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कहीं देवभूमि तो कहीं नदी की जमीन पर अतिक्रमण! सीओ ने की जांच, काम पर रोक

गिरिडीह में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन रेस है.

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अतिक्रमण को लेकर जांच करते गिरिडीह सीओ (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 1 hours ago

गिरिडीह: सदर अंचल में नदी की जमीन और देवभूमि की जमीन पर अतिक्रमण करने का मामला सामने आया है. इन दोनों शिकायत पर अंचलाधिकारी मो. असलम अतिक्रमण स्थल पर पहुंचकर जांच की. इलाके में चल रहे निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है, साथ ही जिन पर आरोप लगा है उन्हें कागजात लेकर कार्यालय बुलाया गया है.

बदडीहा के ग्रामीणों ने की शिकायत

पहला मामला बदडीहा से जुड़ा है. यहां एक जमीन पर भव्य भवन बनाने का काम चल रहा है. जिसका विरोध ग्रामीणों ने किया. यहां के मुखिया मनोज पासी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता तेजलाल मंडल ने सीओ से शिकायत की है. ग्रामीणों ने कहा है कि जिस स्थान पर बंकाबीर धर्मस्थल है, उसका अतिक्रमण किया जा रहा है. इसकी शिकायत की गई तो जांच हुई है. वहीं तेजलाल मंडल ने कहा कि गांव में सरकारी भूमि कुछेक स्थान पर बची है. जिसका उपयोग समाज के लिए किया जाता है, इसका भी अतिक्रमण किया जाने लगा है. उन्होंने कहा कि फर्जी कागजात के सहारे देवभूमि को कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है.

संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)
अवैध कब्जा का आरोप गलत: शिवलाल

इधर बदडीहा की देवभूमि और सरकारी भूमि पर कब्जा करने का आरोप जिनपर लगा है, उनके पुत्र शिवलाल तुरी ने कहा कि यह जमीन उनके पिता फागू तुरी के नाम पर बंदोबस्त है. उनके द्वारा किसी प्रकार का कब्जा नहीं किया जा रहा है. स्थानीय मुखिया उन्हें तंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीओ के कहने पर काम रोक दिया गया है. शिवपाल ने कहा कि वे इस मामले को लेकर कोर्ट भी गए हैं.

बंदोबस्ती रद्द होने के बावजूद हो रहा था काम: सीओ

इधर गिरिडीह के अंचलाधिकारी मो. असलम ने कहा कि सरकारी भूमि की बंदोबस्ती फागू तुरी के नाम पर हुई थी जो बाद में रद्द कर दी गई है. इसके बावजूद इसपर भवन बनाने का काम शुरू कर दिया है. इसकी सूचना पर वे पहुंचे और काम को रोका गया. सीओ ने कहा कि इससे पहले भी काम को रोका गया था. इसके बावजूद निर्माण कार्य किया जाता रहा है. अब इन्हें साफ कहा गया है कि काम जारी रहा तो सख्त कार्रवाई होगी. सीओ ने कहा कि कोई भी निर्णय आने तक काम बंद रहेगा. उन्होंने कहा कि यहां पर हो रहे निर्माण में विकास साव नामक व्यक्ति का भी नाम आ रहा है, इसकी भी जांच हो रही है. सीओ ने बताया कि पिंडाटांड़ में भी नदी का अतिक्रमण किया जा रहा था, उसे भी रोका गया है.

ये भी पढ़ें- प्रतिबंधित सूची में गई गिरिडीह अंचल की 50 हजार एकड़ भूमि, जंगल - झाड़ के साथ सरकारी भूमि पर संचालित मिली फैक्ट्री, कार्रवाई की तैयारी - Illegal occupation of land

वन विभाग ने अपनी जमीन कराई अतिक्रमण मुक्त, अब ग्रामीण परेशान, शहर जाएं तो कैसे जाएं - Hazaribag Forest Department

भू माफियाओं के खिलाफ जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, छुछन्दरी नदी को मूल स्वरूप में लाने की कार्रवाई शुरू, तोड़ा गया निर्माण - Action against land mafia

गिरिडीह: सदर अंचल में नदी की जमीन और देवभूमि की जमीन पर अतिक्रमण करने का मामला सामने आया है. इन दोनों शिकायत पर अंचलाधिकारी मो. असलम अतिक्रमण स्थल पर पहुंचकर जांच की. इलाके में चल रहे निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है, साथ ही जिन पर आरोप लगा है उन्हें कागजात लेकर कार्यालय बुलाया गया है.

बदडीहा के ग्रामीणों ने की शिकायत

पहला मामला बदडीहा से जुड़ा है. यहां एक जमीन पर भव्य भवन बनाने का काम चल रहा है. जिसका विरोध ग्रामीणों ने किया. यहां के मुखिया मनोज पासी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता तेजलाल मंडल ने सीओ से शिकायत की है. ग्रामीणों ने कहा है कि जिस स्थान पर बंकाबीर धर्मस्थल है, उसका अतिक्रमण किया जा रहा है. इसकी शिकायत की गई तो जांच हुई है. वहीं तेजलाल मंडल ने कहा कि गांव में सरकारी भूमि कुछेक स्थान पर बची है. जिसका उपयोग समाज के लिए किया जाता है, इसका भी अतिक्रमण किया जाने लगा है. उन्होंने कहा कि फर्जी कागजात के सहारे देवभूमि को कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है.

संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)
अवैध कब्जा का आरोप गलत: शिवलाल

इधर बदडीहा की देवभूमि और सरकारी भूमि पर कब्जा करने का आरोप जिनपर लगा है, उनके पुत्र शिवलाल तुरी ने कहा कि यह जमीन उनके पिता फागू तुरी के नाम पर बंदोबस्त है. उनके द्वारा किसी प्रकार का कब्जा नहीं किया जा रहा है. स्थानीय मुखिया उन्हें तंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीओ के कहने पर काम रोक दिया गया है. शिवपाल ने कहा कि वे इस मामले को लेकर कोर्ट भी गए हैं.

बंदोबस्ती रद्द होने के बावजूद हो रहा था काम: सीओ

इधर गिरिडीह के अंचलाधिकारी मो. असलम ने कहा कि सरकारी भूमि की बंदोबस्ती फागू तुरी के नाम पर हुई थी जो बाद में रद्द कर दी गई है. इसके बावजूद इसपर भवन बनाने का काम शुरू कर दिया है. इसकी सूचना पर वे पहुंचे और काम को रोका गया. सीओ ने कहा कि इससे पहले भी काम को रोका गया था. इसके बावजूद निर्माण कार्य किया जाता रहा है. अब इन्हें साफ कहा गया है कि काम जारी रहा तो सख्त कार्रवाई होगी. सीओ ने कहा कि कोई भी निर्णय आने तक काम बंद रहेगा. उन्होंने कहा कि यहां पर हो रहे निर्माण में विकास साव नामक व्यक्ति का भी नाम आ रहा है, इसकी भी जांच हो रही है. सीओ ने बताया कि पिंडाटांड़ में भी नदी का अतिक्रमण किया जा रहा था, उसे भी रोका गया है.

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