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मंत्रियों की कमेटी ने पर्यावरण सेक्रेटरी-DDA VC को दोबारा भेजा नोटिस, मंत्री भारद्वाज बोले कोर्ट को बताएंगे - Tree Cutting Matter

felling of trees in Delhi Ridge area Case: छतरपुर के रिज एरिया असोला घाटी में बिना अनुमति के पड़े काटने के मामले पर दिल्ली सरकार सख्त है. इस घटना की जांच के लिए बनी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने पर्यावरण एवं वन विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण के अफसरों को नोटिस जारी किया है.

शहरी विकास एवं स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने लगाया आरोप.
शहरी विकास एवं स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने लगाया आरोप. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 2, 2024, 7:46 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली के छतरपुर के रिज एरिया असोला घाटी में 1100 पेड़ों को बिना अनुमति के काटे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद अब दिल्ली के तीन मंत्रियों की बनी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने दिल्ली के पर्यावरण एवं वन विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण के अफसर से जवाब तलब करने को फिर से एक और नोटिस भेजा है. कमेटी ने संबंधित अधिकारियों से इस मामले पर फेक्चुअल रिपोर्ट मांगी है.

दिल्ली के शहरी विकास एवं स्वास्थ्य मंत्री और कमेटी के सदस्य सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिल्ली सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मिलकर असोला भाटी में 1100 पेड़ों को काटा गया है. यह पूरा मामला दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के संज्ञान में था. बावजूद इसके उन्होंने इसकी जानकारी अपने विभागीय मंत्री तक को देना जरूरी नहीं समझा. यह पूरा मामला बिना अनुमति के रिज एरिया में पेड़ काटने के साथ-साथ देश की शीर्ष अदालत की अवमानना का भी है.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को फटकार लगाई, बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का दिया प्रस्ताव

भारद्वाज ने पूरे मामले का सिलसिलेवार तरीके से जिक्र करते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद इस मामले में संबंधित विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी फॉरेस्ट से जानकारी मांगी गई थी. इस मामले पर दिल्ली सरकार के तीन मंत्रियों की एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी भी गठित की गई. जिससे पूरे मामले की वास्तविकता का पता लगाया जा सके. लेकिन अधिकारी इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

उन्होंने बताया कि 27 जून तक पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को प्रिंसिपल सेक्रेटरी की ओर से रिपोर्ट देनी थी, लेकिन उनकी तरफ से इसको गंभीरता से नहीं लिया गया. इसके बाद 28 जून को मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उनको रिपोर्ट नहीं भेजी गई है. इसके बाद 29 जून को मंत्रियों की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई और दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी व अन्य के साथ-साथ डीडीए के वाइस चेयरमैन के अलावा अन्य संबंधित अधिकारियों को भी नोटिस भेजा गया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के अधिकारी ऊपर से दबाव के चलते काम कर रहे हैं और संबंधित विभाग के मंत्रियों को भी इस मामले में कोई रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं. सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को भी अवगत कराएगी.

यह भी पढ़ेंः मंत्री गोपाल राय ने अवैध रूप से पेड़ों को काटने के मामले में अब तक की गई कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट मांगी

यह भी पढ़ेंः फॉरेस्ट डिपार्टमेंट व डीडीए को पता था कि उन्हें पेड़ काटने की परमिशन नहीं है फिर भी पेड़ काटे गए - सौरभ भारद्वाज

यह भी पढ़ेंः यह भी पढ़ेंः दिल्ली: मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल पर लगाए 1100 पेड़ कटवाने के आरोप, मांगा इस्तीफा

नई दिल्लीः दिल्ली के छतरपुर के रिज एरिया असोला घाटी में 1100 पेड़ों को बिना अनुमति के काटे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद अब दिल्ली के तीन मंत्रियों की बनी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने दिल्ली के पर्यावरण एवं वन विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण के अफसर से जवाब तलब करने को फिर से एक और नोटिस भेजा है. कमेटी ने संबंधित अधिकारियों से इस मामले पर फेक्चुअल रिपोर्ट मांगी है.

दिल्ली के शहरी विकास एवं स्वास्थ्य मंत्री और कमेटी के सदस्य सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिल्ली सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मिलकर असोला भाटी में 1100 पेड़ों को काटा गया है. यह पूरा मामला दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के संज्ञान में था. बावजूद इसके उन्होंने इसकी जानकारी अपने विभागीय मंत्री तक को देना जरूरी नहीं समझा. यह पूरा मामला बिना अनुमति के रिज एरिया में पेड़ काटने के साथ-साथ देश की शीर्ष अदालत की अवमानना का भी है.

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भारद्वाज ने पूरे मामले का सिलसिलेवार तरीके से जिक्र करते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद इस मामले में संबंधित विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी फॉरेस्ट से जानकारी मांगी गई थी. इस मामले पर दिल्ली सरकार के तीन मंत्रियों की एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी भी गठित की गई. जिससे पूरे मामले की वास्तविकता का पता लगाया जा सके. लेकिन अधिकारी इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

उन्होंने बताया कि 27 जून तक पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को प्रिंसिपल सेक्रेटरी की ओर से रिपोर्ट देनी थी, लेकिन उनकी तरफ से इसको गंभीरता से नहीं लिया गया. इसके बाद 28 जून को मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उनको रिपोर्ट नहीं भेजी गई है. इसके बाद 29 जून को मंत्रियों की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई और दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी व अन्य के साथ-साथ डीडीए के वाइस चेयरमैन के अलावा अन्य संबंधित अधिकारियों को भी नोटिस भेजा गया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के अधिकारी ऊपर से दबाव के चलते काम कर रहे हैं और संबंधित विभाग के मंत्रियों को भी इस मामले में कोई रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं. सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को भी अवगत कराएगी.

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