नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कई कॉलेजों के हाल में जारी परीक्षा परिणामों में कई छात्रों को अनुपस्थित बताया गया है, जबकि उन्होंने परीक्षा दी है. इसके अलावा कई छात्रों को एसेंशियल रिपीट (ईआर) भी परिणाम में दिखाया जा रहा है. हालांकि, डीयू प्रशासन का कहना है कि तकनीकी खराबी के कारण कुछ समस्या आई है. एक हजार छात्रों के परिणाम अपडेट किए जा चुके हैं. जिनका परिणाम तकनीकी समस्या के चलते बिगड़ा है, वे परीक्षा विभाग में संपर्क कर सकते हैं.
डूसू की ओर से कुलसचिव को दिया गया ज्ञापन
डीयू के लगभग सभी कालेजों में छात्रों के परिणामों में गड़बड़ी हुई है. सत्यवती कालेज मार्निंग में 500 छात्रों ईआर आई है. इतने ही छात्रों की बैक आई है. कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष हेमंत सिंह खोखर ने बताया कि 30 छात्रों की इतिहास के पेपर में बैक आई है. इतने छात्रों की एक साथ बैक आना संभव ही नहीं है. इनमें ऐसे कई छात्र हैं, जिनकी कभी बैक नहीं आई. शहीद भगत सिंह कालेज के एक छात्र ने कहा कि मेरी पहले कभी ईआर नहीं आई है. ऐसा पहली बार हुआ है. प्रायोगिक परीक्षाओं में मुझे अनुपस्थित दिखा दिया गया. जबकि मैं शामिल हुआ था.
वैल्यू एडेड कोर्स में आ रही ज्यादा शिकायत
जनरल इलेक्टिव और वैल्यू एडेड कोर्स में ऐसा ज्यादा देखने को मिला है. छात्र ने बताया कि 40 छात्र इसकी शिकायत कर चुके हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ कार्यालय में भी छात्र ईआर और अनुपस्थित रहने की शिकायत लेेकर पहुंच रहे हैं. डूसू की सचिव अपराजिता ने कहा कि उन्होंने कुलसचिव से मुलाकात कर छात्रों की समस्या बताई है. उन्होंने इसे जल्द समस्या समाधान का आश्वासन दिया है.
एक हजार छात्रों की समस्या हुई दूर, बाकी का प्रयास जारी
परीक्षा विभाग के ओएसडी प्रो. अजय अरोड़ा ने बताया कि अभी तक एक हजार विद्यार्थियों की समस्या का समाधान किया जा चुका है, जिन छात्रों की समस्या सामने आ रही है, उनका समाधान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कॉलेज के स्तर पर इंटरनल असिस्मेंट की जानकारी विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है. छात्रों को उनके अंक वहां नहीं दिखाए जा रहे हैं, इससे पारदर्शिता कम हो रही है और समस्या खड़ी हो रही है.
68 कॉलेजों में सिर्फ 22 ने उपलब्ध कराए इंटरनल असिस्मेंट के अंक
जिन छात्रों की तकनीकी खामी के कारण ऐसा नहीं हुआ है वे पुर्नमूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं. 68 कॉलेजों में सिर्फ 22 ने मार्च तक इंटरनल असिस्मेंट (ईए) के अंक उपलब्ध कराए हैं. कई छात्रों के वे अंक ठीक से नहीं भरने की वजह से उनका परिणाम बिगड़ जाता है. ऐसा पहले भी हुआ है. ईए के अंक समय से और ठीक से उपलब्ध कराने के लिए परीक्षा विभाग पांच पत्र कॉलेजों को लिख चुका है. लेकिन, वे अंक नहीं दे पाते.
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18 अप्रैल को बुलाई गई कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक
अब इस समस्या के समाधान के लिए 18 अप्रैल को प्राचार्यों के साथ एक बैठक बुलाई गई है. उनसे अनुरोध किया जाएगा कि वे ईए के अंक छात्रों को दिखाकर और हस्ताक्षर कराकर ही परीक्षा विभाग भेजें. जिससे छात्रों को पता हो कि उनको कितने अंक मिले हैं. जिससे वे परिणामों का खुद भी आकलन कर सकें. हेमंत खोखर का कहना है कि हजारों छात्रों के साथ समस्या हुई है। डीयू को इसका स्थायी समाधान निकालना चाहिए.
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