वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज वाराणसी पहुंचे. यहां आने के बाद सीएम योगी सीधे उदय प्रताप कॉलेज गए. उदय प्रताप कॉलेज के 115वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत की और युवाओं से आह्वान किया कि वह नए भारत नए उत्तर प्रदेश के निर्माण में सहयोग प्रदान करें क्योंकि, युवा ही बदलाव करता है, चाहे आज हो या कल.
उन्होंने वाराणसी में उदय प्रताप कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाए जाने के लिए प्रबंधन से तैयारी करने के लिए भी कहा. उन्होंने अपने भाषण में स्पष्ट कहा कि उदय प्रताप कॉलेज को अब नए रूप में अपने आप को आगे बढ़ाने की जरूरत है. आप प्लान दीजिए शामन उस पर निर्णय लेगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कॉलेज का नाम शिक्षा जगत का एक चमकता हुआ सितारा है. शिक्षा के क्षेत्र में उदय प्रताप कॉलेज ने जो कार्य किए हैं, मुझे लगता है कि सिर्फ वाराणसी या पूर्वी उत्तर प्रदेश या बिहार ही नहीं बल्कि पूरा देश इस क्षेत्र की अपनी कृतज्ञता जाहिर करता है. हम सबको इस बारे में याद रखना होगा.
1909 में वाराणसी में कॉलेज की स्थापना, उस समय की उन महापुरुषों की और खास तौर पर राजर्षि उदय प्रताप सिंह जूदेव के विराट व्यक्तित्व को ही प्रदर्शित करता है. जिनके मन में एक भाव रहा होगा कि हमें राष्ट्रीयता से ओतप्रोत भावी भारत के निर्माण के लिए एक ऐसी शिक्षण और प्रशिक्षण संस्था चाहिए जो देश की आजादी के आंदोलन को तो गति प्रदान करें. साथ ही आवश्यकता पड़ने पर देश के प्रत्येक क्षेत्र में देश को योग्य नागरिक दे सके.
उन्होंने कहा कि यही वजह है बाबा विश्वनाथ की इस पावन स्थली पर 1909 में जो नींव रखी गई थी, वह आज सफल हुई. इस संस्था ने राष्ट्रभक्त नौजवान पीढ़ी को तैयार करने का काम किया है. युवा शक्ति की उपेक्षा करके कोई देश आगे नहीं बढ़ सकता है. हमें उनकी भावनाओं को समझना और सम्मान देना होगा. युवाओं को आगे बढ़ाने और बढ़ने के लिए उचित अवसर देने होंगे. हम उनकी भावनाओं को कैद करके नहीं रख सकते.
उनके आगे बढ़ने की संभावनाओं को हम बाधित नहीं कर सकते, बैरियर नहीं लगा सकते. इसलिए हमें कोई अधिकार भी नहीं मिला है, ऐसा करने का, क्योंकि यह पहली बार नहीं है. दुनिया के अंदर किसी भी देश ने प्रगति तब तक नहीं की है वह देश तब कभी आगे नहीं बढ़ा है. जिस देश के युवा शक्ति कुंठित हो जिस देश की युवा शक्ति अपराध बोध से ग्रसित हो वह देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता.
जहां की युवा शक्ति मजबूत होगी तो ही संभव है विकास, इसलिए जब भी परिवर्तन हुआ है और भविष्य में परिवर्तन होगा, हमारे युवा शक्ति ही करेगी. इसलिए हमारे संस्थानों को युवा शक्ति के केंद्र के रूप में अपने आप को तैयार करना होगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी विद्या का केंद्र है, इसलिए उदय प्रताप शिक्षा समिति के माध्यम से यहां पर इसकी स्थापना की. 1916 में महामाना मदन मोहन मालवीय के द्वारा काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना हुई. यह दोनों काशी के लिए महत्वपूर्ण केंद्र है.
सीएम ने कहा कि हम समय की गति को नहीं रोक सकते और कल का चक्र भी बड़ा विचित्र होता है. वह किसी का इंतजार नहीं करता है. किसी को इंतजार करने की फुर्सत भी नहीं देता, जो समय के साथ अपने आप को लेकर चलता है. वह आगे बढ़ता है और जो प्रवाह में रुक जाता है वह पिछड़ जाता है.
हमें पिछड़ना नहीं है एक अवसर है आपके पास मेरा मानना है कि किसी भी शिक्षण संस्थान को मान्यता देने और उन्हें शासन के अनुरूप कार्य करने के लिए मोटी फाइलों की जरूरत नहीं बल्कि एक पढ़ने की जरूर होनी चाहिए, ऑनलाइन सरलीकरण होना आवश्यक है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी कॉलेज के एक शिक्षक हैं. चेतनारायण सिंह पहले वह योग्य शिक्षक थे अब वह एमएलसी हो गए हैं. अब ट्रेड यूनियन के तरह बात करते हैं. हमारी मांगे पूरी हो चाहे जो मजबूरी हो अगर यह विद्यालय निजी शिक्षण संस्थान के रूप में आवेदन करता है, तो किसी भी शिक्षक के कार्य पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, बल्कि वहां चीज और बेहतर हो जाएंगी.
उन्होंने कहा कि एक समय था जब एक आर्टिकल बनाने में हमें घंटों लगते थे, लेकिन आज डिजिटल युग में ऐसा नहीं है. कम समय लगता है. टेक्नोलॉजी बहुत आगे बढ़ गई है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए सब संभव हो रहा है. अगर समय के साथ हम टेक्निकल ही जानकारी युवा पीढ़ी को नहीं देंगे. रोबोटिक ड्रोन और आई तकनीक के बारे में अगर हम युवाओं को नहीं बताएंगे, कृषि के एडवांस तकनीक के बारे में हम चर्चा नहीं करेंगे तो हम पीछे रह जाएंगे.
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