नई दिल्लीः दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय चार साल के अंतराल के बाद 22 मार्च को अपने छात्र संघ चुनाव आयोजित करने वाला है. इसके परिणाम 24 मार्च को घोषित किए जाएंगे. छात्रसंघ चुनाव को लेकर यूनिवर्सिटी की ओर से बनाई गई इलेक्शन कमेटी ने आचार संहिता जारी कर दी है. इसमें कहा गया है कि बिना कमेटी की इजाजत के किसी भी पोस्टर या पेम्फलेट का इस्तेमाल न किया जाए. जेएनयू ने चल रही छात्र संघ चुनाव प्रक्रिया के मद्देनजर अपने छात्रों को एक सलाह में निर्देश दिया है कि सतर्क रहें और परिसर में शांति और सद्भाव बनाए रखें.
जेएनयू में छात्र संघ चुनाव का प्रचार जोरों पर है. सभी छात्र संगठन अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं. सुबह नौ बजे से एक बजे के बीच में जेएनयू में कक्षाओं में जाकर छात्र चुनाव प्रचार कर रहे हैं. साथ ही छात्रावास और मेस में भी जमकर चुनाव प्रचार किया जा रहा है. लेकिन, चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव आचार संहिता का भी उल्लंघन ना हो इसका भी ध्यान रखा जा रहा है. जेएनयू में विद्यार्थी परिषद की इकाई के मीडिया संयोजक आदर्श झा ने बताया कि चुनाव आचार संहिता का पालन करना सभी संगठनों को अनिवार्य है.
आचार संहिता का उल्लंघन करने पर नामांकन निरस्त होने का खतरा रहता है. बता दें, जेएनयू छात्र संघ चुनाव के दौरान हर साल चुनाव समिति के पास आचार संहिता उल्लंघन की खूब शिकायतें पहुंचती हैं. पिछले चुनाव में भी दो काउंसलरों के नामांकन निरस्त करने पर मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया था. इसके बाद हाई कोर्ट ने चुनाव परिणाम की घोषणा पर रोक लगा दी थी. इसके चलते मतगणना के तीन चार दिन बाद चुनाव परिणाम की घोषणा हो सकी थी.
ये भी पढ़ें : जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदाता सूची जारी, जानिए कितने छात्र करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ?
जेएनयू छात्र संघ के लिए गठित चुनाव समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने बताया कि ये नियम छात्र संघ चुनाव के मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का हिस्सा हैं. इनका उल्लंघन करने वाले छात्र संगठनों के प्रत्याशियों के ऊपर नामांकन निरस्त करने की कार्रवाई करने का नियम है. अगर कोई गलत तरीके से चुनाव प्रचार करता है तो उसे पहले चेतावनी दी जाती है. साथ ही उसके द्वारा लिखे गए स्लोगन को तुरंत हटवाया जाता है. अगर दोबारा ऐसा होता है तब नामांकन निरस्त की जाती है.
ये भी पढ़ें : जेएनयू छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती, कोर्ट ने जवाब तलब किया