लखनऊ : गांधी भवन में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के हजारों कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया गया. सम्मेलन में आरएसएस के प्रचारक और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार ने मंच के विस्तार और राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान वक़्फ अधिनियम 2024 के संशोधन के समर्थन में सहमति जताई गई और राष्ट्रपति को पत्र भेजने की योजना बनाई गई. इस दौरान उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों के विवाद का फैसला संवाद और कोर्ट से करना चाहिए, इसके लिए कोई भी दंगा जायज नहीं नाजायज है.
वक्फ अधिनियम संशोधन पर जोर : सम्मेलन में वक्फ माफिया के खिलाफ कार्रवाई, संपत्तियों के पारदर्शी उपयोग और वक्फ बोर्ड की कमेटियों में महिलाओं एवं अन्य समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर सहमति जताई गई. डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि वक्फ की संपत्तियों का सही उपयोग और उसका वेलफेयर कार्यों में इस्तेमाल जरूरी है.
धार्मिक सौहार्द और विवाद समाधान की पहल : डॉ. इंद्रेश कुमार ने धार्मिक स्थलों पर सहमति से विवाद सुलझाने की वकालत की. उन्होंने कहा कि इन मसलों को आपसी संवाद और न्यायपालिका के माध्यम से हल करना चाहिए. उन्होंने दंगा और पत्थरबाजी से दूर रहकर सौहार्दपूर्ण समाधान की अपील की.
तीन तलाक और अनुच्छेद 370 पर चर्चा : डॉ. इंद्रेश कुमार ने तीन तलाक खत्म होने और अनुच्छेद 370 हटने को बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि 370 हटाने के समर्थन में मंच ने 2 लाख से अधिक हस्ताक्षर राष्ट्रपति को भेजे हैं. गौहत्या और लिंचिंग के मुद्दे पर भी मंच ने एक स्वर में समाधान की मांग की.
वक्त संपत्तियों का पारदर्शी उपयोग : उन्होंने मंच ने वक्फ संपत्तियों का पारदर्शी रखरखाव और उसकी आय का वेलफेयर कार्यों में उपयोग सुनिश्चित करने की वकालत की. उन्होंने कहा कि वक्फ कमेटी में हिंदुओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग भी उठाई गई, ताकि वे संपत्तियों के उपयोग की निगरानी कर सकें.
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर समर्थन : यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चर्चा करते हुए मंच ने इसे सभी समुदायों के लिए समान और लाभदायक बताया. डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि हर भारतीय का मूल एक है और एक समान कानून देश को मजबूत बनाएगा. उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपने बयान में ईमानदार रहना चाहिए. उन्होंने मानसरोवर यात्रा और चीन पर उनकी चुप्पी को लेकर सवाल उठाए.
मुस्लिम समाज में संवाद का आह्वान : मंच ने मुस्लिम समाज को एकजुट होकर आपसी विवाद सुलझाने और विदेशी आक्रमणों के खिलाफ मिलकर खड़े होने की अपील की. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य दंगा मुक्त, नफरत मुक्त और झगड़ा मुक्त हिंदुस्तान का निर्माण करना बताया गया.