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दिल्ली के नरेला, रोहिणी जैसे खुले इलाके में विकसित होगा कोचिंग हब, डीडीए ने दिया सुझाव, पढ़ें क्या-क्या होगा - Coaching hub to be built in Delhi

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 31, 2024, 8:53 PM IST

राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर में हादसे के बाद राजधानी दिल्ली में कोचिंग हब बनाने की कवायद तेज कर दी गई है. डीडीए ने कुछ जगहों को प्रस्ताव कोचिंग संचालकों के सामने रखा है, जिस पर सहमति बनती दिख रही है.

कोचिंग हादसे के पांचवें दिन भी छात्रों का प्रदर्शन जारी है. इसको लेकर बुधवार को एलजी ने बैठक की.
कोचिंग हादसे के पांचवें दिन भी छात्रों का प्रदर्शन जारी है. इसको लेकर बुधवार को एलजी ने बैठक की. (RTV Bharat)

नई दिल्ली: RAU'S आईएएस कोचिंग हादसे के बाद समस्या के स्थायी समाधान की कवायद शुरू कर दी गई है. राजनिवास में हुई बैठक में डीडीए ने बाहरी दिल्ली के रोहिणी, नरेला जैसे खुले इलाके में कोचिंग हब बनाने का सुझाव दिया, जिस पर कोचिंग संचालक सहमत दिखाई दिए. बैठक की अध्यक्षता कर रहे उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने भी इस सुझाव को एक बेहतर विकल्प के तौर पर बताया.

दरअसल, रोहिणी, नरेला बाहरी दिल्ली के वह इलाके हैं, जहां डीडीए के हजारों फ्लैट खाली है. यहां कोचिंग सेंटर और कोचिंग हब बनाने के बाद छात्रों की रिहायश संबंधी समस्याएं दूर हो सकती है. LG के सचिव आशीष कुंद्रा के अनुसार, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है. जिसमें कोचिंग संस्थानों के 5-6 प्रतिनिधि, छात्रों के प्रतिनिधि और संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे.

अफसरों की तय हुई जिम्मेदारी

  1. मुख्य सचिव सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कोचिंग संस्थानों/ट्यूशन कक्षाओं के लिए दिशा-निर्देश/नियामक ढांचा तैयार करने का मामला उठाएंगे. छात्रों के व्यापक हित में वे शिक्षा मंत्री के साथ चर्चा करेंगे.
  2. डीडीए के उपाध्यक्ष, एक शिक्षा केंद्र (एडुकेशन हब) की स्थापना के लिए पहले कदम के रूप में नरेला और रोहिणी आदि में चिह्नित स्थानों पर कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के लिए साइट विजिट की सुविधा प्रदान करेंगे, जो सभी कोचिंग संस्थानों को समायोजित करेगा.

छात्र प्रतिनिधियों ने भी बताई समस्याः मीटिंग में मौजूद छात्र प्रतिनिधियों ने संपत्ति दलालों की पकड़ से उत्पन्न अपनी दुर्दशा को साझा किया, जो किराया अधिक वसूलते थे. उन्होंने किराये और अन्य भुगतानों के निपटान में नकदी अर्थव्यवस्था की व्यापकता पर अपनी बात कही. यहां तक कि मकान मालिकों द्वारा लिया जाने वाले बिजली बिल 24 रुपये प्रति यूनिट तक था, इसका जिक्र किया है.

उन्होंने छात्रों के लिए किसी भी शिकायत निवारण तंत्र की गैर-मौजूदगी और कोचिंग संस्थानों के भीतर बुनियादी सुविधाओं की कमी और रिफंड हासिल करने में कठिनाई का मुद्दा भी उठाया. इन तमाम पहलुओं पर हुई बैठक के बाद उपराज्यपाल ने कई निर्देश दिए हैं. उपराज्यपाल एक पखवाड़े के भीतर इस मुद्दे की समीक्षा करेंगे.

बैठक में यह लिए गए निर्णय

  1. बेसमेंट में लाइब्रेरी या शिक्षण सुविधा चलाने वाले किसी भी कोचिंग संस्थान को तुरंत सील कर दिया जाएगा. इस बात पर सहमति बनी कि एक अल्पकालिक उपाय के रूप में संस्थान (विशेष रूप से बड़े संस्थान) छात्रों को अपने भवनों की अन्य मंजिलों पर पढ़ने के कमरे के रूप में स्थान प्रदान करके सहायता करेंगे.
  2. एलजी ने निर्देश दिया कि एक पोर्टल स्थापित किया जाए, जिसमें शहर के सभी कोचिंग संस्थानों और नामांकित छात्रों के आधार आधारित लॉग-इन क्रेडेंशियल हों. इससे एक पारदर्शी डेटाबेस बनाने में मदद मिलेगी, जो सरकार को समय-समय पर नीतिगत ढांचे को आकार देने में मदद करेगी.
  3. अस्पष्टता के कारण चुनौतियों का सामना करने वाले कोचिंग संस्थानों के लिए अग्नि मंजूरी के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा के लिए एमसीडी अपने पोर्टल पर एक लिंक बनाएगी.
  4. एमसीडी आयुक्त अग्नि मंजूरी और भवन उपनियमों के नियामक ढांचे को स्पष्ट करने के लिए अग्निशमन विभाग की एक बैठक बुला सकते हैं.
  5. पुलिस आयुक्त को इन क्षेत्रों में वसूले जा रहे अत्यधिक किराये और कर चोरी के लिए अनिवार्य नकद लेनदेन पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
  6. पुलिस आयुक्त सभी बीट कांस्टेबलों, स्थानीय SHO के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम भी सुनिश्चित करें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर छात्रों को सहानुभूतिपूर्ण और सक्रिय सहायता प्रदान की जा सके.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली कोचिंग हादसाः LG ने बनाई कमेटी, कोचिंग सेंटरों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयार होगी योजना

यह भी पढ़ेंः कोचिंग हादसाः दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई फटकार, पूछा- क्या कोई एमसीडी अधिकारी पकड़ा गया? पुलिस से मांगी रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंः कोचिंग सेंटर के बाहर छात्रों से मिलीं मंत्री आतिशी, पुलिस के हटाने के बाद वापस जुटे स्टूडेंट्स

नई दिल्ली: RAU'S आईएएस कोचिंग हादसे के बाद समस्या के स्थायी समाधान की कवायद शुरू कर दी गई है. राजनिवास में हुई बैठक में डीडीए ने बाहरी दिल्ली के रोहिणी, नरेला जैसे खुले इलाके में कोचिंग हब बनाने का सुझाव दिया, जिस पर कोचिंग संचालक सहमत दिखाई दिए. बैठक की अध्यक्षता कर रहे उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने भी इस सुझाव को एक बेहतर विकल्प के तौर पर बताया.

दरअसल, रोहिणी, नरेला बाहरी दिल्ली के वह इलाके हैं, जहां डीडीए के हजारों फ्लैट खाली है. यहां कोचिंग सेंटर और कोचिंग हब बनाने के बाद छात्रों की रिहायश संबंधी समस्याएं दूर हो सकती है. LG के सचिव आशीष कुंद्रा के अनुसार, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है. जिसमें कोचिंग संस्थानों के 5-6 प्रतिनिधि, छात्रों के प्रतिनिधि और संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे.

अफसरों की तय हुई जिम्मेदारी

  1. मुख्य सचिव सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कोचिंग संस्थानों/ट्यूशन कक्षाओं के लिए दिशा-निर्देश/नियामक ढांचा तैयार करने का मामला उठाएंगे. छात्रों के व्यापक हित में वे शिक्षा मंत्री के साथ चर्चा करेंगे.
  2. डीडीए के उपाध्यक्ष, एक शिक्षा केंद्र (एडुकेशन हब) की स्थापना के लिए पहले कदम के रूप में नरेला और रोहिणी आदि में चिह्नित स्थानों पर कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के लिए साइट विजिट की सुविधा प्रदान करेंगे, जो सभी कोचिंग संस्थानों को समायोजित करेगा.

छात्र प्रतिनिधियों ने भी बताई समस्याः मीटिंग में मौजूद छात्र प्रतिनिधियों ने संपत्ति दलालों की पकड़ से उत्पन्न अपनी दुर्दशा को साझा किया, जो किराया अधिक वसूलते थे. उन्होंने किराये और अन्य भुगतानों के निपटान में नकदी अर्थव्यवस्था की व्यापकता पर अपनी बात कही. यहां तक कि मकान मालिकों द्वारा लिया जाने वाले बिजली बिल 24 रुपये प्रति यूनिट तक था, इसका जिक्र किया है.

उन्होंने छात्रों के लिए किसी भी शिकायत निवारण तंत्र की गैर-मौजूदगी और कोचिंग संस्थानों के भीतर बुनियादी सुविधाओं की कमी और रिफंड हासिल करने में कठिनाई का मुद्दा भी उठाया. इन तमाम पहलुओं पर हुई बैठक के बाद उपराज्यपाल ने कई निर्देश दिए हैं. उपराज्यपाल एक पखवाड़े के भीतर इस मुद्दे की समीक्षा करेंगे.

बैठक में यह लिए गए निर्णय

  1. बेसमेंट में लाइब्रेरी या शिक्षण सुविधा चलाने वाले किसी भी कोचिंग संस्थान को तुरंत सील कर दिया जाएगा. इस बात पर सहमति बनी कि एक अल्पकालिक उपाय के रूप में संस्थान (विशेष रूप से बड़े संस्थान) छात्रों को अपने भवनों की अन्य मंजिलों पर पढ़ने के कमरे के रूप में स्थान प्रदान करके सहायता करेंगे.
  2. एलजी ने निर्देश दिया कि एक पोर्टल स्थापित किया जाए, जिसमें शहर के सभी कोचिंग संस्थानों और नामांकित छात्रों के आधार आधारित लॉग-इन क्रेडेंशियल हों. इससे एक पारदर्शी डेटाबेस बनाने में मदद मिलेगी, जो सरकार को समय-समय पर नीतिगत ढांचे को आकार देने में मदद करेगी.
  3. अस्पष्टता के कारण चुनौतियों का सामना करने वाले कोचिंग संस्थानों के लिए अग्नि मंजूरी के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा के लिए एमसीडी अपने पोर्टल पर एक लिंक बनाएगी.
  4. एमसीडी आयुक्त अग्नि मंजूरी और भवन उपनियमों के नियामक ढांचे को स्पष्ट करने के लिए अग्निशमन विभाग की एक बैठक बुला सकते हैं.
  5. पुलिस आयुक्त को इन क्षेत्रों में वसूले जा रहे अत्यधिक किराये और कर चोरी के लिए अनिवार्य नकद लेनदेन पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
  6. पुलिस आयुक्त सभी बीट कांस्टेबलों, स्थानीय SHO के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम भी सुनिश्चित करें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर छात्रों को सहानुभूतिपूर्ण और सक्रिय सहायता प्रदान की जा सके.

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