नई दिल्ली: दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से आज इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार जयप्रकाश अग्रवाल ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया. जयप्रकाश अग्रवाल का मुकाबला चांदनी चौक से बीजेपी के उम्मीदवार प्रवीण खंडेलवाल से है. नामांकन के दौरान दौरान उनके साथ दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल और कांग्रेस के नेता मौजूद रहे. पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित नौधरा राजनीतिक घटनाक्रम का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है. यहा मकान नंबर 1998 आजादी से पहले स्वतंत्रता सेनानियों का अड्डा रहा है.
जयप्रकाश अग्रवाल के पिता लाला रामवरण अग्रवाल इसी घर में रहते थे. वह इसी मकान से आजादी की लड़ाई में 3 चार बार जेल गए. फिर उन्होंने साल 1945 में म्युनिसिपल कमिटी का पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. तब से नौधरी का राजनीतिक सफर शुरू हुआ, जो अब तक जारी है. आज कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन 'इंडिया' की तरफ से प्रात्याशी जय प्रकाश आग्रवाल ने इसी घर के पते से लोकसभा चुनाव के लिए 10वीं बार नामांकन किया है.
बता दें कि नौघरा का मकान नंबर 1998 के इस घर से अब तक करीब 20 इलेक्शन लड़े जा चुके हैं. यह अपने आप में दिल्ली में एक ऐसा मकान है, जहां से इतने चुनाव लड़े जा चुके है. सबसे पहले जयप्रकाश अग्रवाल के पिता ने 1945 में म्युनिसिपल कमिटी का चुनाव जीता था. इसके बाद 1951 में कमिटी के सदस्य बने. फिर 1954 में सदस्य बने. 1958 में दिल्ली म्युनिसिपल कमिटी के मेंबर बने. साल 1962 में फिर मेंबर बने. 1967 में दिल्ली मेट्रोपोलिटन काउंसिल के सदस्य चुने. साल 1983 में कॉरपोरेशन का मेंबर चुना गया.
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जयप्रकाश अग्रवाल साल 1984 से अब तक इस मकान से लोकसभा के 10 चुनाव लड़ चुके है. जयप्रकाश अग्रवाल इसी घर से राज्यसभा का चुनाव भी लड़ चुके है. इनका आज भी इसी घर के पते पर इलेक्शन आईकार्ड भी है. हालांकि जयप्रकाश अग्रवाल अभी यहां नहीं रहते हैं, लेकिन उनके परिवार के लोग अभी भी इसी जगह रहते हैं.
जयप्रकाश अग्रवाल के घर पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी आ चुकी है. जब इनके पिता लाला रामचरण अग्रवाल की मृत्यु हुई थी, तब इंदिरा गांधी भी इस घर पर आई. इसकी तस्वीरें भी आज इस घर में मौजूद है. इतना ही नहीं इस घर में राजनीतिक मीटिंग्स भी होती रही हैं. जब इनके पिता कॉरपोरेशन कमिटी के सदस्य थे, तब कॉरपोरेशन की मीटिंग के बाद तमाम सदस्य घर आकर पॉलिटिकल गपशप करते थे. पुरानी दिल्ली की चाट पकौड़ियों का लुत्फ उठाते थे.
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