गिरिडीहः झारखंड की राजनीति में गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र का अलग ही महत्व है. इस विधानसभा क्षेत्र में पीरटांड़ आता है जो दिशोम गुरु कहे जाने वाले शिबू सोरेन का कर्म क्षेत्र भी रहा है. यहीं पारसनाथ पर्वत है. गिरिडीह विधानसभा सीट के इतिहास पर हम गौर करें तो यहां कभी कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया का परचम लहराता था. कांग्रेस ने इस सीट पर सन 1952, 1962, 1967, 1980 और 1990 में जीत दर्ज की थी, जबकि सीपीआई ने इस सीट पर चार दफा पर परचम लहराया था.
सीपीआई के चतुरानन मिश्र ने लगाई थी जीत की हैट्रिक
चतुरानन मिश्र गिरिडीह विधानसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं. चतुरानन मिश्र ने 1969, 1972 ओर 1977 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस की ओर से ज्योतिंद्र प्रसाद आखिरी दफा 1990 में विधायक चुने गए थे. वहीं सीपीआई भी आखिरी दफा 1985 में जीत दर्ज की थी. 1985 में सीपीआई के ओमीलाल आजाद गिरिडीह से विधायक निर्वाचित हुए थे. वहीं 1985 के बाद से सीपीआई और 1990 से कांग्रेस इस सीट को जीतने के लिए तरसती रही. अब तो इस सीट से दोनों दलों की ओर से प्रत्याशी भी नहीं उतारे जाते हैं.
सन 2000 में दूसरी दफा जीते थे बीजेपी के चंद्रमोहन
एकीकृत बिहार के समय 1995 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंद्रमोहन प्रसाद ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद वर्ष 2000 में हुए चुनाव में भाजपा ने चंद्रमोहन को फिर से मैदान में उतारा था. चंद्रमोहन के सामने राष्ट्रीय जनता दल की टिकट पर निर्भय कुमार शाहबादी, कांग्रेस की टिकट पर ज्योतिंद्र प्रसाद, झामुमो की टिकट पर इरशाद अहमद, सीपीआई की टिकट पर पूर्व विधायक ओमीलाल आजाद, बीएसपी के सुनील कुमार के अलावा चार निर्दलीय भी चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन बाजी चंद्रमोहन प्रसाद ने मारी थी. इस चुनाव में महज 1025 वोट से चंद्रमोहन ने निर्भय कुमार शाहबादी को हराया था.
इस चुनाव में भाजपा के चंद्रमोहन को 24722 मत, राजद के निर्भय को 23697 मत, कांग्रेस के ज्योतिंद्र को 14804 मत, झामुमो के इरशाद अहमद को 12069 मत, निर्दलीय जागेश्वर सिंह को 5409 मत, सीपीआई के ओमिलाल को 3197 मत, बीएसपी प्रत्याशी सुनील कुमार को 1506 मत, निर्दलीय मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह को 1413, सुरेश को 1192, नागेश्वर दास को 732 मत मिले थे.
वर्ष 2005 में पहली दफा गिरिडीह सीट जीता था झामुमो
गिरिडीह सीट पर झामुमो को पहली जीत 2005 में मिली थी. इस चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुन्नालाल ने जीत दर्ज की थी. मुन्ना को 31895 मत तो उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सूबे में मंत्री रहे भाजपा के चंद्रमोहन प्रसाद को 24920 मत मिले थे. इसी तरह आरजेडी के उम्मीदवार निर्भय कुमार शाहबादी को 21029, बीएसपी के मनोज कुमार साहू को 8214, एलजेपी की टिकट पर खड़े हुए पूर्व विधायक ज्योतिंद्र प्रसाद को 4392, निर्दलीय जागेश्वर सिंह को 3168, समाजवादी पार्टी के मो कासिम नौशाद अली को 2771, निर्दलीय अनिमा हांसदा को 1887, नवल किशोर मंदिलवार को 1239, दिलीप कुमार उपाध्याय को 1163, वाणी मंडल को 790 मत मिले थे. 6975 मतों से झामुमो के मुन्नालाल ने जीत दर्ज की थी.
2009 के चुनाव में झाविमो की टिकट पर जीते थे निर्भय
2009 का विधानसभा चुनाव कई मायने में अलग था. इस बार भाजपा से अलग होकर बाबूलाल मरांडी द्वारा बनाई गई पार्टी झारखंड विकास मोर्चा भी मैदान में था. जेवीएम ने गिरिडीह से निर्भय कुमार शाहबादी को अपना उम्मीदवार बनाया था. बाबूलाल की उम्मीद पर निर्भय खरे उतरे थे. निर्भय ने 2005 के चुनाव में जीत दर्ज करनेवाले मुन्नालाल को पटखनी दी थी.
इस चुनाव में निर्भय को 28771 तो झामुमो छोड़कर निर्दलीय अपना भाग्य आजमा रहे मुन्ना को 21669 मत मिले थे. वहीं भाजपा के उम्मीदवार चंद्रमोहन प्रसाद को 18283, पहली दफा मैदान में आजसू की टिकट पर उतरे विनोद कुमार को 11737, बीएसपी की टिकट पर दूसरी दफा चुनाव लड़ रहे मनोज कुमार साहू को 10267, झामुमो के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे सुदिव्य कुमार को 8272, निर्दलीय विभाकर पांडेय को 2443, राजद के इरशाद अहमद को 1796, निर्दलीय हेमलाल हांसदा को 1628 तो रामदेव विश्वबंधु को 1205 मत मिले थे. इस तरह निर्भय कुमार शाहबादी ने 7102 मतों से जीत दर्ज की थी.
वर्ष 2014 के चुनाव में निर्भय ने दर्ज की दूसरी जीत
2014 का झारखंड विधानसभा चुनाव भी कई मायने में अलग था. 2009 के चुनाव में जेवीएम से जीत दर्ज करनेवाले निर्भय कुमार शाहबादी भाजपा में शामिल हो चुके थे. भाजपा ने निर्भय को उम्मीदवार बनाया था. निर्भय के सामने जेवीएम के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के फायर ब्रांड नेता सुदिव्य कुमार मैदान में थे. टक्कर भी जोरदार हुई, लेकिन जीत निर्भय को मिली थी.
बाबूलाल मरांडी तीसरे पायदान पर जा खिसके. इस चुनाव में निर्भय को 57450, जेएमएम के सुदिव्य को 47517, जेवीएम ( प्रा ) बाबूलाल मरांडी को 26665, कांग्रेस की रूमा सिंह को 2998, बीएसपी के नागेश्वर दास को 2436, जदयू के त्रिभुवन दयाल को 2050, मार्क्सिस्ट को-ऑर्डिनेशन के गोविंद कुमार यादव को 1930, एनसीपी के मो अफाक नौशाद को 1659, सीपीआई एमएल के राजेश कुमार सिन्हा को 1141 और निर्दलीय प्रेम कुमार सिन्हा को 987 मत मिले थे. इस तरह 9933 मतों से भाजपा के निर्भय ने जीत दर्ज की थी.
गिरिडीह सीट से अब तक के निर्वाचित विधायक
- 1952 के विस चुनाव में कांग्रेस से कृष्णबल्लभ सहाय
- 1957 के विस चुनाव में सीएनपीएसपीजेपी से कामाख्या नारायण सिंह
- 1962 के विस चुनाव में कांग्रेस से रघुनंदन राम
- 1967 के विस चुनाव में कांग्रेस से रघुनंदन राम
- 1969 के विस चुनाव में सीपीआई से चतुरानन मिश्र
- 1972 के विस चुनाव में सीपीआई से चतुरानन मिश्र
- 1977 के विस चुनाव में सीपीआई से चतुरानन मिश्र
- 1980 के विस चुनाव में कांग्रेस से उर्मिला देवी
- 1985 के विस चुनाव में सीपीआई के ओमीलाल आजाद
- 1990 के विस चुनाव में कांग्रेस से ज्योतिंद्र प्रसाद
- 1995 के विस चुनाव में भाजपा से चंद्रमोहन प्रसाद
- 2000 के विस चुनाव में भाजपा से चंद्रमोहन प्रसाद
- 2005 के विस चुनाव में झामुमो से मुन्नालाल
- 2009 के विस चुनाव में जेवीएम से निर्भय कुमार शाहबादी
- 2014 के विस चुनाव में भाजपा से निर्भय कुमार शाहबादी
- 2019 के विस चुनाव में झामुमो से सुदिव्य कुमार
2019 के चुनाव में 48 प्रतिशत वोट लाकर जीत दर्ज की सुदिव्य ने
2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा आत्मविश्वास से भरी थी. हर सीट पर जीत दर्ज करने का दावा किया जा रहा था. दूसरी तरफ विपक्ष एकजुट हो चुका था. गिरिडीह में भी महागठबंधन की एकजुटता देखने को मिली थी और एकजुटता ने परिणाम भी दिया. 2019 के चुनाव में गिरिडीह विधानसभा सीट पर झामुमो ने जीत दर्ज की थी. गिरिडीह से झामुमो प्रत्याशी सुदिव्य कुमार ने दो बार से विधायक रहे भाजपा के निर्भय कुमार शाहबादी को पराजित किया था. इस चुनाव में झामुमो के सुदिव्य को रिकॉर्ड 80871 वोट, भाजपा के निर्भय को 64987 वोट मिले थे.
इन दोनों के अलावा जेवीएम के चुन्नुकांत को 6903, निर्दलीय मो लालो को 2493, एलजेपी के उपेंद्र कुमार शर्मा को 2026, निर्दलीय श्याम प्रसाद वर्णवाल को 1533, बीएसपी के सिकंदर अली को 1272, आम आदमी पार्टी प्रत्याशी श्वेता कुमारी को 1182, मार्क्सिस्ट को-ऑर्डिनेशन के मो सलमान साहब को 1124 तो निर्दलीय बुधन हेंब्रम को 991 मत मिले थे. इस तरह झामुमो के प्रत्याशी सुदिव्य कुमार में 15884 मतों से जीत दर्ज की थी.
ये भी पढ़ें-