गोरखपुर : जिले के चरगावा में करीब तीन साल पहले 5 करोड़ रुपए खर्च कर शहीद बंधू सिंह चालक प्रशिक्षण केंद्र (DTI) बनाया गया था. कार्यदायी संस्था ने इस भवन को परिवहन विभाग को हैंडओवर भी कर दिया है. बावजूद इसके यह सेंटर धूल फांक रहा है. इस भवन से सिर्फ परमानेंट लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं. इससे हैवी ड्राइविंग लाइसेंस के अभ्यर्थियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
इस मामले पर एआरटीओ अरुण कुमार ने कहा कि कंप्यूटराइज्ड सिस्टम को चालू करने के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा गया है. इसको चालू करने के लिए वेंडर का चयन होना महत्वपूर्ण है. मारुति सुजुकी कंपनी को इसके संचालन का काम मिला है, लेकिन वह वेंडर का चयन नहीं कर पा रही है. उम्मीद है एक माह में इस पर फैसला हो जाएगा और यहां से लोगों को लाइसेंस मिलने लगेगा. परमानेंट लाइसेंस के लिये भी यहां पर टेस्ट होगा और लाइसेंस दिया जाएगा.
इस संबंध में अपर परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) पुष्पसेन सत्यार्थी का कहना है कि गोरखपुर के डीटीआई में ऑटोमेशन का काम मारुति कंपनी का है. मैनपावर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी वहां के आरटीओ और जोनल अधिकारियों की है. इसके लिए कमेटी गठित की गई है. जेम पोर्टल से मैनपॉवर की पूर्ति की जाएगी. इसके अलावा परिवहन निगम को यहां पर एक कार, एक ट्रक और एक मिनी बस के साथ ही सिम्युलेटर की खरीदारी के लिए भुगतान कर दिया गया है. उम्मीद है कि एक से डेढ़ माह के अंदर हरहाल में गोरखपुर का डीटीआई शुरू हो जाएगा, वहीं इस केंद्र को खोलने के पीछे शासन की मंशा की बात करें तो पूर्वांचल के युवाओं को सड़क सुरक्षा संबंधी जानकारी देने और उन्हें कुशल चालक बनाने के लिये इस प्रशिक्षण केंद्र को गोरखपुर में स्थापित किया गया है.
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