जींद: पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी का सितम जारी है. हरियाणा, दिल्ली, पंजाब समेत कई राज्य धुंध की चपेट में है. जिसके चलते विजिबिलिटी कम होने की वजह से यातायात पर काफी असर पड़ रहा है. हरियाणा की बात करें दो मौसम विभाग ने धुंध का अलर्ट जारी किया है. जबकि आगामी 3-4 दिनों तक धुंध और शीतलहर बढ़ने की संभावना भी जताई है.
वहीं, जींद की बात करेंगें जहां पिछले दो दिनों से सुबह के समय कड़ाके की ठंड जबकि दोपहर बाद कुछ समय के लिए सूर्य देवता के दर्शन से सर्दी में थोड़ी सी राहत मिलती है. दिन में अच्छी धूप खिलती है तो आस जागती है कि अगले दिन सुबह ही अच्छी धूप निकलेगी. लेकिन लोगों को ठंड दूर करने के लिए अलाव का ही सहारा लेना पड़ रहा है. शाम होते-होते फिर शीत लहर चल पड़ रही है और तापमान में गिरावट आ रही है.
बुधवार को भी सुबह कड़ाके की ठंड पड़ी तो दोपहर बाद सूर्य देवता बादलों की ओट से निकले. जिससे लोगों को ठंड से कुछ राहत मिली. बुधवार को अधिकतम तापमान 16 डिग्री रहा तो न्यूनतम तापमान चार डिग्री दर्ज किया गया. हवा की गति पांच किलोमीटर प्रति घंटा रही तो आद्रता 79 प्रतिशत बनी रही.
हालांकि ये कड़ाके की सर्दी किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. अब किसानों को आस है कि बारिश हो जाए तो उनकी फसलों के लिए सोने पर सुहागा हो जाएगा. क्योंकि ठंड गेंहू की फसल के लिए अच्छी मानी जाती है. वहीं, यदि प्रतिदिन धूप नहीं खिलती तो गेहूं पीली पड़नी शुरू हो जाएगी.
सर्दी बढऩे के साथ ही इस समय ओपीडी में बुखार, सर्दी, जुखाम, कोल्ड, वायरल, खांसी, सांस लेने में दिक्कत के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. प्रतिदिन ओपीडी में इन मरीजों की संख्या अधिक रहती है. इसमें सबसे ज्यादा संख्या बुजुर्गों व बच्चों की होती है. जिन्हें सांस लेने में परेशानी होती है. वहीं छोटे-छोटे बच्चे बुखार व सर्दी, खांसी से पीडि़त होकर उपचार के लिए आते हैं.
नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला ने बताया कि जिस तरह से इस समय मौसम प्रतिदिन करवट ले रहा है, वो बीमारियों के अनुकूल है. ऐसे में स्पेशल देखभाल की जरूरत है. घर से निकलते हुए गरम कपड़े अवश्य पहनें. छोटे बच्चों को खुले में न आने दें. हीटर, अंगीठी, ब्लौर या अन्य गरम उपकरणों का ज्यादा प्रयोग न करें. गरम पानी समय-समय पर पीते रहें.
वहीं, पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश ने कहा कि मौसम परिवर्तनशील तथा शुष्क बना हुआ है. अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान में गिरावट हो रही है. किसान खेतों का प्रतिदिन दौरा करते रहें. फसलों में किसान जरूरत के हिसाब से खाद डालें और शाम को सिंचाई अवश्य करें. ताकि फसलों पर ठंड का प्रभाव न पड़े.
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