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एयरोसिटी-तुगलकाबाद मेट्रो कॉरिडोर का कलर कोड होगा गोल्डन - एयरोसिटी तुगलकाबाद मेट्रो कॉरिडोर

Delhi metro: एयरोसिटी-तुगलकाबाद मेट्रो कॉरिडोर का कलर कोड गोल्डन होगा. DMRC के मुताबिक यात्रियों की बेहतर दृश्यता और सुविधा के लिए यह निर्णय लिया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 29, 2024, 7:11 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने यात्रियों के लिए बेहतर दृश्यता और सुविधा के लिए आगामी स्टेज 4 के दिल्ली एयरोसिटी-तुगलकाबाद मेट्रो कॉरिडोर का रंग कोड 'सिल्वर' से बदलकर 'गोल्डन' करने का निर्णय लिया है. DMRC के मुताबिक, यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि ट्रेनों पर चांदी के बजाय सुनहरे रंग का इस्तेमाल ज्यादा किया गया है. जो मेट्रो ट्रेनों के स्टेनलेस स्टील बॉडी की चांदी के रंग जैसी बनावट से मेल खा रही है. इसी वजह से कलर कोड के रूप में 'गोल्डन' का चयन किया गया है. मेट्रो के अनुसार यह रंग यात्रियों के लिए ज्यादा सुविधाजनक है.

ये भी पढ़ें: 21 साल की हुई दिल्ली मेट्रो, जानें साल 2002 से 2023 तक क्या हुए बदलाव

बता दें कि दिल्ली मेट्रो ने यात्रियों को मेट्रो की आसान पहचान के लिए अपने सभी परिचालन गलियारों को रंग-कोडित किया है. मेट्रो के हर रूट पर चलने वाली मेट्रो का एक कलर कोड है. इसको मेट्रो पर एक रंगीन पट्टी के तौर पर लगाया जाता है. जैसे द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा/वैशाली तक ब्लू लाइन पर चलने वाली मेट्रो ट्रेनों में खिड़की के नीचे एक नीली पट्टी होती है.

गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो के चरण 4 का एयरोसिटी-तुगलकाबाद मेट्रो कॉरिडोर 15 स्टेशनों के साथ 23.62 किलोमीटर लंबा होगा. यह गलियारा कश्मीरी गेट-राजा नाहर सिंह वायलेट लाइन को एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन से जोड़ेगा और राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी भाग में कई नए क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. इस कॉरिडोर के मार्च 2026 तक चालू होने की उम्मीद है.

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने यात्रियों के लिए बेहतर दृश्यता और सुविधा के लिए आगामी स्टेज 4 के दिल्ली एयरोसिटी-तुगलकाबाद मेट्रो कॉरिडोर का रंग कोड 'सिल्वर' से बदलकर 'गोल्डन' करने का निर्णय लिया है. DMRC के मुताबिक, यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि ट्रेनों पर चांदी के बजाय सुनहरे रंग का इस्तेमाल ज्यादा किया गया है. जो मेट्रो ट्रेनों के स्टेनलेस स्टील बॉडी की चांदी के रंग जैसी बनावट से मेल खा रही है. इसी वजह से कलर कोड के रूप में 'गोल्डन' का चयन किया गया है. मेट्रो के अनुसार यह रंग यात्रियों के लिए ज्यादा सुविधाजनक है.

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बता दें कि दिल्ली मेट्रो ने यात्रियों को मेट्रो की आसान पहचान के लिए अपने सभी परिचालन गलियारों को रंग-कोडित किया है. मेट्रो के हर रूट पर चलने वाली मेट्रो का एक कलर कोड है. इसको मेट्रो पर एक रंगीन पट्टी के तौर पर लगाया जाता है. जैसे द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा/वैशाली तक ब्लू लाइन पर चलने वाली मेट्रो ट्रेनों में खिड़की के नीचे एक नीली पट्टी होती है.

गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो के चरण 4 का एयरोसिटी-तुगलकाबाद मेट्रो कॉरिडोर 15 स्टेशनों के साथ 23.62 किलोमीटर लंबा होगा. यह गलियारा कश्मीरी गेट-राजा नाहर सिंह वायलेट लाइन को एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन से जोड़ेगा और राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी भाग में कई नए क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. इस कॉरिडोर के मार्च 2026 तक चालू होने की उम्मीद है.

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