सुल्तानपुरः संसद में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर को लेकर की गई टिप्पणी मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर दर्ज हुए परिवाद को लेकर MPMLA कोर्ट में सुनवाई हुई. स्पेशल मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने गवाही के लिए 23 जनवरी की तिथि नियत की है.
परिवादी के अधिवक्ता जयप्रकाश का कहना है कि अमित शाह को जमानत के लिए आना ही पड़ेगा. बता दें कि रामखेलावन ने 7 जनवरी को सुल्तानपुर के MPMLA कोर्ट में परिवाद में दायर किया था. इस मामले में बुधवार दोपहर 2 बजे विशेष कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. याचिकाकर्ता सरैया निवासी रामखेलावन अपने अधिवक्ता जयप्रकाश के साथ कोर्ट रूम में पहुंचे.
स्पेशल जज शुभम वर्मा ने पूछा रामखेलावन बताइए क्या मामला है? इस पर याची ने कहा साहब, 17 दिसंबर 2024 को सदन में भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीम राम अम्बेडकर के खिलाफ गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था, 'अंबेडकर-अंबेडकर (6बार यह शब्द दोहराया) एक फैशन हो गया है. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग हो जाता.' जिनकी बदौलत अमित शाह आज गृहमंत्री हैं, उन्हीं के खिलाफ ऐसी टिप्पणी की. डॉक्टर भीम राव अंबेडकर को करोड़ों गरीब मजदूर अपना भगवान मानते हैं. गृहमंत्री के इस बयान से करोड़ों लोगों के साथ उसकी भी भावनाएं आहत हुई हैं.
कोर्ट ने परिवादी से यह भी पूछा, क्या कहीं अन्य जगह इसकी शिकायत दर्ज कराया था? इस पर याची ने कहा कि 24 दिसंबर 2024 को पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर डाक से भी कार्रवाई के लिए तहरीर भेजा था, लेकिन पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की गई. कोर्ट ने याची का बयान दर्ज करते हुए दो गवाह लाने को कहा. गवाही के लिए 23 जनवरी की तिथि नियत की गई है.
परिवादी के अधिवक्ता जयप्रकाश ने बताया कि हमने कोर्ट में पेपर कटिंग, पेन ड्राइव में अमित शाह के बयान का वीडियो, वादी का कास्ट सार्टिफिकेट दाखिल किया है. पहली गवाही 23 जनवरी को होना है, दो गवाही इसमें अनिवार्य है.
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