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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का बड़ा फैसला, एकल पट्टा और नवगठित जिलों की समीक्षा को लेकर की कमेटी गठित - Big decision of the government

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 29, 2024, 9:12 AM IST

प्रदेश में एकल पट्टा प्रकरण और पूर्ववर्ती सरकार में नव गठित जिलों की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अलग अलग दो कमेटियों का गठन किया है. सरकार ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में बनाए गए नए जिलों को लेकर बड़ा और अहम फैसला किया है. इन जिलों की स्थिति की पूरी जांच करने के लिए सेवानिवृत्त आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है.

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का बड़ा फैसला (फाइल फोटो)

जयपुर. प्रदेश में एकल पट्टा प्रकरण और पूर्ववर्ती सरकार में नव गठित जिलों की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अलग अलग दो कमेटियों का गठन किया है. शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रिटायर्ड IAS ललित के पंवार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की. जो नवगठित ज़िलों की स्थिति की जांच कर मंत्रिमंडलीय उप समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं एकल पट्टा प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश आर.एस.राठौड़ की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया है.

एकल पट्टा जांच कमेटी : प्रदेश में एकल पट्टा प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए राज्य सरकार ने समिति का गठन किया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर पूर्व न्यायाधीश आर.एस.राठौड़ की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया गया है, साथ ही, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव इस समिति के सदस्य होंगे. बता दें कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में एकल पट्टा प्रकरण में हुई अनियमितताओं पर न्यायालय से प्रकरण वापस लेने के लिए कमेटी गठित की गई थी. लेकिन कमेटी में तत्कालीन यूडीएच मंत्री के कार्यालय से संबंधित अधिकारियों को शामिल किया गया था, इससे कमेटी की निष्पक्षता पर सवाल उठे थे. पूर्व न्यायाधीश आर.एस.राठौड़ की अध्यक्षता में नव गठित समिति एकल पट्टा प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.

पढ़ें: बड़ा फैसला : राज्य कर्मचारियों के खुशखबरी, भजनलाल सरकार ने DA बढ़ाया

नवगठित जिलों की समीक्षा : वहीं दूसरे आदेश में पूर्ववर्ती सरकार में बनाये गए जिलों और संभागों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रिटायर्ड IAS ललित के पंवार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है, ये कमेटी नवगठित ज़िलों की स्थिति की जांच कर मंत्रिमंडलीय उप समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. बता दें प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की थी जिसमें चार अन्य मंत्री भी शामिल हैं. पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में जिलों का पुनर्गठन करते हुए नवीन जिले सृजित किए गए थे. राज्य सरकार की ओर से गठित नवीन जिलों की प्रशासनिक आवश्यकताओं, वित्तीय संसाधनों सहित अन्य बिन्दुओं पर समीक्षा का फैसला किया गया था.

विवेकानन्द मॉडल स्कूलों में प्राइमरी स्तर की कक्षाओं का होगा संचालन : उधर , एक अन्य आदेश में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध दिखाते हुए प्रदेश मे संचालित स्वामी विवेकानन्द मॉडल विद्यालयों में अब प्राइमरी स्तर की कक्षाओं का संचालन करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल विद्यालयों में प्राइमरी स्तर की कक्षाओं के संचालन के लिए करीब 10 करोड़ रूपये के वित्तीय प्रावधान को स्वीकृति प्रदान की है, साथ ही, अध्यापन कार्य के लिए तृतीय श्रेणी अध्यापक (लेवल-प्रथम) के तीन अतिरिक्त पद प्रति विद्यालय के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. इन पदों पर शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापकों की साक्षात्कार के माध्यम से प्रतिनियुक्ति की जाएगी. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश में संचालित 134 मॉडल विद्यालयों में प्राइमरी कक्षाओं के लिए निर्मित भवनों में अब शिक्षण कार्य सुचारू रूप से हो सकेगा.

जयपुर. प्रदेश में एकल पट्टा प्रकरण और पूर्ववर्ती सरकार में नव गठित जिलों की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अलग अलग दो कमेटियों का गठन किया है. शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रिटायर्ड IAS ललित के पंवार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की. जो नवगठित ज़िलों की स्थिति की जांच कर मंत्रिमंडलीय उप समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं एकल पट्टा प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश आर.एस.राठौड़ की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया है.

एकल पट्टा जांच कमेटी : प्रदेश में एकल पट्टा प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए राज्य सरकार ने समिति का गठन किया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर पूर्व न्यायाधीश आर.एस.राठौड़ की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया गया है, साथ ही, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव इस समिति के सदस्य होंगे. बता दें कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में एकल पट्टा प्रकरण में हुई अनियमितताओं पर न्यायालय से प्रकरण वापस लेने के लिए कमेटी गठित की गई थी. लेकिन कमेटी में तत्कालीन यूडीएच मंत्री के कार्यालय से संबंधित अधिकारियों को शामिल किया गया था, इससे कमेटी की निष्पक्षता पर सवाल उठे थे. पूर्व न्यायाधीश आर.एस.राठौड़ की अध्यक्षता में नव गठित समिति एकल पट्टा प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.

पढ़ें: बड़ा फैसला : राज्य कर्मचारियों के खुशखबरी, भजनलाल सरकार ने DA बढ़ाया

नवगठित जिलों की समीक्षा : वहीं दूसरे आदेश में पूर्ववर्ती सरकार में बनाये गए जिलों और संभागों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रिटायर्ड IAS ललित के पंवार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है, ये कमेटी नवगठित ज़िलों की स्थिति की जांच कर मंत्रिमंडलीय उप समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. बता दें प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की थी जिसमें चार अन्य मंत्री भी शामिल हैं. पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में जिलों का पुनर्गठन करते हुए नवीन जिले सृजित किए गए थे. राज्य सरकार की ओर से गठित नवीन जिलों की प्रशासनिक आवश्यकताओं, वित्तीय संसाधनों सहित अन्य बिन्दुओं पर समीक्षा का फैसला किया गया था.

विवेकानन्द मॉडल स्कूलों में प्राइमरी स्तर की कक्षाओं का होगा संचालन : उधर , एक अन्य आदेश में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध दिखाते हुए प्रदेश मे संचालित स्वामी विवेकानन्द मॉडल विद्यालयों में अब प्राइमरी स्तर की कक्षाओं का संचालन करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल विद्यालयों में प्राइमरी स्तर की कक्षाओं के संचालन के लिए करीब 10 करोड़ रूपये के वित्तीय प्रावधान को स्वीकृति प्रदान की है, साथ ही, अध्यापन कार्य के लिए तृतीय श्रेणी अध्यापक (लेवल-प्रथम) के तीन अतिरिक्त पद प्रति विद्यालय के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. इन पदों पर शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापकों की साक्षात्कार के माध्यम से प्रतिनियुक्ति की जाएगी. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश में संचालित 134 मॉडल विद्यालयों में प्राइमरी कक्षाओं के लिए निर्मित भवनों में अब शिक्षण कार्य सुचारू रूप से हो सकेगा.

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