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हिमाचल में तेज हुई शीतलहर, प्रदेश की कई नदियां जमी, बिजली, सड़कें और जलापूर्ति बाधित - Himachal Weather Update

Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश में पिछले कई दिनों से बर्फबारी का दौर जारी है. जिसके वजह से प्रदेश में शीतलहर तेज हो गई है. वहीं, भारी बर्फबारी की वजह से बिजली, पेयजल आपूर्ति और सड़कें बाधित होने से हिमाचल प्रदेश को 1 जनवरी से राज्य को 50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

हिमाचल में तेज हुई शीतलहर
हिमाचल में तेज हुई शीतलहर
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By PTI

Published : Feb 7, 2024, 9:23 PM IST

शिमला: हिमाचल के अधिकांश हिस्सों में बुधवार को शीतलहर तेज हो गई है. क्योंकि न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे रहा और ऊंचाई वाले इलाकों में पानी के सभी प्राकृतिक स्रोत जम गए हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 1 जनवरी से पिछले 38 दिनों में मौसम की अनियमितता के कारण राज्य को 50 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. आंकड़ों के अनुसार कम से कम 37 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए. जबकि 20 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.

मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार अधिक ऊंचाई वाले जनजातीय क्षेत्र, पहाड़ी दर्रे और अन्य ऊंचे स्थान शीतलहर की चपेट में हैं. क्योंकि पारा हिमांक बिंदु से 14 डिग्री से 20 डिग्री नीचे बना हुआ है. पानी के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे झीलें, झरने, नाले और बर्फ से ढकी नदियों की सहायक नदियां और चंद्रभागा नदी का एक बड़ा हिस्सा जम गया, जिसके परिणामस्वरूप सतलुज, रावी, ब्यास और अन्य नदियों में पानी का बहाव कम हो गया.

आईएमडी के मौसम बुलेटिन के अनुसार, लाहौल और स्पीति का कुसुमसेरी बुधवार को राज्य में सबसे ठंडा रहा. जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 12.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. अधिकांश स्थानों पर पारा हिमांक बिंदु के आसपास रहा और सुमदो में न्यूनतम तापमान शून्य से 9.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. इसके अलावा कल्पा में तापमान शून्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस नीचे, नारकंडा में शून्य से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे, मनाली में शून्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस नीचे, भरमौर में शून्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. रिकांगपिओ में तापमान शून्य से 2.5 डिग्री नीचे दर्ज किया गया.

सोलन और पालमपुर में न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जबकि शिमला, भुंतर और सुंदरनगर में क्रमशः 0.3 डिग्री सेल्सियस, 0.4 डिग्री सेल्सियस और 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अधिकांश स्थानों पर सुबह के समय जमीन पर घना पाला पड़ गया, जिससे लोगों को सावधानी से वाहन चलाने और गति धीमी करने के लिए प्रेरित किया गया. मौसम विभाग के अनुसार ऊंची पहाड़ियों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बर्फबारी हुई.

लाहौल और स्पीति के गोंदला में 0.5 सेमी और सांगला में 0.3 सेमी बर्फबारी दर्ज की गई. जबकि शिमला के उपनगरीय इलाके कुफरी में बर्फ के निशान थे. मौसम विभाग ने कहा कि पिछले एक सप्ताह के दौरान व्यापक बारिश और बर्फबारी के बावजूद, सर्दियों में बारिश की कमी 35 प्रतिशत थी. क्योंकि राज्य में 1 जनवरी से 7 फरवरी, 2024 तक सामान्य 104.7 मिमी के मुकाबले 67.7 मिमी औसत वर्षा हुई.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेश में पांच राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 262 सड़कें अभी भी बंद हैं. लाहौल और स्पीति में अधिकतम 138 सड़कें, कुल्लू में 41, चंबा में 37, मंडी में 24, शिमला में 21 और कांगड़ा जिले में एक सड़क यातायात के लिए बंद है. बुधवार शाम को राज्य में 90 ट्रांसफार्मर और 20 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं. स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले छह दिनों तक (13 फरवरी तक) क्षेत्र में शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की है.

आपातकालीन परिचालन केंद्र ने इस अवधि के दौरान मरने वालों की संख्या भी जारी की, जिसके अनुसार 1 जनवरी से आज तक 128 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से 86 लोग दुर्घटनाओं में मारे गए. जबकि 42 लोग भूस्खलन, आग, दुर्घटना के कारण डूबने, ऊंचाई से गिरने, बिजली का झटका और अन्य घटनाओं में मारे गए हैं.

ये भी पढ़ें: 'मिनी स्विट्जरलैंड' की सुंदरता के आगे कुल्लू-मनाली सब फेल!, बर्फबारी के बाद डलहौजी में दिखा जन्नत सा नजारा

शिमला: हिमाचल के अधिकांश हिस्सों में बुधवार को शीतलहर तेज हो गई है. क्योंकि न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे रहा और ऊंचाई वाले इलाकों में पानी के सभी प्राकृतिक स्रोत जम गए हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 1 जनवरी से पिछले 38 दिनों में मौसम की अनियमितता के कारण राज्य को 50 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. आंकड़ों के अनुसार कम से कम 37 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए. जबकि 20 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.

मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार अधिक ऊंचाई वाले जनजातीय क्षेत्र, पहाड़ी दर्रे और अन्य ऊंचे स्थान शीतलहर की चपेट में हैं. क्योंकि पारा हिमांक बिंदु से 14 डिग्री से 20 डिग्री नीचे बना हुआ है. पानी के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे झीलें, झरने, नाले और बर्फ से ढकी नदियों की सहायक नदियां और चंद्रभागा नदी का एक बड़ा हिस्सा जम गया, जिसके परिणामस्वरूप सतलुज, रावी, ब्यास और अन्य नदियों में पानी का बहाव कम हो गया.

आईएमडी के मौसम बुलेटिन के अनुसार, लाहौल और स्पीति का कुसुमसेरी बुधवार को राज्य में सबसे ठंडा रहा. जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 12.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. अधिकांश स्थानों पर पारा हिमांक बिंदु के आसपास रहा और सुमदो में न्यूनतम तापमान शून्य से 9.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. इसके अलावा कल्पा में तापमान शून्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस नीचे, नारकंडा में शून्य से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे, मनाली में शून्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस नीचे, भरमौर में शून्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. रिकांगपिओ में तापमान शून्य से 2.5 डिग्री नीचे दर्ज किया गया.

सोलन और पालमपुर में न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जबकि शिमला, भुंतर और सुंदरनगर में क्रमशः 0.3 डिग्री सेल्सियस, 0.4 डिग्री सेल्सियस और 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अधिकांश स्थानों पर सुबह के समय जमीन पर घना पाला पड़ गया, जिससे लोगों को सावधानी से वाहन चलाने और गति धीमी करने के लिए प्रेरित किया गया. मौसम विभाग के अनुसार ऊंची पहाड़ियों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बर्फबारी हुई.

लाहौल और स्पीति के गोंदला में 0.5 सेमी और सांगला में 0.3 सेमी बर्फबारी दर्ज की गई. जबकि शिमला के उपनगरीय इलाके कुफरी में बर्फ के निशान थे. मौसम विभाग ने कहा कि पिछले एक सप्ताह के दौरान व्यापक बारिश और बर्फबारी के बावजूद, सर्दियों में बारिश की कमी 35 प्रतिशत थी. क्योंकि राज्य में 1 जनवरी से 7 फरवरी, 2024 तक सामान्य 104.7 मिमी के मुकाबले 67.7 मिमी औसत वर्षा हुई.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेश में पांच राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 262 सड़कें अभी भी बंद हैं. लाहौल और स्पीति में अधिकतम 138 सड़कें, कुल्लू में 41, चंबा में 37, मंडी में 24, शिमला में 21 और कांगड़ा जिले में एक सड़क यातायात के लिए बंद है. बुधवार शाम को राज्य में 90 ट्रांसफार्मर और 20 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं. स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले छह दिनों तक (13 फरवरी तक) क्षेत्र में शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की है.

आपातकालीन परिचालन केंद्र ने इस अवधि के दौरान मरने वालों की संख्या भी जारी की, जिसके अनुसार 1 जनवरी से आज तक 128 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से 86 लोग दुर्घटनाओं में मारे गए. जबकि 42 लोग भूस्खलन, आग, दुर्घटना के कारण डूबने, ऊंचाई से गिरने, बिजली का झटका और अन्य घटनाओं में मारे गए हैं.

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