सूरजपुर: सूरजपुर के केरता मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाने से बड़ी खबर सामने आ रही है. इस कारखाने के बोर्ड को प्रशासन ने भंग करने का फैसला लिया है. सूरजपुर के कलेक्टर अब इस चीनी कारखाने के बोर्ड के अध्यक्ष होंगे. इसके साथ ही अब नए सदस्यों के चुनने की प्रक्रिया आने वाले समय में यहां शुरू होगी. अभी जिले के कलेक्टर रोहित व्यास को केरता मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाने के बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है.
साय सरकार ने शक्कर कारखाने पर लिया बड़ा फैसला: साय सरकार ने केरता शक्कर कारखाने के समूचे बोर्ड को भंग कई शिकायतों को मिलने के बाद किया है. साल 2019 में कांग्रेस शासनकाल में सहकारी शक्कर कारखाना संचालन के लिए बोर्ड अध्यक्ष को चुना गया था. इस बोर्ड में उपाध्यक्ष समेत सदस्य बनाए गए थे. जिनका इस साल सितंबर महीने में कार्यकाल पूरा होना था. उससे पहले ही साय सरकार ने बोर्ड को भंग करने का फैसला लिया.
"शक्कर कारखाना का बोर्ड रजिस्ट्रार ने भंग कर दिया गया है. शक्कर की कमी और कई तरह की अनियमितता के कारण इसे भंग किया गया है.जिला कलेक्टर को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है": रोहित व्यास, कलेक्टर
बोर्ड सदस्यों के खिलाफ मिली थी शिकायतें: छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाने के बोर्ड सदस्यों को लेकर कई शिकायतें मिली थी. जिसकी जांच शुरू की गई. जांच में शक्कर की कमी ठेका मजदूरी में अनियमितता पाई गई. जिसके बाद रायपुर सहकारिता विभाग की तरफ से बोर्ड को भंग कर दिया गया और अध्यक्ष एवं सदस्यों को हटा दिया गया.