ऋषिकेश: विश्व प्रसिद्ध रामझूला पुल अब जर्जर हालत में है, जिससे अब पुल अधिक वजन झेलने लायक नहीं बचा है. आलम ये है कि झूलापुल की ग्राउंड प्लेट जंक खाकर जर्जर हो चुकी है. साथ ही मरम्मत के अभाव में पुल के अन्य हिस्से भी जवाब देने लगे हैं. जिससे झूलापुल से गुजरने वाले लोगों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है.
एक्सपर्ट ने पुल को लेकर दी थी सलाह: लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक्सपर्ट साल 2020-21 में पुल पर आवाजाही बंद या फिर सीमित करने की सिफारिश कर चुके हैं, लेकिन फिर भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. पीडब्ल्यूडी(PWD)की नरेंद्रनगर डिविजन पुल का स्ट्रक्चर बदलकर इसे मजबूत बनाने के लिए लगभग 8 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेज जा चुका है. इसके बावजूद अभी तक यह प्रस्ताव धूल फांक रहा है. इसके अलावा शासन ने स्ट्रक्चर व मरम्मत के डिजाइन पर आपत्ति जताकर प्रस्ताव को वापस कर दिया है. डिविजन को दोबारा से कंसलटेंट हायर रिडिजाइन की रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.
यात्रा सीजन के दौरान बढ़ेगी भीड़: बता दें कि मौजूदा स्थिति में पुल पर लोगों का आवागमन जारी है. जिसमें पीडब्ल्यूडी के एक्सपर्ट की सिफारिश का पालन होता नहीं दिख रहा है. ऐसे में आगामी पर्यटक और यात्रा सीजन के दौरान पुल पर भीड़ बढ़ने से लोगों की सुरक्षा को खतरा पैदा होने की आशंका है. खासकर कांवड़ यात्रा में शिवभक्तों की भीड़ के पुल से गुजरने को लेकर भी कई अंदेशे हैं.
रामझूला पुल पर दोपहिया वाहनों की आवाजाही पर रोक: लोक निर्माण विभाग नरेंद्र नगर के सहायक अभियंता गंभीर सिंह असवाल ने बताया कि रामझूला पुल की स्थिति से शासन को समय-समय पर अवगत कराया जा रहा है. पुल की मजबूती का कंसलटेंट हायर कर डिजाइन तैयार किया जा रहा है. डिजाइन का काम पूरा होने के बाद फिर से खर्च का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा, जिसे मंजूरी मिलने पर पुल की मजबूती का काम शुरू किया जाएगा. फिलहाल दोपहिया वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है.
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