ता ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा पूर्व में भी हुई और वो जहां गए वहां से हार मिली. जनजातीय बहुल खूंटी लोकसभा क्षेत्र का भ्रमण भी राहुल गांधी के लिए बेहतर साबित नहीं होगा.
खूंटी में भाजपा का दबदबाः झारखंड गठन से पूर्व एवं बाद तक खूंटी लोकसभा की सीट पर भाजपा का दबदबा रहा है. भाजपा ने खूंटी लोकसभा क्षेत्र को इतना मजबूत बना कर रखा है कि इस सीट को कोई नहीं छीन सकता. हालांकि 2004 में सुशीला केरकेट्टा ने कड़िया मुंडा को एक बार हराने में कामयाबी जरूर हासिल की. लेकिन उसके बाद से लगातार खूंटी में भाजपा ने अपना किला को मजबूत बनाये रखा. यही कारण है कि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कड़िया मुंडा के जगह अर्जुन मुंडा ने लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और 1145 वोटों की अंतर से जीत हासिल कर आज केंद्र में जनजातीय मामलों सह कृषि मंत्री हैं.
2019 के चुनाव परिणामों पर अगर नजर डाले तो बहुत कम अंतर से भाजपा ने खूंटी सीट जीता था. भाजपा से अर्जुन मुंडा 3 लाख 82 हजार 638 वोट ला पाए थे जबकि कांग्रेस से कालीचरण मुंडा को 3 लाख 81 हजार 193 वोट मिले थे. 1145 वोटों के अंतर से भाजपा ने जीत हासिल की थी. हालांकि उस वक्त हार जीत का फैसला देर रात लगभग 11 बजे के बाद आया था जो जिले ही नहीं पूरे राज्य में चर्चा का विषय था कि आखिर रिजल्ट आने में इतना विलंब क्यों हुआ.
खूंटी लोकसभा सीट से भाजपा से वर्तमान में अर्जुन मुंडा सांसद हैं, जबकि इससे पूर्व तक कड़िया मुंडा यहां से सांसद रहे हैं जिन्होंने आठवीं बार इस सीट पर काबिज रहे. 2014 के चुनाव में कड़िया मुंडा ने जन कल्याण पार्टी के एनोस एक्का को 92 हजार 248 मतों के भारी अंतर से हराया था. इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंदर 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. ये क्षेत्र खरसावां, तमाड़, तोरपा, खूंटी, कोलेबिरा और सिमडेगा हैं. यहां की कुल जनसंख्या 17 लाख 25 हजार 970 में से 93.32 प्रतिशत ग्रामीण नागरिक हैं और 6.68 फीसदी शहरी हैं. इस क्षेत्र की एक बड़ी जनसंख्या अनुसचित जनजाति से संबंध रखती है, इनकी संख्या का प्रतिशत कुल 64.85 है. 2011 की जनगणना के अनुसार यह जिला झारखंड में लोहरदगा के बाद सबसे कम जनसंख्या वाला जिला है.
खूंटी लोकसभा सीट से पूर्व सांसद कड़िया मुंडा ने यहां से सात बार चुनाव जीतकर रिकॉर्ड कायम किया है. भाजपा से वह लगातार चुनाव लड़कर जीतते रहे हैं. झारखंड बनने के बाद तीन चुनाव हुए हैं. 2004 का चुनाव वह कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा से हार गए थे लेकिन 2009 और 2014 का चुनाव जीत गए. 2009 में उन्होंने कांग्रेस के नियेल तिर्की को हराया था, जबकि 2014 में उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी झारखंड पार्टी के एनोस एक्का थे उन्हें लगभग 90 हजार मतों के अंतर से हराया था. राज्य बनने के पहले 1989, 1991, 1996, 1998 और 1999 का चुनाव भी कड़िया मुंडा ने जीता था.
2004-2019 तक कौन जीता और कौन हाराः
- 2004 लोकसभा चुनाव- सुशीला केरकेट्टा (कांग्रेस)- 2,18,158 वोट
कड़िया मुंडा (भाजपा)- 1 लाख 66 हजार 932 वोट - 2009 लोकसभा चुनाव- कड़िया मुंडा (भाजपा)- 2,10,214 वोट
नियेल तिर्की (कांग्रेस)- 1,30,039 वोट - 2014 लोकसभा चुनाव- कड़िया मुंडा (भाजपा)- 2,69,185 वोट
एनोस एक्का (झारखंड पार्टी)- 1,76,937 वोट - 2019 लोकसभा चुनाव- अर्जुन मुंडा (भाजपा)- 3,82,638 वोट
कालीचरण मुंडा (कांग्रेस)- 3,81,193 वोट.
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