अल्मोड़ा: लोकसभा सीट अल्मोड़ा पिथौरागढ़ नेपाल, चीन और गढ़वाल से सटी हुई है.देश की राजनीति में शुरू से ही अल्मोड़ा लोकसभा सीट बहुत की महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है.कुमाऊं की हिमालयी श्रृंखला की पहाड़ी में बसा यह क्षेत्र चंद्रवंशीय राजाओं की राजधानी रही है.कुमाऊं का सबसे पुराना जिला अल्मोड़ा जिसमें पूर्व में पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत भी शामिल थे.विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने बाद में इन जिलों को पृथक कर अलग जिले बनाए गए.आज भी अल्मोड़ा लोकसभा सीट की बात करें तो ये चारों जिले इसी लोकसभा क्षेत्र में हैं.
पुराने प्रत्याशियों पर खेला दांव: लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट पर पहले से भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस का वर्चस्व रहा है.यह सीट 2009 के लोकसभा चुनाव में आरक्षित कर दी गई थी.जिसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस आरक्षित सीट पर अनुसूचित जाति के अजय टम्टा को मैदान में उतारा तो कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवार के रूप में अनुसूचित जाति के प्रदीप टम्टा को चुनाव में खड़ा किया.इस चुनाव में प्रदीप टम्टा ने भाजपा प्रत्याशी को पटखनी देकर चुनाव में विजयश्री हासिल की थी और भाजपा को एक बड़ा झटका दिया था.
चौथी बार आमने-सामने दोनों नेता: कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को जहां 200310 वोट मिले, वहीं बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा को 192987 वोट ही मिल पाए.जिसमें अजय टम्टा को 7323 मतों से हार का सामना करना पड़ा.इसके बाद साल 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में मुकाबला फिर से कांग्रेस के प्रदीप टम्टा और भारतीय जनता पार्टी के अजय टम्टा के बीच हुआ.लेकिन इस बार भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा ने जीत दर्ज कर पार्टी का परचम लहराया और पार्टी को जीत दिलाई. वहीं साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के दौरान बीजेपी के अजय टम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को एक बार फिर पटखनी दी और इस सीट से संसद पहुंच गए.
लोगों में खास हलचल नहीं : इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में अल्मोड़ा आरक्षित सीट से एक बार फिर भाजपा ने जहां अजय टम्टा को चुनाव में प्रत्याशी बनाया. वहीं कांग्रेस ने भी अपने पुराने प्रत्याशी को एक बार फिर चुनाव लड़ने का मौका दे दिया. चौथी बार भाजपा के अजय टम्टा और कांग्रेस के प्रदीप टम्टा आमने-सामने हैं.इस बार कौन यहां से जीतकर संसद जाएगा, यह आने वाले चुनाव परिणामों के बाद ही पता चल सकेगा.
पुराने प्रत्याशियों पर खेला दांव: अल्मोड़ा संसदीय सीट से भाजपा और कांग्रेस के पुराने प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में है. उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा.क्योंकि दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता इस चुनाव में नये चेहरे के उतरने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के अनुरूप परिणाम नहीं आए. पहले भाजपा के शीर्ष नेताओं ने अपने पुराने प्रत्याशियों पर मोहर लगा दी तो कांग्रेस भी पीछे नहीं रही उसने भी अपने पुराने प्रत्याशी को ही इस सीट से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया. आम जनता भी नये चेहरों के इंतजार में थी, लेकिन दोनों पुराने प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में उतरने से मतदाताओं में भी कोई खास हलचल नहीं दिखाई दे रही है.
अल्मोड़ा संसदीय सीट पर 7 प्रत्याशी मैदान में: अल्मोड़ा संसदीय सीट के लिए चुनाव मैदान में 7 उम्मीदवार है. जिसमें भारतीय जनता पार्टी से उम्मीदवार अजय टम्टा, कांग्रेस के प्रत्याशी प्रदीप टम्टा, बहुजन समाज पार्टी से नारायण राम, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी से किरन आर्या, बहुजन मुक्ति पार्टी से ज्योति प्रकाश टम्टा, निर्दलीय प्रत्याशी अर्जुन प्रसाद, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक से प्रमोद कुमार हैं.
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