मंडी: संसदीय सीट मंडी से कांग्रेस का प्रत्याशी बनने के बाद विक्रमादित्य सिंह ने जब मंडी में अपना चुनाव प्रचार शुरू किया तो पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को पानी पी-पीकर कोस रहे थे. जयराम ठाकुर को मंडी का भक्षक तक कह डाला था, लेकिन अब विक्रमादित्य सिंह के सुर बदलने लग गए हैं. आज मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले साईगलू में विक्रमादित्य सिंह ने जयराम की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि जयराम उनके लिए सम्माननीय और एक शरीफ व्यक्ति हैं.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा जब उनके पिता का देहांत हुआ था तो जयराम ठाकुर ने दो घंटे रामपुर में तपती धूप में खड़े रहकर श्रद्धांजलि दी थी. विक्रमादित्य सिंह ने नरम लहजे में कहा कि जयराम ठाकुर बतौर मुख्यमंत्री मंडी जिला के लिए कुछ नहीं कर पाए. जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री रहते हुए मंडी के लिए कौन सा प्रोजेक्ट लेकर आए. आईआईटी मंडी को मंजूरी यूपीए सरकार में वीरभद्र सिंह लेकर आए थे. ये रिकॉर्ड की बात है इसे कोई झूठला नहीं सकता. यहां जो भी विकास हुआ है वो स्व. वीरभद्र सिंह की देन है.
इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने दिवंगत कांग्रेस नेता पंडित सुखराम और उनके विधायक बेटे अनिल शर्मा की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम संचार क्रांति के मसीहा थे और अपने दौर में उन्होंने मंडी सदर में अथाह विकास करवाया, लेकिन अब यह नया दौर है जिसमें उन्हें काम करने का मौका मिल रहा है. बतौर मंत्री मंडी सदर में जो उद्घाटन और शिलान्यास किए हैं वो कोई फट्टे नहीं लटकाए हैं, बल्कि धरातल पर काम करके दिखाया है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यदि जनता उन्हें यहां से चुनकर भेजती है तो फिर वे केंद्र में हिमाचल प्रदेश के लिए अलग से रेजिमेंट की पैरवी करेंगे. हिमाचल प्रदेश वीरों की भूमि है और यहां से बहुत से लोग सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. कई रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. ऐसे में यहां के शौर्य के लिए एक अलग से रेजिमेंट का होना बेहद जरूरी है. इस धरती से कैप्टन विक्रम बत्रा और कैप्टन सौरभ कालिया जैसे वीर सपूत पैदा हुए हैं. अगर आज के समय में हर राज्य की अलग टुकड़ी हो सकती है तो हिमाचल के जवानों की रेजिमेंट क्यों नहीं हो सकती है. ये विषय हमारे गौरव से जुड़ा हुआ है.